Bilaspur: मां ने स्टांप पेपर पर लिखा था- अस्थि विसर्जन भी बेटी ही करेगी, पर बेटे ने...

Bilaspur: मां ने स्टांप पेपर पर लिखा था- अस्थि विसर्जन भी बेटी ही करेगी, पर बेटे ने…

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बिलासपुर/नवप्रदेश । बिलासपुर (bilaspur) की एक मां (mother ) की अंतिम इच्छा (last wish) पूरी करने में कथित तौर पर बेटा ही बाधक बन गया। दरअसल मां की अंतिम इच्छा थी कि उसके मरणोपरांत बेटी (daughter) ही उसे मुखाग्नि दे और अस्थियों (last remains) को विसर्जित (immersion) करें।

बेटी (daughter) ने मां (mother) की अंतिम इच्छा (last wish) अनुसार मुखाग्नि तो दे दी, लेकिन अस्थियां (last remains) विसर्जित (immersion) नहीं कर पाईं। दरअसल मुक्ति धाम से बेटा बिना इजाजत के ही अस्थियों को ले आया है। और अब बेटी अस्थियों के लिए विधायक और पुलिस का चक्कर काट रही है।

30 साल से साथ रहती थी मां

बिलासपुर (bilaspur) के व्यापार विहार क्षेत्र के 25 न. बंगला में रहने वाली शीला शुक्ला के साथ ही उनकी 90 वर्षीय बुजुर्ग मां रहती थी । पिछले करीब 30 सालों से शीला ही अपनी बुजुर्ग मां की पूरी तरह सेवा कर रही थी। अपनी बेटी के इसी सेवा और स्नेह से अभिभूत मां की अंतिम इच्छा थी कि उसकी मृत्यु के पश्चात उसे मुखाग्नि देने का अधिकार भी बेटी शीला शुक्ला को ही मिले और अंत्येष्टि के बाद तर्पण पिंडदान और अस्थि प्रवाहित करने की जिम्मेदारी भी 90 साल की बुजुर्ग रितिका नर्मदा बाई मिश्रा ने अपनी बेटी शीला शुक्ला को ही सौंपी थी।

13 मई को हुआ देहांत

13 मई को बुजुर्ग रितिका नर्मदा बाई मिश्रा का देहांत हो गया। मां की अंतिम इच्छा को पूरा करते हुए शीला शुक्ला ने भारतीय नगर श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार किया और मां की अंतिम इच्छा को पूरा करते हुए बेटी शीला शुक्ला ने हीं मुखाग्नि भी दी । लेकिन जब अगले दिन वह अपने बेटे के साथ श्मशान घाट पर मां की अस्थियां समेटने पहुंची तो पता चला कि उनके पहुंचने से पहले ही उनका भाई चंद्रशेखर मिश्रा अपने बेटे शशांक शेखर मिश्रा के साथ पहुंचकर बिना गार्ड की अनुमति के ही जबरन मां की अस्थियां लेकर जा चुका है ।

मरने से पहले स्टांप पेपर में दिया था लिखकर

रितिका बाई ने मरने से पहले बाकायदा स्टांप पेपर में लिखकर और वीडियो बनाकर अपनी अंतिम इच्छा जाहिर की थी। लेकिन भाई अस्थियां उठा ले गया। भाई द्वारा इस तरह अस्थियो की चोरी करने से भावनात्मक रूप से बुरी तरह आहत शीला शुक्ला ने शुक्रवार को सिविल लाइन थाने पहुंचकर अस्थि वापस दिलाने की गुहार लगाई ।

पुलिस पशोपेश में

बिलासपुर (bilaspur) पुलिस भी इस मामले में पशोपेश में नजर आ रही है । थाने में बात न बनती देख शीला शुक्ला ने बिलासपुर विधायक शैलेश पांडे का भी दरवाजा खटखटाया और उनसे मामले में दखल देते हुए अपनी मां का अस्थि कलश दिलाने की मांग की। ताकि उनकी अंतिम इ’छा की पूर्ति करते हुए उनके अस्थि फूल का विसर्जन पवित्र घाट में कर सके ।

बेटी बोलीं- विधायक ने दिलाया है मदद का भरोसा

शीला शुक्ला ने कहा कि अपनी मां की अंतिम इच्छा तक पूरी करने में हो समर्थ नहीं हो पा रही है। और इस राह में अड़चन कोई और नहीं उसका अपना सगा भाई है, जिसने मां की कभी परवाह नहीं की। बिलासपुर विधायक ने भी पूरी मदद का भरोसा दिलाया है।

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