जोगी बोले- जो कानून नहीं था अस्तित्व में उसके तहत कर दी एफआईआर
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कहा- एफआईआर करने वाले सभी अफसरों व सरकार पर करूंगा केस
रायपुर/नवप्रदेश। जाति (caste) मामले में हाई पॉवर कमेटी (high power committee) की रिपोर्ट के आधार पर बिलासपुर पुलिस ने पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी (ajit jogi) जोगी के खिलाफ गुरवार रात एफआईआर (fir) दर्ज कर ली। दूसरी ओर जोगी (ajit jogi) ने भी इस कार्रवाई के खिलाफ शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी बात रखी।
जोगी (ajit jogi) ने कहा कि जाति मामले में दर्ज एफआईआर पूरी तरह नियम विरुद्ध है और यह दुर्भावना से ग्रसित होकर की गई है। उनके मुताबिक दर्ज केस में उनपर एसटी, एससी, ओबीसी अधिनियम लागू होने से पूर्व के मामले में भी इस अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है।
‘सर्टिफिकेट 1986 का, 2013 का कानून नहीं होता लागू’
उन्होंने कहा कि एसटी, एससी, ओबीसी कानून बना 2013 में और 1986 में बने सर्टिफिकेट को लेकर इस अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज करा दी गई। यह कानून 2013 के बाद के सर्टिफिकेट पर लागू होगा न कि उसके पहले वालों पर। पूर्व मुख्यमंत्री (ajit jogi) ने चेतावनी भी दी कि वे इस कार्रवाई के खिलाफ कोर्ट जाएंगे और एफआईआर दर्ज करने वाले सभी अफसर, पुलिस और सरकार के खिलाफ कोर्ट में केस करेंगे। गौरतलब है कि हाई पॉवर कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अजीत जोगी आदिवासी जाति के नहीं हैं।
सिंहदेव के खिलाफ नहीं जाऊंगा न्यायालय
हाई पॉवर कमेटी के फैसले के फौरन बाद ही मंत्री टीएस सिंहदेव ने टिप्पणी की थी कि जोगी (ajit jogi) के पिता सतनामी जाति के थे तो पिता की जाति के मुताबिक वे आदिवासी नहीं सतनामी हैं। इस बयान के बाद व्यथित जोगी ने चेतावनी भरा पत्र सिंहदेव को लिखा था।
जिसमें उन्होंने कहा था कि सप्ताहभर के अंदर अगर सिंहदेव ने गलती नहीं मानीं और माफी नहीं मांगी तो वे ऐसी धारा के तहत कोर्ट में केस करेंगे जिसमें जेल जाने का भी प्रावधान है। इसके तत्काल बाद सिंहदेव ने संतुलित और चतुरता से शब्दों का चयन कर पत्र लिखा और अपने बयान पर खेद जताते हुए माफी भी मांग ली थी। प्रेस कॉन्फ्रेंस में जोगी ने इस पत्र का हवाला देकर कहा कि वे अब सिंहदेव के खिलाफ कोर्ट नहीं जाएंगे।