चार साल से अधर में पुल, 18 से बढ़कर 53 करोड़ हुई लागत

चार साल से अधर में पुल, 18 से बढ़कर 53 करोड़ हुई लागत

Khairagarh Raipur bypass road Amner river bridge construction incomplete traffic pressure

Khairagarh Raipur bypass road Amner river bridge construction incomplete traffic pressure

2008 में बाईपास की मिली थी स्वीकृति, जिला घोषित होने के बाद यातायात का दबाव बढ़ता जा रहा

  • बाईपास सड़क के लिए आमनेर नदी पर बनाए जा रहे पुल के प्रति विभागीय कार्यप्रणाली पर सवाल
  • सेतु निगम चार साल में दो बार बदल चुका है ठेका, इस कारण पुल का काम धीमा

रायपुर(खैरागढ़)/नवप्रदेश। Khairagarh Raipur bypass road Amner river bridge construction incomplete traffic pressureशहर से यातायात का दबाव हटाने के लिए पिछले चार साल से बन रही बाईपास सड़क एक निर्माणाधिन पुल के अधर में लटके होने की वजह से शहर की परेशानी लगातार बढ़ती जा रही है। वहीं दुर्घटनाओं में भी इजाफा हुआ है। लोगों का समय बर्बाद हो रहा है, पर शासन-प्रशासन जनता की सुविधा को लेकर अब भी अनदेखी कर रहे हैं। ऐसे में बाईपास सड़क 10 साल तक उलझा रहा। 2018 में इसका निर्माण शुरू किया गया, तो बाईपास की लागत 18 करोड़ से बढ़कर सीधे 53 करोड़ रुपए पहुंच गई।

शहर की जनता को परेशानियों से बचाने के लिए 6 किलोमीटर लंबी बाईपास सड़क में तीन स्तरीय पुलों का निर्माण प्रस्तावित किया गया था। चार साल पहले लोक निर्माण विभाग ने सेतु निगम द्वारा निर्माण कराए जा रहे आमनेर नदी पर बनने वाले पुल का आधा निर्माण भी अब तक नहीं हो पाया है। चार साल में दो ठेकेदार इसके लिए बदले जा चुके हैं, लेकिन इसमें धीमी रफ्तार के चलते इसके निर्माण को पूर्ण होने में संशय की स्थिति बन गई है, जबकि साल भर पहले मुस्का और मोतीनाला में निर्माण शुरू होने वाले उगा स्तरीय पुलों का निर्माण कार्य अंतिम चरण में पहुंच गया है।

सोनेसरार तक 6 किमी बननी है बाईपास सड़क

बता दें कि शहर की अंदरुनी सड़क से यातायात का भार कम (Khairagarh Raipur bypass road Amner river bridge construction incomplete traffic pressure) करने 2008 में शहर के बाहर शासकीय महाविद्यालय से लेकर सोनेसरार तक 6 किमी लंबी बाईपास सड़क निर्माण की स्वीकृति मिली थी। इस सड़क का निर्माण पूरा होने से शहर के अंदर राजनांदगांव-कवर्धा मार्ग में भारी वाहनों की आवाजाही से छुटकारा मिलना है। वहीं शहर के अंदर यातायात व्यवस्था का सुचारू संचालन भी व्यवस्थित होता, पर विकास कार्य की अनदेखी ने सब चौपट कर रखा है।

अनेक प्रक्रियाओं में लग गए 10 साल

जानकारी अनुसार जिला निर्माण के बाद लगातार बढ़ते यातायात दबाव के लिए बाईपास सड़क योजना को पूरा करना अति आवश्यक है, लेकिन बाईपास सड़क निर्माण पर लगा ग्रहण अब तक छूट नहीं पाया है। बाईपास मामले में जमीन अधिग्रहण सहित अनेक प्रशासकीय प्रक्रियाओं में बाईपास सड़क 10 साल तक उलझा रहा। 2018 में इसका निर्माण शुरू किया गया तो बाईपास की लागत 18 करोड़ से बढ़कर सीधे 53 करोड़ रुपए पहुंच गई।

दो बार टेंडर की मियाद खत्म, बढ़ाया गया समय

लोकनिर्माण विभाग ने बाईपास सड़क निर्माण कार्य प्रारंभ कराया तो इस मार्ग पर आने वाले पुलों के निर्माण प्रक्रिया के लिए सेतु निगम को अधिकृत किया गया। (Khairagarh Raipur bypass road Amner river bridge construction incomplete traffic pressure) सेतु निगम ने 2018 में ही आमनेर नदी पर बनने वाले पुल का टेंडर किया, लेकिन तत्कालीन ठेकेदार के सुस्त और धीमे काम के रवैये के चलते इसका कार्य समय पर पूरा नहीं हो पाया। दो बार टेंडर की मियाद खत्म होने के बाद इसे बढ़ाया गया, लेकिन ठेकेदार के निर्माण काम में तेजी नहीं आई। साल भर पहले ही इसका टेंडर दोबारा निकाल कर दूसरे ठेकेदार को काम थमाया गया है। इसके बाद भी काम में गति नहीं आई है।

संयुक्त बैठक में उठी मांग, पर निर्माण में नहीं आई गति

शहर में यातायात व्यवस्था सुधारने, निर्माण कार्यों को पूरा कराने, अतिक्रमण हटाए जाने जैसे मामलों में राजस्व, नगर पालिका प्रशासन सहित यातायात पुलिस विभाग की संयुक्त बैठक में बाईपास सड़क निर्माण कार्य को जल्द पूरा कराए जाने का गंभीर मसला उठा था। बैठक में एसडीएम टंकेश्वर साहू, पालिका सीएमओ प्रमोद शुक्ला, यातायात प्रभारी शक्ति सिंह सहित गणमान्य नागरिक व विभिन्न संघ, संगठनों के पदाधिकारी भी मौजूद थे। बैठक में कहा गया कि बाईपास निर्माण पूरा किए जाने के बाद यातायात शहर में बढ़ते दबाव के कम होने का हवाला भी दिया गया था, लेकिन बाईपास कार्य में तेजी लाने अब तक कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पाई है।

एसडीएम ने जताई नाराजगी, टेंडर निरस्त करने कहा

मामले में एसडीएम टंकेश्वर साहू ने सेतु निगम अधिकारियों से फोन पर चर्चा कर बाईपास सड़क निर्माण की जानकारी लेते हुए आमनेर पुल निर्माण प्रक्रिया की लेटलतीफी को लेकर नाराजगी जताई और इसके निर्माण में तेजी लाने के निर्देश दिए थे। अधिकारियों को निर्माण कार्य समय पर पूरा नहीं करने पर इसका टेंडर निरस्त कर नया टेंडर निकालने भी कहा गया, लेकिन राजनांदगांव से संचालित हो रही सेतु निगम बाईपास सड़क में निर्माणाधीन पुल को लेकर अब तक प्रशासनिक गंभीरता नहीं दिखाई दे रही है।

बाईपास पूरा होने पर शहर में आधा दबाव हो जाएगा कम

6 किमी लंबी बाईपास सड़क निर्माण पूरा होने के बाद आवाजाही शुरू होने से शहर के भीतर का यातायात दबाव आधे से कम हो जाएगा। राजनांदगांव-कवर्धा मार्ग पर चलने वाले भारी वाहन दुर्ग, रायपुर, धमधा, नागपुर, बालाघाट, जबलपुर, बिलासपुर के लिए शहर के भीतर से होकर गुजरते हैं। बाईपास से यातायात शुरू होने से इन शहरों की ओर जाने वाले भारी वाहन शहर के बाहर से ही निकल जाएंगे। इसके चलते शहर के पिपरिया, सिविललाइन, ईतवारीबाजार, धरमपूरा, अमलीपारा में सड़क किनारे खड़े भारी वाहनों की समस्या खत्म हो जाएगी। पुराना बस स्टैंण्ड, टेम्पो चौक, ईतवारीबाजार के धमधा मोड़ में लगने वाले जाम से भी छुटकारा मिल सकेगा।

काम में तेजी लाने के निर्देश

बाईपास सड़क निर्माण मे आमनेर नदी पर बन रहे पुल के धीमे रप्तार पर सेतु निगम के अधिकारियों से चर्चा कर निर्माण में तेजी लाने कहा गया है। बाईपास सड़क निर्माण कार्य जल्द पूर्ण कराया जाएगा।

टंकेश्वर साहू, एसडीएम, खैरागढ़

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