Breaking:Mi-17 V5 Crash : Mi-17 V5 चॉपर क्रैश, सीडीएस जनरल बिपिन रावत का निधन, IAF ने की पुष्टि
13 अधिकारीयों की मीडिया एजेंसी ने की पुष्टि
नई दिल्ली। Mi-17 V5 Crash : CDS बिपिन रावत का हेलीकॉप्टर हादसे में निधन हो गया है। इंडियन एयर फ़ोर्स ने बुधवार शाम इसकी पुष्टि कर दी है। इसके बाद से ही उन सभी अटकलों पर विराम लग गया जिसमे उनके जीवित होने की सम्भवना बानी हुई थी। हेलीकाप्टर में सवार सभी 14 अधिकारीयों सहित क्रू मेंबर की मौत की पुष्टि आधिकारिक तौर पर कर दी गई है।
आपको बता दें कि सीडीएस बिपिन रावत अपनी पत्नी के साथ वेलिंगटन में एक कार्यक्रम में शामिल होने बुधवार को सुबह दिल्ली से तमिलनाडु के वेलिंग्टन में आर्म्ड फोर्सेज कॉलेज जा रहे थे। यहां जनरल रावत को लेक्चर था। जानकारी के मुताबिक Mi-17 V5 हेलिकॉप्टर में सेना के कुल 14 अधिकारी सवार थे। जिसमे सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत, ब्रिगेडियर एलएस लिद्दर, लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह, नायक गुरसेवक सिंह, नायक जितेंद्र कुमार, लांस नायक विवेक कुमार, लांस नायक बी साई तेजा और हवलदार सतपाल सवार थे। इनके अलावा चालक दल के 5 लोग हेलिकॉप्टर में मौजूद थे।
देश के पहले सीडीएस बने रावत
जनरल बिपिन रावत देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ हैं, उन्होंने 1 जनवरी 2020 को रक्षा प्रमुख के पद का भार ग्रहण किया। यह पद आज से पहले किसी को नहीं मिला है। थलसेना, वायुसेना और नौसेना तीनो के बिच तालमेल बैठाना चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का काम है। इससे पूर्व वो भारतीय थलसेना के प्रमुख थे। रावत 31 दिसंबर 2016 से 31 दिसंबर 2019 तक थल सेनाध्यक्ष के पद पर रहे।
गौरतलब है कि जनरल बिपिन रावत के पिता लेफ्टिनेंट जनरल लक्ष्मण सिंह रावत, जो सेना से लेफ्टिनेंट जनरल के पद से सेवानिवृत्त हुए। बिपिन रावत ने ग्यारहवीं गोरखा राइफल की पांचवी बटालियन से 1978 में अपने करियर की शुरुआत की थी। रावत ने देहरादून में कैंबरीन हॉल स्कूल, शिमला में सेंट एडवर्ड स्कूल और भारतीय सैन्य अकादमी , देहरादून से शिक्षा ली , जहां उन्हें ‘सोर्ड ऑफ़ ऑनर ‘ दिया गया। वह फोर्ट लीवनवर्थ , यूएसए में डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज , वेलिंगटन और हायर कमांड कोर्स के स्नातक भी हैं। उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय से डिफेंस स्टडीज में एमफिल , प्रबंधन में डिप्लोमा और कम्प्यूटर स्टडीज में भी डिप्लोमा किया है। 2011 में, उन्हें सैन्य-मीडिया सामरिक अध्ययनों पर अनुसंधान के लिए चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय , मेरठ द्वारा डॉक्टरेट ऑफ़ फिलॉसफी से सम्मानित किया गया।
हेलिकॉप्टर क्रैश में बाल-बाल बचे थे
जनरल बिपिन रावत आज के हादसे के पहले 3 फरवरी 2015 को हेलिकॉप्टर क्रैश में बाल-बाल बचे थे। इस समय बिपिन रावत लेफ्टिनेंट जनरल हुआ करते थे। 2015 में नागालैंड के दीमापुर जिले में बिपिन रावत समेत सेना के तीन अधिकारी चीता हेलिकॉप्टर पर सवार थे। उड़ान भरने के कुछ देर बाद ही हेलिकॉप्टर जब 20 फुट की ऊंचाई पर था उस समय क्रैश हो गया था। इस हादसे में हेलिकॉप्टर पर सवार अधिकारियों को मामूली चोटें आई थी। ये घटना इंजन फेल होने के कारण हुई थी। रक्षा विभाग के अनुसार क्रैश हुए हेलीकॉप्टर में दो पायलट और सेना के एक अधिकारी सवार थे, लेकिन दुर्घटना में कोई घायल नहीं हुआ था। दुर्घटना में हेलिकॉप्टर को नुकसान हुआ था।
क्रैश में सभी की मौत
हेलीकॉप्टर क्रैश हादसे में 4 घंटे की रेस्क्यू के बाद 14 में से 13 लोगों की मौत की पुष्टि मीडिया एजेंसी एनआईए ने की थी। एएनआई के हवाले से खबर यह है कि हादसे में जिनकी मौत हुई है उनकी पहचान करने के लिए डीएनए टेस्ट किया जाएगा। वेलिंगटन आर्मी अस्पताल में सीडीएस जनरल बिपिन रावत को बचाने के लिए हर सम्भव प्रयास किये गए बावजुद इसके रावत जिन्दगी की जंग हार गए। देर शाम इंडियन एयरफोर्स ने आधिकारिक पुष्टि करते हुए स्पष्ट कर दिया की रावत, उनकी पत्नी मधुलिका सहित सभी हेलीकाप्टर सवारों की मौत हो चुकी है। हादसे के बाद राजनाथ सिंह बिपिन रावत के दिल्ली स्थित घर पहुंचे थे और जनरल रावत की छोटी बेटी तारिणी रावत को ढांढस बंधाया था।
Mi-17V5 है ख़ास हेलीकॉप्टर
हादसे का शिकार हुआ हेलिकॉप्टर Mi-17V5 प्रमुख रूप से मिलिटरी ट्रांसपोर्ट वेरिएंट है। मिलिट्री से जुड़ी चीजों को अलग-अलग स्थानों तक पहुंचाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। Mi-17V5 को कजान हेलिकॉप्टर्स नाम की एक कंपनी तैयार करती है। यह कंपनी रशियन (रूस) हेलिकॉप्टर्स की ही एक सहायक कंपनी है। Mi-17V5 के बारे में कहा जाता है कि यह हेलिकॉप्टरों के Mi-8/17 फैमिली का सैन्य परिवहन संस्करण है। Mi-17V5 को दुनिया के मोस्ट अडवांस्ड (अत्याधुनिक) ट्रांसपोर्ट हेलिकॉप्टर्स में से एक माना जाता है। इस हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल सुरक्षाबलों के साथ ही हथियार, फायर सपॉर्ट, कॉनवॉय एस्कॉर्ट पहुंचाने में किया जाता है। इस हेलिकॉप्टर के जरिए सर्च ऐंड रेस्क्यू (तलाशी और बचाव) अभियानों को भी पूरा किया जाता है। Mi-17V5 का इस्तेमाल देश के प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और रक्षामंत्री भी करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने बीते दिनों इसी हेलीकॉप्टर में सियाचीन की यात्रा की थी।