Break Custom : बहू ने किया सास का अंतिम संस्कार, बेटा बोला…? देखें
गुजरात। Break Custom : आमतौर पर अब तक आप सभी ने देखा होगा कि माता-पिता का अंतिम संस्कार पुत्र या कुछ विशेष परिस्थितियों में पुत्री द्वारा किया जाता है, लेकिन किसी बहू ने अपनी सास का अंतिम संस्कार किया है, ऐसा शायद पहली बार हुआ है। जी हां, आपने सही पढ़ा। सूरत शहर में इस परंपरा को तोड़कर बेटे के रहते हुए बहू ने अपनी सास को मुखाग्नि दी।
परंपरा को बदलना चाहता था सवानी परिवार
दरअसल हिंदू (Break Custom) रीति-रिवाजों में पारंपरिक रूप से महिलाओं को श्मशान में प्रवेश करने या दाह संस्कार में हिस्सा लेने की मनाही है, लेकिन गुजरात सूरत के सवानी परिवार इस परंपरा को बदलना चाहता था। एल पी सवानी ग्रुप ऑफ स्कूल्स के संस्थापक मावजी सवानी का परिवार घर की महिलाओं को साथ लेकर उमरा श्मशान में दाह संस्कार के लिए पहुंचा। सवानी की पत्नी वसंतबेन का 67 साल की उम्र में लंबे समय तक लीवर की बीमारी के कारण निधन हो गया था। करीब एक महीने पहले उनका लीवर ट्रांसप्लांट भी हुआ था। मृतका की बेटी भावना ने बहू पूर्वी के साथ मिलकर विद्युत शवगृह में शव का अंतिम संस्कार करने से पहले दाह संस्कार में हिस्सा लिया।
बहू बोलीं- मां की तरह उनकी सेवा की
पूर्वी ने अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा कि मैंने पिछले कई सालों से अपनी मां की तरह उनकी सेवा की। इसलिए, मैं उसके अंतिम संस्कार में भी शामिल होना चाहती थी।
बेटा बोला- उनका अधिकार था
वहीं वसंतबेन (Break Custom) के बेटे धर्मेंद्र सवानी ने कहा, ‘मेरी पत्नी की इच्छा थी कि वह मेरी मां के अंतिम संस्कार में शामिल हो क्योंकि वह पिछले कई हफ्तों से लगातार उनकी सेवा कर रही थी। यह पूर्वी का अधिकार था और परिवार के सभी सदस्य सहमत थे।’