Birth Certificate Issue : जन्म प्रमाणपत्र आनलाइन प्रक्रिया में ‘डेटा लॉक’, क्यूआर कोड के अभाव में आधार अपडेट अटका

Birth Certificate Issue

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आफलाइन बने जन्म प्रमाणपत्रों को ऑनलाइन सिस्टम में दर्ज कराने में लोगों को भारी दिक्कतों (Birth Certificate Issue) का सामना करना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा समस्या वर्ष 2016 से 2021 के बीच ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल से जारी किए गए प्रमाणपत्रों के साथ सामने आ रही है। इस अवधि के डेटा को सिस्टम ‘लॉक’ बताकर रिजेक्ट कर रहा है। लिहाजा हजारों अभिभावक बच्चों के आधार कार्ड बनवाने और अपडेट कराने में परेशान हो रहे हैं, क्योंकि पुराने जन्म प्रमाणपत्रों में क्यूआर कोड मौजूद नहीं है।

पहले छत्तीसगढ़ में जन्म प्रमाणपत्र ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल से जारी किए जाते थे, लेकिन वर्ष 2020 में केंद्र सरकार ने आदेश जारी किया कि देशभर में जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्रों का एक समान प्रारूप होना चाहिए। इसके बाद राज्य में सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (सीआरएस) लागू किया गया। अब नए प्रमाणपत्र क्यूआर कोड और डिजिटल वेरिफिकेशन के साथ उपलब्ध हैं, जिससे वे आधार सहित अन्य जरूरी दस्तावेजों के लिए मान्य हो जाते हैं।

समस्या तब पैदा हुई जब पुराने जन्म प्रमाणपत्रों को ऑनलाइन रिकॉर्ड (Birth Certificate Issue) से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू की गई। कई अभिभावकों ने आफलाइन प्रमाणपत्र को डिजिटल स्वरूप में बदलने आवेदन किए, लेकिन पोर्टल 2016-2021 के रिकॉर्ड को लॉक दिखा रहा है। इससे अपडेट प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ रही है। बताया जा रहा है कि ई-डिस्ट्रिक्ट प्रमाणपत्रों पर क्यूआर कोड नहीं होने के कारण डिजिटल सत्यापन बाधित हो रहा है और आधार कार्ड बनवाने में इन्हें अस्वीकार किया जा रहा है।

अधिकारियों का कहना है कि प्रशासनिक कार्यों में ई-डिस्ट्रिक्ट प्रमाणपत्र अभी भी मान्य हैं, लेकिन आधार कार्ड प्रक्रिया में तकनीकी मानकों के कारण बाधा आ रही है। कई अभिभावकों के तात्कालिक काम—स्कूल एडमिशन से लेकर स्वास्थ्य बीमा और पहचान सत्यापन तक—अटके पड़े हैं।

डेटा लॉक समस्या (Data Lock Problem) को लेकर कई जिलों ने आर्थिक एवं सांख्यिकी संचालनालय को पत्र भेजकर मांग की है कि 2016-21 अवधि का डेटा अनलॉक किया जाए, ताकि पुराने जन्म प्रमाणपत्र सीआरएस पोर्टल पर दर्ज हो सकें। संचालनालय को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि यदि समय रहते तकनीकी सुधार नहीं किया गया, तो यह समस्या आगे और गंभीर बन सकती है।

जानकारों का मानना है कि जन्म प्रमाणपत्र जैसे नागरिक दस्तावेजों का ऑनलाइन होना जरूरी है, लेकिन संक्रमणकालीन स्थिति में तकनीकी समन्वय की कमी सबसे बड़ा अवरोध बनती जा रही है। आधार कार्ड के लिए क्यूआर कोड अनिवार्यता पुरानी फाइलों को नई प्रणाली में समायोजित करने की चुनौती बढ़ा रही है।

जनता और अधिकारी दोनों अब समाधान की प्रतीक्षा में हैं। कई परिवारों ने आशंका जताई है कि यदि आधार कार्ड अटकने (Aadhaar Trouble) की समस्या लंबी चली, तो आने वाले शैक्षणिक और प्रशासनिक चक्रों में इसका व्यापक असर पड़ेगा। फिलहाल उम्मीद प्रशासनिक हस्तक्षेप की है, ताकि हजारों लंबित रिकॉर्ड जल्द ही ऑनलाइन हो सकें।

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