ये क्या !… इस वर्ष सिर्फ 5 फीसदी रह सकती है देश की विकास दर
एसबीआई की रिपोर्ट में व्यक्त किया गया अनुमान
नई दिल्ली/नवप्रदेश। चालू वित्त वर्ष में देश के (inia’s) सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर (growth rate) घटकर महज 5 फीसदी (only 5 percent) ही रस सकती है (may remain) । एसबीआई की एक रिसर्च रिपोर्ट में यह अनुमान व्यक्त किया गया है। रिपोर्ट में वित्त वर्ष 2019-20 के लिए जीडीपी दर (growth rate) घटाकर 5 प्रतिशत (only 5 percent) कर दी गई है। पूर्व में आर्थिक वृद्धि दर 6.1 प्रतिशत रहने की संभावना जताई गई थी।
ये रहे कारण
भारतीय स्टेट बैंक के आर्थिक शोध विभाग की रिपोर्ट ‘एकोरैप’ के अनुसार चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में देश के (inia’s) जीडीपी वृद्धि दर घटकर 4.2 प्रतिशत रहने की संभावना है। इसका कारण वाहनों की बिक्री में कमी, हवाई यातायात में कमी, बुनियादी क्षेत्र की वृद्धि दर स्थिर रहने तथा निर्माण एवं बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश में कमी है।
अगले वित्त वर्ष में तेजी के आसार
रिपोर्ट में हालांकि कहा गया है कि अगले वित्त वर्ष 2020-21 में आर्थिक वृद्धि दर में तेजी आएगी और यह 6.2 प्रतिशत रह सकती है। इसमें कहा गया है कि आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए रिजर्व बैंक दिसंबर की मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर में बड़ी कटौती कर सकता है। पिछले महीने रिजर्व बैंक ने नीतिगत दर (रीपो) में 0.25 प्रतिशत की कटौती की। यह लगातार पांचवां मौका है जब नीतिगत दर में कटौती की गई है। केंद्रीय बैंक ने 2019-20 के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को भी 6.9 प्रतिशत से घटाकर 6.1 प्रतिशत कर दिया।
रिपोर्ट की बड़ी बातें
- देश की जीडीपी वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 5 प्रतिशत रही (remain 5 percent) जो 6 साल का न्यूनतम स्तर है।
- चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में वृद्धि दर 4.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
- अक्टूबर 2018 में 33 प्रमुख संकेतकों में वृद्धि की रफ्तार 85 प्रतिशत रही जो सितंबर 2019 में केवल 17 प्रतिशत रह गई।
- मार्च 2019 से गिरावट में तेजी आई है।