संपादकीय: बिहार में गृह विभाग पर भाजपा का कब्जा
BJP takes over the Home Department in Bihar
Editorial: बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए ने एतिहासिक बहुमत हासिल करके एक बार फिर नीतीश कुमार के नेतृत्व में अपनी सरकार बनाई है इस बार भाजपा ने नीतीश कुमार के अधिन रहने वाले गृह विभाग पर अपना कब्जा कर लिया है। गौरतलब है कि अपने दो दशक के कार्यकाल के दौरान मुख्यमंत्री रहते हुए नीतीश कुमार ने गृह विभाग को हमेशा अपने पास रखा था और बिहार की कानून और व्यवस्था स्थिति में सुधार भी किया था। लालू राबड़ी राज में जिस बिहार में जंगलराज स्थापित हो गया था वहां कानून और व्यवस्था की स्थिति को सुचारू बनाये रखने नीतीश कुमार निश्चित रूप से सफल रहे और पूरे बिहार में उन्हें सुशासन बाबू के रूप में जाना जाने लगा था।
किन्तु पिछले कुछ समय से बिहार में एक बार फिर कानून और व्यवस्था की स्थिति चरमराने लगी थी तभी यह कयास लगाये जा रहे थे कि बढ़ती उम्र के कारण नीतीश कुमार से इस बार गृह मंत्रालय भाजपा ले लेगी। अंतत: वही हुआ और अब उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को गृह मंत्रालय की बागडोर सौंप दी गई है जिन्होंने बिहार के आपराधिक तत्वों को चेतावनी दी है कि उनके खिलाफ अब कड़ी कार्यवाही की जाएगी और बिहार में अब जंगलराज के लिए कोई जगह नहीं होगी। वैसे सम्राट चौधरी के लिए बिहार में कानून और व्यवस्था की स्थिति में सुधार लाना बेहद चुनौतीपूर्ण काम होगा और अब उनकी असली अग्नि परीक्षा शुरू होगी।
अब तक नीतीश कुमार ने बिहार में जो सुशासन बनाये रखा था उसे कायम रखना अब भाजपा की जिम्मेदारी बन गई है। नीतीश कुमार से गृह मंत्रालय लेने के फैसले को लेकर राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस पार्टी कटाक्ष भी कर रही है कि अब नीतीश कुमार सिर्फ नाम के ही मुख्यमंत्री रह गये हैं। बिहार में सरकार भाजपा के ही इशारे पर ही चलेगी । दरअसल नीतीश कुमार अब उम्रदराज हो चुके हैं और उनकी सेहत भी उनका साथ नहीं दे रही है। ऐसे में गृह विभाग जैसे बेहदमहत्वपूर्ण मंत्रालय की जिम्मेदारी से उन्हें मुक्त करके भाजपा ने सही निणर्य लिया है जिसमें नीतीश कुमार का कद कम करने वाली कोई बात नहीं है।
बिहार में कानून और व्यवस्था की स्थिति में सुधार करना निहायत जरूरी है। तभी वहां पूंजि निवेश आकर्षित किया जा सकेगा। उल्लेखनीय है कि बिहार में रंगदारी और गुंडागर्दी के चलते ही लालू प्रसाद यादव के कार्यकाल के दौरान वहां उद्यागो की स्थापना नहीं हो पाई थी। इस मामले में बिहार की स्थिति भी बंगाल की तरह ही थी जहां पूंजि निवेश करने से उद्योगपति कतराते रहे हैं। बहरहाल सम्राट चौधरी गृह मंत्री के रूप में बेहतर काम करके दिखाएंगे ऐसी उम्मीद की जा सकती है।
