Big News : केंद्र सरकार ने घटाई उत्पाद शुल्क, पेट्रोल 5 और डीज़ल 10 रुपये हुआ सस्ता
नई दिल्ली। Reduced Excise Duty : दीपावली से एक दिन पहले भारत सरकार ने आम जनता को बड़ी राहत दी है। केंद्र सरकार आज देर रात से ही पेट्रोल और डीज़ल पर लगने वाला उत्पाद शुल्क यानी एक्साइज ड्यूटी कम कर दी | जिसके चलते पेट्रोल में 5 रुपये और डीज़ल में 10 रुपये काम हो जायेगा। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पेट्रोल 107 रूपये प्रति लीटर से अधिक थी जिसमे राहत मिली है।
पेट्रोल 5 और डीज़ल 10 रुपये सस्ता होने से महंगाई कुछ हद तक काम हो सकती है। इस राहत के साथ ही पेट्रोल और डीजल पर वैट कम करने की भी उम्मीद बढ़ गई है। साथ ही आगामी रबी सीजन को देखते हुए किसानों के लिए भी ये राहत की खबर है।
गौरतलब है कि देश के अधिकतर शहरों में पेट्रोल और डीजल 100 रुपये प्रति लीटर के पार चला गया है और लगभग हर रोज करीब 35 पैसे महंगा भी हो रहा है। पेट्रोल डीजल के लगातार बढ़ते कीमतों का सबसे बड़ा असर परिवहन पर पडा जिससे बाजार व्यवस्था भी पूरी तरह से चरमरा गई है और महंगाई भी आसमान छूने लगी है।
केंद्र सरकार द्वारा बढ़ाये गए पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी (Reduced Excise Duty) से बीते छह महीनों में 1.71 लाख करोड़ रुपये की आय हुई है। कोविड-पूर्व के आंकड़ों से तुलना की जाए, तो पेट्रोलियम उत्पादों पर उत्पाद शुल्क संग्रह में 79 फीसदी की बड़ी वृद्धि हुई है।
CGA के आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के पहले छह माह में पेट्रोलियम उत्पादों पर सरकार का उत्पाद शुल्क संग्रह पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 33 फीसदी बढ़कर 1.71 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया । पिछले साल की समान अवधि में यह 1.28 लाख करोड़ रुपये रहा था। यह अप्रैल-सितंबर, 2019 के 95,930 करोड़ रुपये के आंकड़े से 79 फीसदी अधिक है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार की बात करें तो कच्चे तेल की कीमतें सुधार के साथ 85 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई है और मांग घटी है, लेकिन सरकार ने उत्पाद शुल्क नहीं घटाया था। इसके कारण देश के सभी बड़े शहरों में पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर के पार पहुंच गया है। कई राज्यों में डीजल भी शतक लगा चुका है।
राजनीतिक पंडितों की माने तो देश के 30 विधानसभा और 3 लोकसभा में हुए उपचुनाव में भाजपा को कोई ख़ास फायदा नहीं हुआ। उपचुनाव में भाजपा नेताओं ने भी हार का ठीकरा पेट्रोल-डीजल (Reduced Excise Duty) पर बढ़ते दाम को ही फोड़ा है। जिसे देखते हुए केंद्र सरकार ने ये रणनीति अपने है। कई राज्यों में आगामी विधानसभा चुनाव पर भी भाजपा की नजर है इसलिए ये अहम निर्णय लिया गया है।