Budha Pahad Development Project : क्या है बूढ़ा पहाड़ डेवलपमेंट प्रोजेक्ट? नक्सलियों के गढ़ रहे क्षेत्र में 100 करोड़ खर्च करेगी
रांची, नवप्रदेश। झारखंड के लातेहार, गढ़वा से लेकर छत्तीसगढ़ तक फैला बूढ़ा पहाड़ हाल के दिनों तक नक्सलियों का गढ़ (Budha Pahad Development Project) था। सुरक्षा बलों की मदद से बूढ़ा पहाड़ को नक्सलियों से मुक्त करा लिया गया है. अब झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार अपने राज्य की सीमा में बूढ़ा पहाड़ और उससे सटे गांवों के विकास पर जोर दे रही है। इसके लिए 100 करोड़ रुपये का बूढ़ा पहाड़ डेवलपमेंट प्रोजेक्ट (BPDP) तैयार किया है।
बूढ़ा पहाड़ डेवलपमेंट प्रोजेक्ट (बीपीडीपी) की मदद से उन लोगों और गांवों का विकास होगा, जो दशकों से सरकारी योजनाओं से वंचित थे। इस योजना के तहत सरकार ने गढ़वा जिले की टेहरी पंचायत के 11 गांवों और लातेहार जिला की अक्सी पंचायत के 11 गांवों का संपूर्ण विकास करने का निर्णय लिया है।
11 हजार लोगों को मिलेगा सरकारी योजनाओं का लाभ, होंगे ये काम
बीपीडीपी का फायदा टेहरी, खपरी महुआ, हेसातु, बहेराटोली, तुमेरा, तुरेर समेत अन्य गांवों के कम से कम 11 हजार लोगों को योजना का लाभ मिलेगा। इन गांवों में आधारभूत संरचना तथा सड़क, पुल-पुलिया, स्कूल भवन, आंगनबाड़ी केंद्र, स्वास्थ्य उपकेंद्र खुलेंगे, जहां लोगों को चिकित्सा सुविधा मिलेगी। सिंचाई की सुविधा के साथ-साथ खेल के मैदान भी विकसित किये जायेंगे।
27 जनवरी 2023 को बूढ़ा पहाड़ पर गये थे सीएम हेमंत सोरेन
हेमंत सोरेन गणतंत्र दिवस के एक दिन बाद 27 जनवरी 2023 को इस दुर्गम क्षेत्र में पहुंचे थे। मुख्यमंत्री ने इलाके के विकास का वादा वहां के लोगों से किया था। इस योजना के तहत दुर्गम बूढ़ा पहाड़ क्षेत्र के झाऊल डेरा में 25 केवी और हेसातू, बहेराटोली, तुमेरा, खपरी महुआ, तुरेर, पोलपोल गांव को सौर ऊर्जा से रौशन करने की योजना पर काम शुरू हो चुका है।
बूढ़ा पहाड़ पर बसे गांवों में बदलाव की कहानियां
सरकार ने एक विज्ञापन जारी कर गांवों में विकास का दावा किया है। इसके लिए चार लोगों की बदलाव की कहानियां भी अखबारों में प्रकाशित करायी गयी हैं। इसमें टेहरी की विंको टोप्पो, तुरेर के मंगन किसान, तुमार के धीरन बिरजिया और टेहरी की मयंती मिंज की कहानी बतायी गयी है। इन सभी ने कहा है कि उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ मिला है।
विंको टोप्पो को मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना का मिला लाभ
टेहरी की विंको टोप्पो कहती हैं कि बोलेरो वाहन के लिए उन्हें मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना का लाभ मिला। अब जल्द ही उनके पास अपना वाहन होगा। तुरेर के मंगन किसान कहते हैं कि मुख्यमंत्री के आने के बाद से उन्हें सरकार की कई योजनाओं का लाभ मिला है। बकरी पालन के लिए बकरियां मिलीं और पशु शेड भी स्वीकृत हुआ। उनकी पत्नी को भी योजना का लाभ मिला है।
धीरन बिरजिया के पोते-पोतियों की पढ़ाई के लिए हर माह 6,000 रुपये
तुमेरा गांव के धीरन बिरजिया की बेटे-बहू की मौत हो चुकी है। उनके चार बच्चों की जिम्मेदारी बुजुर्ग दंपती के कंधे पर आ गयी। सरकार इन बच्चों की पढ़ाई के लिए हर महीने 6,000 रुपये दे रही है। धीरन को वृद्धा पेंशन भी मिलने लगी है। टेहरी गांव की मयंती मिंज के पति का निधन हो चुका है। अब उन्हें पेंशन मिल रही है। आवास योजना कालाभ मिला है. राशन कार्ड और जॉब कार्ड भी मिल गया है।
इन योजनाओं का लोगों को मिल रहा लाभ
झारखंड सरकार ने दावा किया है कि बूढ़ा पहाड़ पर रहने वाले लोग दशकों से योजनाओं से वंचित थे। अब उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ मिलने लगा है। जिन योजनाओं का लाभ मिलने की बात सरकार ने कही है, वो इस प्रकार है :
- सर्वजन पेंशन योजना
- आवास योजना
- राशन कार्ड
- अंत्योदय राशन कार्ड
- जॉब कार्ड
- ई-श्रम कार्ड
- मनरेगा जॉब कार्ड
- दीदी बाड़ी योजना
- मुख्यमंत्री पशुधन योजना
- बिरसा आवास योजना
- मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना