संपादकीय: लाल आतंक के खात्में के लिए तेज होता अभियान
Campaign to end Red Terror intensifies: छत्तीसगढ़ के आदिवासी बाहुल्य बस्तर क्षेत्र से लाल आतंक के खात्में के लिए सुरक्षा बलों का अभियान अब और तेज होता जा रहा है।
इस कड़ी में सुरक्षाबलों के जवानों ने एक मुठभेड़ में 9 नक्सलियों को ढ़ेर कर दिया। उनके पास से भारी मात्रा मेें हथियार भी बरामद हुए हैं। एक सप्ताह पूर्व ही इसी तरह की एक मुठभेड़ में 3 नक्सली मारे गए थे।
गौरतलब है कि हाल ही में छत्तीसगढ़ प्रवास पर आए केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने माओवादियों को चेतावनी दी थी कि वे हिंसा का रास्ता छोड़ दें और समाज की मुख्यधारा में लौट आएं।
अन्यथा नक्सलियों के खात्में के लिए निर्णायक लड़ाई लड़ी जाएगी। इसके बाद डीआरजी और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम नें नक्सलियों के खिलाफ अपना अभियान तेज कर दिया है।
बस्तर क्षेत्र के घने जंगलों में फोर्स के जवान मोर्चे पर डटे हुए हैं और लगातार सर्चिंग अभियान चला रहे हैं। जिसकी वजह से अब नक्सलियों के पैर उखडऩे लगे हैं।
बस्तर क्षेत्र के आईजी पी सुंदर राज ने कहा है कि नक्सलियों के खिलाफ आगे और तेज किया जाएगा। 9 नक्सलियों के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षाबल के जवानों ने बड़ी सफलता हासिल की है।
उन्होंने इस अभियान में शामिल सभी सुरक्षा अधिकारियों और जवानों की बहादुरी के लिए उन्हें बधाई दी है और घोषणा की है कि नक्सलवाद के पूरी तरह खात्में तक हमारी यह लड़ाई जारी रहेगी।
प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा ने भी नक्सली मोर्चे पर डटे जवानों की प्रशंसा करते हुए उन्हें बधाई दी है। नक्सली संगठनों को यह बात समझ लेनी चाहिए की हिंसा का रास्ता छोडऩे में ही उनकी भलाई है।
आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों के लिए विष्णुदेव साय सरकार ने नई आत्मसमर्पण नीति लागू की है। इसलिए नक्सलियों को चाहिए की वे हिंसा का रास्ता छोड़ें ताकि बस्तर क्षेत्र में अमन और चैन कायम हो तथा बस्तर के चहुंमुखी विकास का मार्ग प्रशस्त हो।
उम्मीद की जानी चाहिए की नक्सलियों को सदबुद्धि मिलेगी और वे अब हथियार डालकर समाज की मुख्यधारा में लौटेंगे।