Breaking : किसान आंदोलन स्थगित, 11 दिसंबर से दिल्ली से घर लौटेंगे किसान
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Farmers' Movement Postponed
नई दिल्ली। Farmers’ Movement Postponed : देश में 378 दिन से चली आ रही किसान आंदोलन गुरुवार को स्थगित हो गई। संयुक्त किसान मोर्चा ने इसका ऐलान कर दिया है। गुरुवार को दोपहर में सिंधु बॉर्डर में संयुक्त किसान मोर्चा की 32 किसान संगठनों की घर जाने का प्रस्ताव पर अहम बैठक हुई, जिसमे केंद्र सरकार के द्वारा तीनो कृषि बिल वापसी के बाद यह निर्णय सर्वसम्मति से ली गई है।
संयुक्त किसान मोर्चा के संयोजक राकेश टिकैत ने प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि 11 दिसंबर से किसान दिल्ली से घर लौटेंगे। उन्होंने कहा किये आंदोलन खत्म नहीं हुआ है ब्लकि स्थगित किया गया है। संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि यदि सरकार उनके वादों को पूरा नहीं करती है तो वे दोबारा फिर से आंदोलन का रुख करने को मजबूर होंगे।
किसान हर महीने समीक्षा बैठक कर केंद्र सरकार के द्वारा अन्य वादे जो पूरे नहीं किये गए उन पर मंथन करेंगे। उन्होंने कहा कि आज भी किसानों के कई सवाल हैं जो सरकार ने जवाब नहीं दिया है। जिसमे एमएसपी (Farmers’ Movement Postponed) जैसे सवाल अभी भी अधूरे हैं। आंदोलन स्थगित करने के बाद 15 जनवरी को पहली बैठक होगी,जिसमे केंद्र सरकार के अधूरे वादों पर चर्चा की जाएगी। 378 दिन बाद किसान आंदोलन स्थगित किया गया है। किसानों ने कहा कि यह आंदोलन को खत्म ना माना जाए क्योंकि यदि सरकार अपने वादे के मुताबिक खरी नहीं उतरती है तो किसान फिर से वापस आएंगे।
संयुक्त किसान मोर्चा ने बताया कि दिल्ली बॉर्डर से किसान 11 दिसंबर से हटने शुरू करेंगे। उसके बाद 13 दिसंबर को अमृतसर में हरमिंदर साहिब पर मत्था टेकेंगे। वहीं, 15 दिसंबर से पंजाब के टोल प्लाजा पर डटे हुए किसान भी हट जाएंगे।
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गौरतलब है कि सिंधु बॉर्डर सहित पंजाब और हरियाणा के सीमाओं पर एक साल से अधिक दिनों तक चली किसान आंदोलन जैसा आंदोलन अब तक देश में कभी नहीं हुआ। बीते दिनों प्रधानमंत्री मोदी ने कानून वापसी की घोषणा की। वहीं संसद में सत्र के दौरान दोनों सदनों में इसकी वापसी की कार्रवाई भी हुई। हलाकि केंद्र सरकार नेफ किसानों को आश्वस्त भी किया कि उनकी बाकि बची मांगों पर भी सहानुभूतिपूर्वक विचार जल्द किया जायेगा।
11 दिसंबर को आंदोलनकारी किसान विजय दिवस (Farmers’ Movement Postponed)मनाएंगे। सभी सीमाओं पर जश्न मनाया जायेगा। आंदोलन को स्थगित करने के ऐलान के बाद ही सीमाओं पर लगाए गए किसानों के तम्बुओं को खोले जाने की प्रक्रिया किसानों ने शुरू कर दिया है।