Bilaspur Fake Police Marriage Case : फर्जी शादी, वर्दी की चाल और दस लाख की ठगी…जब महिला आयोग की सुनवाई में उधड़ा एक बड़ा झूठ…!

Bilaspur Fake Police Marriage Case : फर्जी शादी, वर्दी की चाल और दस लाख की ठगी…जब महिला आयोग की सुनवाई में उधड़ा एक बड़ा झूठ…!

बिलासपुर, 16 जून| Bilaspur Fake Police Marriage Case : छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ0 किरणमयी नायक, सचिव श्रीमती किरण कुजुर व सदस्य श्रीमती सरला कोसरिया ने प्रार्थना सभा कक्ष जल संसाधन विभाग में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रस्तुत 31 प्रकरणों पर जनसुनवाई की। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ0 किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज प्रदेश स्तर पर 325 व बिलासपुर जिले में 18वीं सुनवाई हुई।

आज के सुनवाई के दौरान एक प्रकरण में आवेदिका ने अनावेदक के खिलाफ अपने विभाग में अनावेदक के खिलाफ कार्यस्थल पर उत्पीड़न के शिकायत सितम्बर 2024 में किया था। दिसम्बर 2024 में आयोग में शिकायत किया है शिकायत के साथ आवेदिका आंतरिक परिवाद समिति में दर्ज हुआ है बयान की प्रणाणित प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया हैं। जिसमें सभी गवाहों ने आवेदिका के बयान की पुष्टि किया है लेकिन आंतरिक परिवाद समिति के द्वारा प्रकरण का निराकरण नही किया जा रहा (Bilaspur Fake Police Marriage Case)है इसलिए आवेदिका ने स्थानीय परिवाद समिति में अपना प्रकरण भेजने का अनुरोध किया है। स्थानीय परिवाद समिति के द्वारा जॉच किया जा रहा है जो स्थानीय समिति 01 माह के अंदर जॉच कर आयोग को प्रेषित् करें ताकि अनावेदक के खिलाफ कार्यवाही किया जा सके। वर्तमान में अनावेदक एडीएम का ड्रावईर है उन्हे भी पत्र प्रेषित किया जावे कि महिला के खिलाफ अपमान जनक टिप्पणी करने वाले के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करें अगामी सुनाई अगस्त 2025 में रायपुर में सुनवाई करने का निर्देश।

अन्य प्रकरण प्रस्तुत उभय पक्ष उपस्थित आवेदिका ने बताया कि दोनो का सुलह हो गया है एक साथ रह रहे है आवेदिका द्वारा बताया गया है लेकिन पति के द्वारा गाली गलौच करते है उसके लिए समझाईस दिया जाये सखी सेन्टर बिलासपुर को निगरानी के लिए  06 माह के लिए दिया जाता है इसके बाद प्रकरण नस्तिबद्ध किया गया। अन्य प्रकरण प्रस्तुत अनावेदन उपस्थित आवेदिका ने शिकायत किया है अनावेदक ने आरक्षक बताकर शादी किया था जिसमें उसके परिवार वाले ने साथ  दिया था पता चलने के बाद आवेदक ने शिकायत किया विगत चार माह से अपने मायके में रह रही है अनावेदक बड़ी बड़ी नेताओं के साथ लगातार धोखा दिता कहा कि आवेदिका के परिजनों ने दस लाख का समान शादी में दिया था और आवेदक कि मामा नरेन्द्र कुमार साहु तथा अनावेदक के पिता प्रेम सहाु उपस्थित तथा आवेदक को यह जिम्मेदारी लिया (Bilaspur Fake Police Marriage Case)है वह आवेदक से किसी प्रकार से परेशानी नही होने देंगे और उसका अच्छे से ख्याल रखेगे। इस स्तर पर उभय पक्ष के मध्य लिखित राजीनामा आज ही प्रस्तुत करे ताकि सुलहनामा के आधार पर अग्रिम कार्यवाही किया जा सकेे। उभयपक्ष ने अपना सुलहनामा के एग्रीमेन्ट की फोटो का प्रस्तुत पूरा कापी उभयपक्ष को दिया गया सुलहनामा कि आधार पर प्रकरण नस्तिबद्ध किया गया।

अन्य प्रकरण प्रस्तुत अनावेदक पटवारी संघ में पामगढ़ तहसील का अध्यक्ष है और इसने अपने सर्विस बुक में आवेदिका का नाम दर्ज नही किया है अनावेदक को 15 दिवस का समय दिया जाता है कि अपने सर्विस बुक की कापी आयोग में 30 जून को उपस्थित होकर अपने 10-10 शर्ताे के साथ आयोग में प्रस्तुत करे तथा अगली सुनवाई उपस्थित होने का निर्देश अगली सुनवाई हेतु प्रस्तुत। अन्य प्रकरण प्रस्तुत आवेदिका ने अनावेदक के खिलाफ लैगिंक उत्पीड़न कानून के तहत शिकायत किया (Bilaspur Fake Police Marriage Case)है जिसके तहत कोई कार्यवाही नही की गई है तब आवेदिका ने ब्।ज् कैट में औरइ उच्च न्यायालय में शिकायत किया था जिस पर जॉच अभी जारी है लेकिन ओवदिका को इसी अनावेदक के इसी अनावेदक अधिनस्त कार्य करने को मजबुर किया जा रहा है। अनावेदक ने बताया कि उनके विभाग में चार उच्च अधिकारी है आवेदिका को किसी अन्य अधिकारी के तहत कार्य करने के लिए भेजा जा सकता है

इस प्रकरण मे आवेदिका ने मुख्य पोस्ट मास्टर को भी पक्षकार बनाया और एक पत्र. भेजा जाकर आवेदिका के प्रकरण में आंतरिक परिवाद समिति की जॉच रिपोर्ट दो माह के अंदर में आयोग में प्रेषित करने का पत्र भेजा जाये साथ ही यह भी भेजा जाये आवेदिका अथवा अनावेदक का स्थानांतरण रिपोर्ट 15 दिवस में भेजा जाये। इस स्तर पर आवेदिका ने कहा कि 10 माह का वेतन नही मिला है उसकी बेटी बीएचएमएस की पढ़ाई कर रही है उसकी फीस नही पटा पा रही है।

इस स्तर आवेदक अनावेदक के बताये जाने पर अन्य अधिकारी से अध्यक्ष द्वारा बात किया गया कि और उनको कहा गया कि आवेदिका के बताया वेतन का शीघ्र निर्णय करने के लिए कहा गया की उनके कार्यालय पो0 जनरल आफिस जयस्तंभ रायपुर में पत्र प्रेषित किया (Bilaspur Fake Police Marriage Case)जायेगा आज की आर्डरसीट की कापी निःशुल्क दिया जाये तथा अपनी शिकायत के लिए निराकरण करने में सहयोग हो सके अगामी सुनवाई आयोग रायपुर में रखी जायेगी।अन्य प्रकरण प्रस्तुत आवेदिका उपस्थित अनावेदक क्रमांक 03 उपस्थित अनावेदक क्रमांक 01, 02 अनुपस्थित।

अनावेदन क्रमांक 02 अनावेदक के पति और शा. मा. शाला उस्लापुर में कार्यरत है से शादी कर लिया है उसके तरफ से एक बेटा और एक बेटी है शासकीय सेवक होते हुए अनावेदक क्रमांक 02 ने अवैधानिक रूप से दूसरी शादी किया है नियमानुसार उसकी शासकीय सेवा से पृथक की जा सकती है। जिस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र प्रेषित किया जाये तथा रायपुर सुनवाई 14.07.2025 को उपस्थित कराने का निर्देश तथा उस्लापुर के शिक्षक श्री कोशले के लिए अधिकारी को पत्र भेजा जाये कि उन्हे तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाये और उसकी सेवा पुस्तिका की प्रमाणित प्रतिलिपि प्रेषित 15 दिन के अंदर आयोग प्रस्तुत अनावेदक क्रमांक 02 को पुलिस अधीक्षक को पत्र प्रेषित करें। कि सुनावाई पर एसआई के माध्यम से उपस्थित कराये। अगली सुनवाई हेतु प्रस्तावित।

अन्य प्रकरण प्रस्तुत उभयपक्ष उपस्थित आवेदक ने आरोप लगाया था कि उसकी मकान को बेजा कब्जा मकान को तोड़वाया था लेकिन अनावेदक पक्ष ने यह बताया कि तहसील कार्यालय से नया बेजा कब्जा को हटाया और तहसील में उसका प्रकरण निराकृत हो चुका है अतः आयोग द्वारा रखे जाने का कोई औचित्य नही है। अतः प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया। अन्य प्रकरण प्रस्तुत उभयपक्ष उपस्थित आवेदक ने बेजा कब्जा के जमीन पर बटवारा की शिकायत किया है आपसी विवाद को सुलझाये बगैर उनके बेजा कब्जा का निपटारा नही हो सकता है आयोग प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया।

अन्य प्रकरण प्रस्तुत आवेदक के सामाजिक बहिस्कार किया था दोनो पक्षों का सुना गया दोनो पक्षों के मध्य थाना मुंगेली  में सुलहनामा हो चुका अनावेदक पक्ष ने कहा है कि हमने कोई सामाजिक बहिस्कार नही किया है यदि भविष्य में अनावेदक सामाजिक बहिस्कार करते है तो आवेदिका उनके खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज करा सकेगी और कोटवार की कोटवारी समाप्त करा सकेगी। इस आशय के साथ प्रकरण नस्तिबद्ध किया गया।

अन्य प्रकरण प्रस्तुत आवेदक ने शिकायत की है कि तत्कालीन सरपंच मालती डिक्सेना ने दुरभावना पूर्ण कार्यवाही करने के लिए लिखा था वर्तमान अनावेदक क्रमांक 05 अब सरपंच नही है ऐसी दशा में आवेदक वर्तमान तहसीलदार कार्यालय में आवेदनकर कार्यवाही कर सकती है और अनावेदकगण एफ.आई.आर. दर्ज करा सकती है इस आशय के साथ प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया।

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