Breaking : रेडी टू ईट फूड निर्माण व वितरण पर 12 जनवरी को सुनवाई, महिला स्व सहायता समूह को झटका

Breaking : रेडी टू ईट फूड निर्माण व वितरण पर 12 जनवरी को सुनवाई, महिला स्व सहायता समूह को झटका

Breaking: Hearing on ready-to-eat food manufacturing and distribution on January 12, shock to women's self-help group

HC Hearing

बिलासपुर/नवप्रदेश। HC Hearing : महिला स्व सहायता समूहों के द्वारा लगाई गई याचिका पर आज हुई सुनावाई में राज्य सरकार का पक्ष छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने माँगा है। ऐसे में अब अगली सुनवाई 12 जनवरी को होगी। सुनवाई आगे बढ़ने से महिला स्व सहायता समूह हाईकोर्ट से निराशा हाथ लगी है।

गौरतलब है कि रेडी टू ईट मामले में पांच स्व सहायता समूहों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए छत्तीसगढ़ सरकार के फैसले को चुनौती दी थी। समूह का कहना है कि छत्तीसगढ़ सरकार के रेडी-टू-ईट संबंधी नए फैसले से प्रदेश की हजारों स्व सहायता समूह प्रभावित हो रहे हैं। इन समूहों से लाखों महिलाएं जुड़ी हुई हैं।

दरअसल, कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया है कि अब आंगनबाड़ी केन्द्रों में वितरण किए जाने वाले रेडी टू ईट का निर्माण स्व सहायता समूह नहीं करेंगीं। सरकार ने इसके गुणवत्ता पूर्ण निर्माण के लिए अलग सरकारी एजेंसी तय कर दी है। अब स्व सहायता समूहों की भूमिका केवल वितरण में रहेगी।

प्रकरण में संपूर्ण सुनवाई (HC Hearing) के बाद है कोर्ट ने व्यवस्था देते हुए कहा कि राज्य शासन इस योजना को 4 फरवरी 2022 से लागू करेगा तब तक किसी भी स्व सहायता समूह को राज्य शासन बाहर नहीं कर रही है और उन्हें तब तक कार्य करने की अनुमति शासन के निर्देशानुसार प्रदान की जाती है। इसके साथ ही यदि शासन चाहे तो राज्य शासन एवं स्व सहायता समूहों के बीच जो अनुबंध हुए है, उन्हें अनुबंधो की शर्तों अनुसार ही उसे समाप्त कर सकता है, ऐसे में राज्य सरकार के उक्त निर्णय पर माननीय न्यायालय ने किसी भी प्रकार से रोक नही लगाया है।

राज्य सरकार की ओर से महाधिकता सतीश चन्द्र वर्मा ने माननीय न्यायालय को यह अवगत कराया है कि महिला समूहों को जो उनका मूल कार्य है जिसमें रेडी दू ईट फूड को गरम पकाना, बच्चों को वितरीत करना, ट्रांसपोर्ट करना अर्थात जो मूल कार्य है वह करने की अनुमति राज्य सरकार पूर्व में ही दे चुका है और उनके हितों की रक्षा राज्य सरकार कर रही है।

अतएव उपरोक्त तारतम्य में किस भी अंतरिम आदेश (HC Hearing) की आवश्यकता महिला स्व सहायता समूह के लोगों के पक्ष में देने की आवश्यकता नही है। मामले को राज्य शासन के जवाब के बाद 12 जनवरी 2022 को सुनवाई के लिए तय किया गया है।

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