BSNL में एससी-एसटी कर्मी अपने हक से वंचित, संसदीय समिति ने केंद्र को सुनाई खरी-खरी, कहा-लटकाकर…, पढ़ें पूरा मामला
नई दिल्ली/नवप्रदेश। बीएसएनएल (bsnl employees and reservation promotion) में एससी-एसटी कर्मचारियों (sc-st employees not getting reservation in promotion) को उनका हक नहीं मिल पा रहा है। जिसके कारण संसद की अनुसूचित जाति व जनजाति कल्याण समिति (parliamentary committee pulls up government and bsnl) ने केंद्र सरकार व बीएसएनएल को खरी-खरी सुनाई है। भाजपा सांसद डॉक्टर किर्ती प्रेमजीभाई सोलंकी ने संचार मंत्रालय के अधीन दूरसंचार विभाग तथा बीएसएनएल को एससी-एसटी कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण को लेकर लचर रवैया अपनाने को लेकर खरी-खरी सुनाई है।
समिति की रिपोर्ट कहती है- सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी लटकाकर रख दिया प्रमोशन
समिति (parliamentary committee pulls up government and bsnl) की रिपोर्ट को संसद के मौजूदा मानसून सत्र में शुक्रवार को सदन के पटल पर रखा गया था। इसका शीर्षक है- सरकारी सेवाओं, पीएसयू तथा ऑटोनामस संस्थाओं विशेषकर बीएसएनएल में निजीकरण, कार्य की आउटसोर्सिंग तथा संविदा रोजगार की पृष्ठभूमि में एससी व एसटी को आरक्षण सुनिश्चित करने के मार्ग व साधन। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि बीएसएनएल में एससी-एसटी कर्मचारियों (sc-st employees not getting reservation in promotion) का प्रमोशन लटकाकर रखा गया है, वो भी तब जब सुप्रीम कोर्ट अपने 2018 के फैसले में केंद्र सरकार को एससी-एसटी को कानून सम्मत तरीके से पदोन्नति में आरक्षण की अनुमति दे चुका है।
बीएसएनएल का जवाब- कोर्ट की मानहानि की बन जाएगी स्थिति
वहीं बीएसएनएल (bsnl employees and reservation in promotion) ने इस पर समित को दिए अपने जवाब में विभिन्न हाईकोर्ट में चल रहे केसों का हवाला दिया है। साथ ही कहा है कि यह मामला न्यायलय में विचाराधीन और इससे कोर्ट की मानहानि की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। वर्तमान में चल रही बीएसएनएल की पुनर्गठन प्रक्रिया के चलते इसके मैन पॉवर में विभिन्न स्तरों पर आमूलचूल परिवर्तन की संभावना है। बीएसएनएल ने अपने कर्मियों को वीआरएस का ऑप्शन भी दे रखा है। बीएसएनएल ने प्रमोशन को रोके रखने के लिए समिति से इस बात का भी जिक्र किया है।
बीएसएनएल में 153823 कर्मचारी
देश की बड़ी पीएसयू में से एक बीएसएनएल में 153823 कर्मचारी कार्यरत हैं। इनमें से 44983 एग्जीक्युटिव तथा 108839 गैर एक्जीक्युटिव श्रेणी में है। एग्जीक्युटिव श्रेणी में एससी कर्मियों का प्रतिशत 17.86 फीसदी है तथा एसटी का आंकड़ा 6.01 फीसदी है। गैर एग्जीक्युटिव में एससी कर्मियों का प्रतिशत 18.73 फीसदी है और एसटी का प्रतिशत 5.35 प्रतिशत है।
124 अधिकारियों का जारी नहीं हुआ प्रमोशन ऑर्डर
लेकिन संसदीय समित ने अनुशंसा की है कि बीएसएनएल प्रबंधन को एग्जीक्युटीव व नान एग्जीक्युटीव श्रेणी में एससी-एसटी के लिए तय आरक्षण का सख्ती से पालन करना चाहिए। समिति ने इस बात पर पुन: बल दिया है कि एसटी के लिए तय रिजर्वेशन के प्रतिशत को बनाए रखना बेहद जरूरी है, ताकि एसटी को अधिक अवसर मिल सके। सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल के स्टे ऑर्डर के कारण दूरसंचार विभाग ने वर्ष 2018 से एससी-एसटी के 124 अधिकारियों का प्रमोशन ऑर्डर जारी नहीं किया है।