जीवीके कंपनी के कर्मचारियों ने की बहाली की मांग

जीवीके कंपनी के कर्मचारियों ने की बहाली की मांग

108 और 102 के चालक व कर्मी 11 महीने से बैठे हैं बेरोजगार, कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
नवप्रदेश संवाददाता
बिलासपुर। 11 माह से बेरोजगार बैठे एम्बुलेंस चालक, टेक्नीशियन, न्यूनतम वेतनमान देने आवाज उठाने वाले इन कर्मचारियों को जीवीके कम्पनी ने निकाल दिया था। आज निकाले गए सभी कर्मचारियों ने पुन: काम पर रखने की मांग करते हुए कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।
राज्य शासन ने वर्ष 2017 में एम्बुलेंस चालक एवं टेक्नीशियनों की वेतन वृद्धि और न्यूनतम वेतनमान देने की घोषणा की थी मगर एक वर्ष बीतने के बाद भी राज्य में एम्बुलेंस चलाने का टेंडर ली जीवीके कम्पनी ने चालक व टेक्निशियन को वेतन वृद्धि करने और न्यूनतम वेतम मान देने से साफ इंकार कर दिया। कम्पनी द्वारा पल्ला झाडऩे के बाद प्रदेश भर के संजीवनी 108, 102 महतारी एक्सप्रेस एम्बुलने चालक सहित टेक्निशियनों ने काम बन्द कर हड़ताल में बैठ गए थे। इस हड़ताल से कई मरीजों को प्रभावित होना पड़ा था। इस व्यवस्था को सुधारने और मरीजों को अस्पताल तक ले जाने इन एम्बुलेंस में नये चालकों की नियुक्ति कर काम लिया जा रहा था। जिसका असर देखने को नहीं मिला। नये एम्बुलेंस चालक बताए ये लोकेशन पर निर्धारित समय पर नही पहुंचने से कई मरीजों की जान भी चले गई। तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर ने इस समस्या को निपटाने की जिम्मेदारी एमके रावत को दी थी जिन्होंने एम्बुलेंस चालक, टेक्नीशियन कर्मचारियों के प्रदेश सहित जिला अध्यक्ष से मांग को लेकर विस्तार पूर्वक चर्चा की जिन लोगों ने समान वेतन समान कार्य, न्यूनतम वेतनमान और 2017 से बढ़े हुए वेतन देने तीन मांग को पूरा प्रस्ताव रखा, जिन्होंने पूरा किये जाने का आश्वासन देते हुए काम पर लौटने को कहा, किन्तु कर्मचारी जब ज्वाइंग लेने पहुंचे तो जीवीके कम्पनी ने एक कि शर्त में काम देने को राजी हुई की पहले समस्त कर्मचारियों को शपथ पत्र में लिखकर देना होगा कि भविष्य में यह कर्मचारी किसी प्रकार की मांग को लेकर हड़ताल नहीं करेंगे। अन्यथा काम पर नही रखा जाएगा। वही एम्बुलेंस चालकों ने शपथ पत्र में लिखकर देने से साफ इंकार कर दिया। जीवीके कंपनी नये चालकों से काम ले रही है। ग्यारह माह से एम्बुलेंस चालक बेरोजगार बैठे हंै जिनके समक्ष परिवार चलाना दुश्वार हो रहा है। बमुश्किल दो वक्त की रोटी अपने परिवार को खिला पा रहे हैं। दुबारा काम पर रखने और पिछली तीन सूत्रीय मांगों को लेकर आज दोपहर कलेक्टोरेट पहुंच कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।
तीन-चार एम्बुलेंस ही चल रही
बिलासपुर-मुंगेली दोनों जिलों में संजीवनी एक्सप्रेस 108 कुल 23 और 32 महतारी एक्सप्रेस है लेकिन चालक और टेक्निशियनों की कमी के चलते गिनती के 3-4 एम्बुलेंस संचालित हो रही है। बाकी एम्बुलेंस को मेंटनेंस का अभाव बताकर खड़ा कर दिया है।
एम्बुलेंस नाम मात्र का
वर्तमान में मरीजों को काफी परेशानियां झेलनी पड़ रही है। 108, 102 डॉयल करने के घण्टों बाद भी एम्बुलेंस नहीं पहुंचती। दुबारा हेल्पलाइन नम्बर में एम्बुलेंस नही आने की जानकारी देने से मरीजों के परिजनों को एम्बुलेंस खाली नहीं होने का हवाला दिया जा रहा है। इससे साफ पता चलता है मरीजों की सुविधा के लिए संचालन किया गया। एम्बुलेंस अब नाम मात्र रह गया है।

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