भाई-बहन देख नहीं सकते, विधवा मां चाहकर भी नहीं भर सकती उनका पेट
- बलरामपुर जिले के बेलकुर्ता गांव की प्रमिला बाई व उनके बच्चों की दर्द भरी दास्तां
रायपुर, नवप्रदेश। भाई-बहन (brother and sister) जन्म से ही देखने में अक्षम (visually impaired)। जी रहे हैं तो बस विधवा मां (widow mother) के सहारे। लेकिन वह चाहकर भी इनका पेट भरने के लिए बाहर काम पर नहीं जा सकती (could not go at work)। उम्र के 60 वर्ष पार करने की दहलीज पर पहुंची इस मां को अब यह चिंता सताने लगी है कि उसके दुनिया से चले जाने के बाद उन भाई-बहन का क्या होगा।
लिहाजा अब इस बेबस मां (widow mother) ने छत्तीसगढ़ सरकार से मदद की गुहार लगाई है। बात हो रही है बलरामपुर जिले के रामचंद्रपुर विकासखंद के बेलकुर्ता गांव की महिला प्रमिला बाई की, जिनका बेटा व बेटी जन्म से ही देखने में अक्षम हैं। प्रमिला बाई अपने दोनों बच्चों के साथ एक जीर्ण-शीर्ण हो चुके मकान में रहती है।
बड़ा बेटा भी मारा गया हादसे में:
प्रमिला बाई (pramila bai) को शायद ये चिंता भी नहीं सताता यदि उनका बड़ा बेटा जिंदा होता। उनके बड़े बटे की कार हादसे में मौत हो चुकी है। प्रमिला बाई (pramila bai) बताती है-‘अब मैं बूढ़ी हो चुकी हूं। मेरे पति व बड़ा भी बेटा इस दुनिया में नहीं रहे। घर में दोनों भाई-बहन (brother and sister) की देखभाल करने के लिए भी कोई नहीं है।
इसलिए मैं बाहर काम पर भी नहीं जा सकती। वृद्धावस्था पेंशन भी हमेशा तय समय पर नहीं आती। राशन कार्ड पर सिर्फ 35 किलो चावल मिलता है, जिससे हम तीनों का तीन वक्त पेट भरना मुश्किल हो गया है।’
बेटे ने कहा -मां बाहर गई तो नहीं जी सकेंगे :
वहीं प्रमिला बाई का बेटा दशरथ बताता है- ‘मेरा राशन कार्ड कुछ कारणों से रद्द हो गया। जिसकी वजह से हमें पहले मिल रहा अतिरिक्त 35 किलो राशन अब नहीं मिल पा रहा है। मां(widow mother) के अलावा मेरा व मेरी बहन रीना का कोई दूसरा सहारा नहीं है। यदि वह बाहर काम पर जाती है तो हमारा जीना मुश्किल हो जाएगा।’
दशरथ ने यह भी बताया कि अधिकारियों ने घर आकर उन्हें नया राशन कार्ड बनवा देने का वादा किया पर उसके बाद कोई कार्रवाई नहीं हुई। रीना भी कहती है कि सरकार को उनकी मदद करनी चाहिए अन्य परिवार का जीना नामुमकिन हो जाएगा।
कलेक्टर बोले- मदद के दिए हैं निर्देश :
इस मामले में जिले के कलेक्टर संजीव कुमार झा का कहना है कि उन्होंने सामाजिक न्याय विभाग के अधिकारियों को उक्त परिवार की हर संभव मदद करने के निर्देश दिए हैं। वे उनकी हर समस्या का निराकरण कर मुझे रिपोर्ट देंगे। जिसके आधार पर मैं आगे की कार्रवाई करूंगा।