Birbhum Violence : बीरभूम हिंसा को लेकर बवाल
Birbhum Violence : बंगाल के बीरभूम जिले में हुई ङ्क्षहसा को लेकर बवाल बढ़ता ही जा रहा है। इस बीच बीरभूम में हुई हिंसा की घटना में घायल एक और महिला की उपचार के दौरान मौत हो गई। पहले ही आठ लोग जिसमें बच्चे भी शामिल थे जिंदा जलकर मर चुके थे अब उनकी संख्या बढ़कर नौ हो गई है।
इस घटना के बाद से सियासत तेज हो गई है। भाजपा प्रतिनिधि मंडल ने बीरभूम जिले का दौरा किया था उसके बाद मुख्यमंत्री ममता बेनर्जी भी जाकर पीडि़तों के परिवार से मिली थी और उन्होने इस हिंसा की घटना की जांच के लिए एसआईटी के गठन की घोषणा की थी लेकिन कोलकाता हाईकोर्ट ने इस मामले की सीबीआई जांच कराने का निर्देश दे दिया है जो मुख्यमंत्री ममता बेनर्जी को नागवार लग रहा है।
उन्होने आरोप लगाया है कि इस मामले की सीबीआई जांच के पीछे भी साजिश है। यदि सीबीआई ने भाजपा के इशारे पर काम किया तो वे सीबीआई का विरोध करेंगी। ममता बेनर्जी सत्ता के नशे में चूर होकर सीबीआई को सीधे धमकी दे रही है। इधर बंगाल विधानसभा में भी बीरभूम हिंसा (Birbhum Violence) को लेकर जमकर बवाल मचा।
भाजपा और टीएमसी के विधायक आपस में भिड़ गए जिसके चलते सुधेंदु अधिकारी सहित पांच भाजपा विधायकों को आगामी आदेश तक विधानसभा से निलंबित कर दिया गया है। बंगाल का यह बवाल दिल्ली तक पहुंच गया है जहां अब टीएमसी सांसदों के प्रतिनिधि मंडल ने केन्द्रीय गृह मंत्री से मुलाकात की थी और अब बंगाल के भाजपा सांसद प्रधानमंत्री से भेंट करने जा रहे है।
कांग्रेस ने भी बंगाल हिंसा (Birbhum Violence) को लेकर कोलकाता में विरोध प्रदर्शन किया है और बंगाल में बिगड़ती कानून और व्यवस्था की स्थिति को लेकर वहां राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की है। कुल मिलाकर बीरभूम जिले में हुई हिंसा को लेकर सियासत तेज होती जा रही है और विपक्ष ममता बेनर्जी को निशाने पर ले रहा है लेकिन ममता बेनर्जी अभी भी यही तर्क दे रही है कि बंगाल से ज्यादा हिंसा उत्तर प्रदेश और बिहार में होती रही है लेकिन बंगाल को बदनाम करने की साजिश की जा रही है। बहरहाल बीरभूम हिंसा की सीबीआई जांच के बाद ही सच्चाई सामने आएगी और दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।