Bilaspur High Court Judgment : जमानत पर बाहर आया…फिर किया वहशीपन…हाई कोर्ट ने कहा – सजा भुगतो, एक नहीं दो बार…!

बिलासपुर, 16 मई। Bilaspur High Court Judgment : छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने एक ऐतिहासिक और मिसाल कायम करने वाला निर्णय सुनाते हुए बलात्कारी आरोपी को लगातार दो मामलों में अलग-अलग सजा भुगतने का आदेश दिया है। यह फैसला सिर्फ एक कानूनी प्रक्रिया नहीं, बल्कि न्याय प्रणाली की संवेदनशीलता और अपराध के प्रति उसकी ‘ज़ीरो टॉलरेंस नीति’ का उदाहरण है।
सीतापुर के संजय नागवंशी नामक आरोपी को पाक्सो कोर्ट ने पहले ही एक नाबालिग के साथ दुष्कर्म के मामले में 10 साल की सजा सुनाई थी। जेल में रहते हुए उसने अस्थायी जमानत के लिए याचिका लगाई और छूटते ही फिर एक नाबालिग को शिकार बना (Bilaspur High Court Judgment)लिया। एक बार फिर उसे 10 साल की कठोर सजा (Bilaspur High Court Judgment)मिली। अब आरोपी ने दोनों सजाओं को एक साथ चलाने की अपील की थी, जिसे हाई कोर्ट ने सख्त टिप्पणी के साथ खारिज कर दिया।
हाई कोर्ट ने कहा, “जिस व्यक्ति ने एक बार जमानत का दुरुपयोग किया और समाज में लौटते ही फिर वही अपराध दोहराया, उसे किसी भी प्रकार की राहत देना न्याय का अपमान होगा।”
कोर्ट ने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि दोनों अपराध अलग-अलग समय और परिस्थिति में हुए हैं, इसलिए सजा भी अलग-अलग भुगतनी ही होगी। इससे साफ संदेश जाता (Bilaspur High Court Judgment)है कि न्याय प्रणाली उन अपराधियों पर किसी प्रकार की नरमी नहीं बरतती जो बार-बार अपराध करते हैं और जिनकी मानसिकता समाज के लिए खतरा बन चुकी है।
इस ऐतिहासिक फैसले के बाद आरोपी को अब कुल 20 साल की कैद भुगतनी होगी। यह मामला न केवल एक कानूनी दृष्टांत बन गया है, बल्कि उन पीड़ितों के लिए भी उम्मीद की किरण है, जिनके साथ न्याय की प्रतीक्षा लंबी होती है।