अटल, अरुण समेत 25 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद

अटल, अरुण समेत 25 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद

नवप्रदेश संवाददाता
बिलासपुर। लोकसभा चुनाव के तृतीय चरण में मंगलवार को बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र में 55 से 60 प्रतिशत तक मतदान होने की खबर है। हालांकि अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक शाम 5 बजे तक औसत 53.65 प्रतिशत मतदान हो पाया है। मतदान दलों के देर रात तक वोटिंग मशीन लेकर पहुंचने के बाद मतदान के वास्तविक आंकड़ों का पता लग पाएगा। बिलासपुर संसदीय क्षेत्र के कोटा के शिवतराई व अचानकमार क्षेत्र में 80 प्रतिशत वोटिंग की खबर है। छिटपुट घटनाओं को छोड़कर मतदान शांतिपूर्ण रहा। 40 डिग्री सेंटीगे्रट से भी उपर तापमान के बाद भी मतदान केंद्रों में वोट डालने मतदाताओं की भीड़ रही।


बिलासपुर संसदीय क्षेत्र के 8 विधानसभा क्षेत्रों के मतदान केंद्रों में आज सुबह 7 बजे से ही मतदाता वोट डालने पहुंचने लगे थे। ग्रामीण क्षेत्रों के मतदान केंद्रों ेमें जहां तेजी से मतदान शुरु हुआ और दोपहर तक 60 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग कर लिया था। वहीं बिलासपुर सहित शहरों के मतदान केंद्रों में मतदान की गति काफी धीमी रही। आलम यह था कि शुरुआत के दो घंटों में बमुश्किल 13 प्रतिशत ही वोट पड़ सके थे। कई मतदान केंद्रों में वोटिंग मशीन के बिगडऩे की भी खबरें मिली जिसके चलते वोटिंग रुका रहा। मतदान में पहले वोट डालने वाले युवा मतदाताओं की अच्छी-खासी रुचि दिखी। वहीं महिलाओं, बुजुर्ग, दिव्यांग मतदाताओं ने भी उत्साहपूर्वक मतदान किया।
कांग्रेस प्रत्याशी अटल श्रीवास्तव ने तिलक नगर स्थित मतदान केंद्र में सपत्नीक मतदान किया। मतदान करने से पहले अटल श्रीवास्तव दक्षिणामुखी हनुमान मंदिर पहुंचकर आशीर्वाद लिया। इसी तरह भाजपा के प्रत्याशी अरूण साव ने शेफर्ड स्कूल में मतदान करने से पहले तिलकनगर स्थित हनुमान मंदिर पहुंचकर जीत के लिए आशीर्वाद लिया। बिलासपुर संसदीय क्षेत्र में कांगे्रस और भाजपा समेत 17 प्रत्याशी मैदान में है जिनके भाग्य वोटिंग मशीन में बंद हो गए जो एक महीने बाद 23 मई को खुलेगा।


ईवीएम खराब होने से लोग हुए परेशान
वार्ड नं. 3 मतदान केंद्र आदिवासी छात्रावास वार्ड क्रमांक 6 बूथ क्रमांक 62 की मशीन वोटिंग नहीं ले पा रही थी। मशीन में बार-बार एरर आने की वजह से मतदान कुछ देर के लिए रोका गया। लोगों की शिकायत से परेशान मौजूद पीठासीन और जोनल अधिकारी हाथ खड़ा कर दिए हैं और कहा हम नहीं जानते कृपया सक्षम अधिकारी मतदान की व्यवस्था सभी मतदाता के लिए सहयोग करें। 1 घंटे से ज्यादा समय तक यहां पर ईवीएम बंद रही। इसी तहर बूथ क्रमांक 62 में भी ईवीएम ने लोगों को अच्छा खासा परेशान किया। मस्तूरी विधानसभा के पांच से अधिक केन्द्र में तकनीकी खराबी होने के कारण मतदान करने आये लोगों में गुस्सा देखा गया। शहर के केन्द्रीय विद्यालय और मिशन स्कूल में भी ईवीएम खराब हुआ जिसके कारण मतदाताओं की भीड केा घंटों इंतजार करना पड़ा।
कई मतदान केन्द्रों में विवाद
अंबेडकर स्कूल सीएमडी कॉलेज सहित शहर के कुछ मतदान केंद्रों में भाजपा और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में आपसी विवाद होते देखा गया। मामूली बात से शुरू हुई झड़प विवाद में बदलते देख पुलिस ने दोनों तरफ समझाइश दी। इस दौरान मतदान केन्द्रों में गहमागहमी की स्थिति बनी रही। वही तिफरा के कई मतदान केन्द्रों में खानापूर्ति करते हुए पूरे केन्द्र की जिम्मेदारी एक ही जवान के भरोसे छोड़ दिया गया था। जहां चुनाव आयोग के निर्देश का उल्लघन करते हुए कार्यकर्ता मतदान केन्द्र के अंदर आने जाने वाले मतदाताओं से अपने पार्टी के पक्ष में वोट देने की अपील करते रहे।
वेबकॉस्टिंग से 374 मतदान केन्द्रों पर रखी गई नजर
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. संजय अलंग ने कलेक्टोरेट में बनाये गये कण्ट्रोल रूम से लगातार मतदान केन्द्रों पर नजर बनाये रखी। बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र के 374 मतदान केन्द्रों में वेबकैम लगाकर वेबकॉस्टिंग के माध्यम से जोड़ा गया। इन सभी मतदान केन्द्रों से वहां की गतिविधियों का सीधा प्रसारण वेबकॉस्टिंग के माध्यम से देखा गया।


डाक मतपत्र की व्यवस्था नहीं, रेलवे के रनिंग स्टाफ नहीं कर पाए मतदान
रेलवे का 30 प्रतिशत रनिंग स्टाफ इस बार अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर पाए। रनिंग स्टाफ ने रेलवे प्रशासन एवं संघ से मांग की थी उनके लिए भी डाकमत पत्र जैसी व्यवस्था कराएं।बिलासपुर रेलवे जोन के अंतर्गत दो रेलवे गार्ड, लोको पायलट, टीटीई अन्य रनिग स्टाफ ड्यूटी में रहेंगे। जिस वजह से वह कर्मचारी अपने मतअधिकारी का उपयोग करने से वंचित रहेंगे। इसका उन्हें मलाल भी रहेगा। हालांकि पहली बार उन्हें डाकमत से मतदान करने की सुविधा देने की बात कही जा रही है, लेकिन इसकी जानकारी एक भी चालक को नहीं है और न लॉबी के नोटिस बोर्ड में सूचना पटल लगाया गया है। चुनाव की तारीख घोषित होने के बाद आयोग द्वारा शत-प्रतिशत मतदान के लिए जागरूकता अभियान चलाया गया। अधिकारी व कर्मचारियों के अलावा समाजिक संस्थाओं की मदद लेकर आम जनता से अपील की गई। माना जाता है कि जितनी अधिक संख्या में मतदान होगा परिणाम बेहतर और निष्पक्ष होता है। तमाम व्यवस्थाओं के बावजूद कई ऐसे कर्मचारी हैं जो मतदान करने से वंचित हो जाते हैं। इनमें रेलवे का रनिंग स्टाफ भी शामिल है। अकेले बिलासपुर रेल मंडल की बात करें तो यहां तकरीबन 1500 कोचिंग व मालगाड़ी चालक व सहायक चालक है। इनमें से ज्यादातर लोगों की मतदाता सूची में नाम भी है। वे मतदान करने का अधिकार रखते हैं। लेकिन ड्यूटी के कारण 30 प्रतिश चालक व सहायक वोटिंग से वंचित हो जाएंगे। इनमें वे शामिल हैं जिनकी सोमवार की रात या मंगलवार की तड़के सुबह ड्यूटी रही। एक बार ड्यूटी पर जाने के बाद वे 24 से 36 घंटे घर से बाहर होते हैं। इस लिहाज से मतदान के समय पर उनकी घर वापसी संभव नहीं है।
व्यवस्था करने में नाकाम रहा प्रशासन
इस संबंध में वरिष्ठ चालकों से पूछने पर उनका कहना है कि एसोसिएशन के अलावा व्यक्ति रूप से रेल प्रशासन को यह मांग की गई थी ऐसी व्यवस्था कराई जाए ताकि वे भी अपने मताधिकार का उपयोग कर सके लेकिन रेलवे अधिकारियों ने किसी प्रकार की पहल नहीं की। छुट्टी मिलनी तो संभव नहीं है, क्योंकि इस स्थिति में ट्रेनें खड़ी हो जाएंगी। इसी दबाव के कारण इस बार डाकमत से वोटिंग की व्यवस्था की गई। लेकिन प्रशासन यह सूचना पहुंचाने में नाकाम रहा।
यह है डाकमत से वोटिंग का नियम
इस डाकमत से वोटिंग करने का नियम यह है कि पहले एक फार्म भरकर जमा करना होता है। इसके बाद निर्वाचन कार्यालय उनके लिए इस तरह के इंतजाम करता है। ट्रेन चालकों में से एक भी ऐसे नहीं है जिन्हें रेल प्रशासन ने सूचना दी हो। यही वजह है कि इसकी प्रक्रिया पूरी नहीं कर पाए। लिहाजा अब वे वोटिंग नहीं कर पाएंगे।
बस चालकों की सक्रियता आई कम
चुनाव ड्यूटी में बड़ी संख्या में बस से लेकर अलग-अलग वाहनों को अधिग्रहण किया जाता है। अधिग्रहण की कार्रवाई तीन दिन पहले ही पूरी कर ली जाती है। मसलन वाहन चालक तीन दिन पहले दल को मतदान केंद्रों तक पहुंचाने और मतदान के बाद वापस लाने में व्यस्त हो जाते हैं। इसके चलते वे मतदान नहीं कर पाते थे। इस बार उन्होंने इसे लेकर जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा और पुख्ता इंतजाम करने का आग्रह किया। इसके बाद डाकमत पत्र की सुविधा प्रदान की गई है।
धूप व गर्मी में लंबी लाइन लगाकर वोट डालने करते रहे इंतजार
मतदान केंद्र में अपने मताधिकार का उपयोग करने मतदाता कड़ी धूप में लाईन लगाकर खड़े रहे। तारबाहर एवं मगरपारा अंबेडकर स्कूल बूथ की ईवीएम मशीन बंद होने से कुछ देर गहमागहमी का माहौल बना रहा, जिसे जोनल अधिकारी को सूचना देने के बाद टेक्निशयनों द्वारा सुधार कर फिर चालू किया। नागरिकों की भीड़ पोलिंग बूथों के सामने सुबह 6 बजे से ही नजर आने लगा, नागरिकों में मताधिकार करने का अलग उत्साह देखा गया, जो कड़ी धूप में भी लाईन लगाकर खड़े रहे। मतदान करने पहुंचे मतदाताओं ने पोलिंग बूथ में बुजुर्ग, मतदाताओं के बैठने की तथा छाव के लिए टेंट नहीं लगाने से नाराजगी जाहिर की फिर भी मताधिकार का उपयोग करने लाईन लगाकर खड़े रहे। वहीं तारबाहर पानी टँकी शासकीय स्कूल के बूथ 168 और मगरपारा अम्बेडकर स्कूल बूथ 172 में चलते चलते अचानक ईवीएम मशीन खराब हो गई। ईवीएम मशीन खराब होने की जानकारी मिलने के बाद क्षेत्र के स्थानीय नेता हंगामा करने लगे। पीठासीन अधिकारी ने जोनल अधिकारी को तत्काल सूचित कर मशीन के बन्द होने की जानकारी देने के बाद मौके पर पहुंच टेक्निशियनों ने सुधार किया जिसके बाद पुन: मतदान शुरू किया गया। सुबह 7 से 3 बजे अन्तराल 48.33 प्रतिशत मतदान हुआ।
पहचान पत्र नहीं होने से कई मतदाता लौटे
पॉलिंग बूथों में वोट डालने आए नागरिकों से मतपत्र के साथ अपना कोई एक पहचान पत्र दिखाने कहा जा रहा था। जिला प्रशासन ने 7 तरह की पहचान पत्र के जरिये वोट डालने के नियम लागू किये गए। अधिकांश ऐसे थे जो पार्टी एजेंट द्वारा दिया गया। पर्ची लेकर पहुंचे जिन्हें बूथ इंचार्ज पीठासीन अधिकारी बिना आधार, पहचान पत्र के मताधिकार का उपयोग करने नहीं दिया, जिस वजह से 25 प्रतिशत मतदाता बिना मतदान किये ही पॉलिंग बूथ से वापस लौट गए।
शाबास शिवतराई एटीआर और छेरकाबांधा के वोटर
शहरी क्षेत्र के मतदान केंद्रों में जहां तीन घंटे बीत जाने के बाद वोट का प्रतिशत 15 तक नहीं पहुंच पाया था। वहीं दूसरी ओर कोटा ब्लाक के आदिवासी ग्राम शिवतराई में सुबह 11 बजे तक 38 प्रतिशत मतदान हो चुका था। यहां वोटरों की संख्या 896 है और महिला-पुरुष वोटरों की संख्या बराबर है। सुबह 11 बजे तक 182 महिला और 159 पुरुष मतदाता वोट डाल चुके थे। इसी तरह आदिवासी बाहुल वनांचल क्षेत्र अचानकमार के मतदान केद्र में दोपहर एक बजे तक 60 प्रतिशत मतदान हो चुका था। यहां अपने 2 माह के बच्चे को लेकर आदिवासी महिला फुलमति वोट डालने पहुंची थी। इसी तरह 70 साल की मंगलीन बाई ने भी वोट डाला। कोटा क्षेत्र के छेरकाबांधा, लारीपारा के मतदान केंद्र में दोपहर 2 बजे तक 78.18 प्रतिशत मतदान हो चुका था और मतदान केंद्र में एक-दो मतदाता ही नजर आए यहां 578 में से 405 मतदाता अपना वोट डाल चुके थे।

बिलासपुर संसदीय क्षेत्र में औसत मतदान के प्रारंभिक आंकड़े

विधानसभा 12 बजे 1 बजे 3 बजे 5 बजे
बिलासपुर 17.80 34.00 45.22 45.22
कोटा 41.00 49.00 58.00
लोरमी 28.60 44.20 53.00 58.89
मुंगेली 30.80 43.65 58.19 59.19
तखतपुर 25.00 31.00 52.00
बिल्हा 30.00 42.00 53.00
बेलतरा 28.25 43.46 52.29
मस्तूरी 18.00 43.00 46.00 53.00

सभी विधानसभा क्षेत्र का शाम 5 बजे तक कुल मतदान 53.65 प्रतिशत है। वास्तविक आंकड़े मतदान दलों के वापसी के बाद स्पष्ट हो सकेगा।


हाईकोर्ट के जजों ने किया मतदान
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के जजों जस्टिस प्रशांत मिश्रा, संजय एस अग्रवाल और जस्टिर संजय के अग्रवाल ने सपत्नीक मतदान में भाग लिया। जस्टिस संजय एस अग्रवाल खपरगंज स्थित लाला लाजपतराय उच्चतर माध्यमिक शाला के मतदान केन्द्र क्रमांक 123 में प्रात: 9 बजे अपनी पत्नी श्रीमती रश्मि अग्रवाल के साथ पहुंचे और अपने मताधिकार का प्रयोग किया। जस्टिस संजय के अग्रवाल ने साईंस कॉलेज स्थित मतदान केन्द्र क्रमांक 170 में प्रात: 10 बजे अपनी पत्नी श्रीमती बरखा अग्रवाल के साथ पहुंचकर मतदान किया। उन्होंने वोटर सेल्फी जोन में सेल्फी भी ली।
संभागायुक्त और कलेक्टर ने मतदान किया
बिलासपुर संभाग के कमिश्नर टीसी महावर और कलेक्टर डॉ. संजय अलंग ने मिशन स्कूल स्थित मतदान केन्द्र क्रमांक 59 में सपरिवार मतदान किया। संभागायुक्त और कलेक्टर प्रात: 7 बजे से पहले अपने मतदान केन्द्र में पहुंच गये थे। श्री महावर और उनकी पत्नी श्रीमती अनिता महावर और पुत्री सुश्री पारूल महावर नेे सबसे पहले मतदान किया। कलेक्टर डॉ. अलंग और उनकी पत्नी डॉ. सुनीता अलंग ने लाईन में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार किया और मतदान किया। इस मतदान केन्द्र को आदर्श और संगवारी मतदान केन्द्र का रूप दिया गया था। मतदान केन्द्र को आकर्षक ढंग से सजाया गया था। वोटर सेल्फी जोन को भी आकर्षक रूप दिया गया था। कलेक्टर और कमिश्नर ने वोटर सेल्फी जोन में जाकर परिवार सहित सेल्फी ली और नागरिकों को मतदान करने का संदेश दिया। मतदान केन्द्र में मतदाताओं के लिये सुविधा केन्द्र भी बनाये गये थे। जहां मतदाताओं की समस्याओं का समाधान किया जा रहा था और उन्हें आवश्यक मार्गदर्शन दिया जा रहा था। नगर निगम कमिश्नर प्रभाकर पाण्डेय ने भी सपत्नीक मतदान किया।
खपरगंज के लाला लाजपतराय स्कूल में स्थापित मतदान केन्द्र क्रमांक 123 में कुमारी प्राची पाण्डेय, कु.फातिमा भारमल, सौरभ यादव और कांची बाजपेयी ने पहली बार मतदान किया। वही 85 वर्ष की अलिमुल्ला बेगम, व्हीलचेयर पर अपनी पोती के साथ मतदान करने पहुंची। गठिया रोग से पीडि़त 80 वर्ष आयु की सेवानिवृत्त प्रिंसिपल सुमन शुक्ला भी व्हीलचेयर पर मतदान करने पहुंची। 63 वर्ष की आयु की श्रीमती नन्द आवटी जो पोलियो से ग्रस्त है वह भी व्हीलचेयर पर मतदान करने पहुंची। बीमारी के कारण शरीर से लाचार कार्तिमय चक्रवर्ती ने भी अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह करते हुए मतदान में भाग लिया। लोकसभा चुनाव के दौरान लोकतंत्र की खूबसूरती उस समय देखने को मिली भाजपा के पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल का परिवार वोट देकर बाहर निकले कांग्रेस प्रत्याशी अटल श्रीवास्तव और अमर अग्रवाल आमने सामने हुए अभिवादन के बाद उन्होंने साथ में तस्वीरें ली और अटल श्रीवास्तव ने उनसे जीत का आशीर्वाद लिया। दरअसल कांग्रेस प्रत्याशी अटल श्रीवास्तव वोट देने के बाद मतदान केंद्रों का दौरा कर रहे थे वे मिशन स्कूल के मतदान केंद्र पहुंचे। इसी दौरान पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल का परिवार मतदान कर बाहर निकला। दोनों ने एक-दूसरे का अभिवादन किया।
प्रशासन की समझाइश पर माने वोटर और डाले वोट
जिले के कोटा अनुविभाग अंतर्गत ग्राम खरगा में ग्रामीणों ने रोड की खस्ताहाल दशा के विरोध में रोड निर्माण की माँग को लेकर सामूहिक रूप से मतदान बहिष्कार का निर्णय लिया था। शुरुआती घंटों में ग्रामीण मतदान के लिए बिलकुल राज़ी नहीं हो रहे थे पर प्रशासन के त्वरित हस्तक्षेप से लम्बी बातचीत, रोड बनवाने का प्रस्ताव भेजने की बात पर ग्रामीण इस बात पर सहमत हो गए कि मतदान बहिष्कार किसी समस्या का हल नहीं है। इसके बाद गाव में मतदान की प्रक्रिया प्रारम्भ हो गयी है।
संगवानी मतदान केंद्र में चाइल्ड केयर सेंटर व आकर्षक कारपेट की व्यवस्था
बिलासपुर में मतदाताओं को सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए आदर्श संगवानी मतदान केंद्र की व्यवस्था की यहां आए सभी मतदाताओं ने तारीफ की। मतदान केंद्र में मतदाताओं के लिए लाल रंग का कारपेट बिछाकर आकर्षक गेट और हमर बिलासपुर मोनो के साथ सेल्फी पाईंट बनाया गया था। मतदान केंद्र में आने वाले लोग मताधिकार का प्रयोग कर इस सेल्फी पाइंट में आकर सेल्फी जरुर ले रहे थे। इसमें युवा, बड़े, बुजुर्ग सभी शामिल रहे। परिसर में चारों तरफ आकर्षक रंगोली बनाकर मतदाताओं का स्वागत किया जा रहा था। विकलांग मतदाताओं के लिए एनसीसी द्वारा ट्रायसिकल लिए दरवाजे पर व्यवस्था की गई थी, जिससे उन्हें किसी तरह की परेशानी न हों। इसके साथ ही पूरे मतदान केंद्र में साफ-सफाई का विशेष ध्यान दिया गया था। आदर्श संगवानी मतदान केंद्र और जिला प्रशासन द्वारा बनाए गए इस व्यवस्था की चर्चा मतदाताओं में होती रही।
चाइल्ड केयर सेंटर की व्यवस्था
मतदान करने आए लोगों को किसी तरह की समस्या न हो या छोटे बच्चे गर्मी और धूप में परेशान न हो इसके लिए अधिकांश मतदान केंद्रों में चाइल्ड केयर सेंटर की भी व्यवस्था की गई थी। जहां पर छोटे बच्चों का मतदान प्रक्रिया पूरी होने तक पूरा ध्यान रखा गया।

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