मलेरिया से बचाव व संरक्षण पर हुई चर्चा

मलेरिया से बचाव व संरक्षण पर हुई चर्चा

नवप्रदेश संवाददाता
बिलासपुर। स्वास्थ्य विभाग द्वारा आज मलेरिया विश्व दिवस मनाया गया। अधिकारी, कर्मचारी, मितानिन सहित अन्य कर्मचारी द्वारा रैली निकालकर नागरिकों को जागरूक किया गया।
विश्व मलेरिया रोधी माह राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत आज विश्व मलेरिया दिवस मनाया गगा। आज स्वास्थ्य विश्व मलेरिया दिवस के अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के कार्यालय से रैली निकाली गई जिसमें स्वास्थ्य विभाग के सभी अधिकारी कर्मचारी एवं मितानिन कार्यक्रम के कार्यकर्ता शामिल रहे। विश्व मलेरिया दिवस एवं मलेरिया रोधी माह के सफलतापूर्वक आयोजन हेतु जिला स्तर पर कार्य योजना बनाई गई है। जिसके अनुसार सभी स्तर पर मलेरिया उन्मूलन हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार गतिविधि आयोजित की गई। ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण समिति के सदस्यों की बैठक आयोजित कर मलेरिया से बचाव एवं नियंत्रण की चर्चा किया। जिला विकासखण्ड स्तर पर स्कूलों में छात्र छात्राओं को मलेरिया के संक्रमण, मलेरिया प्रकार एवं बचाव के उपाय से अवगत कराये गए। स्कूलों में क्वीज प्रतियोगिता, हैण्डबिल वितरण, स्वच्छ भारत मिशन के तहत क्षेत्र में साफ-सफाई की नागरिकों को जानकारी दी, डेंगू एवं मलेरिया नियंत्रण के लिये गौरेला, मरवाही और कोटा में डीडीटी कीटनाशक का छिड़काव, 2 लाख 19 हजार मच्छरदानी वितरण किया जा चुका है मलेरिया से बचाव एवं नियंत्रण के लिये डीडीटी कीटनाशक का छिड़काव विकासखण्ड गौरेला, मरवाही एवं कोटा के 31 उपस्वास्थ्य केन्द्र के 140 ग्रामों में किया जा रहा है। डेंगू एवं मलेरिया से बचाव हेतु विकासखण्ड कोटा में इस वर्ष 24000 एलएलआईएन मच्छरदानी का आबंटन राज्य शासन द्वारा किया गया है। वर्ष 2018 में विकासखण्ड गौरेला, मरवाही एवं पेण्ड्रा में 219000 मच्छरदानी का वितरण किया गया था। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि हितग्राही मच्छरदानी का उपयोग करें इस हेतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा सघन एवं सतत् मॉनिटरिंग का कार्य भी किया जा रहा है। मलेरिया विभाग के कार्यकर्ताओं एवं मितानिनों के द्वारा घर-घर जाकर सर्विलेंस का कार्य किया जा रहा है एवं डेंगू एवं मलेरिया से बचाव हेतु जन-जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा लार्वीसाइडल टेमेफॉस नगर निगम को प्रदाय किया गया है। टेमेफॉस का छिड़काव नगर निगम द्वारा शहर के विभिन्न वार्डों में किया जा रहा है। वर्ष 2019 में जनवरी से माह मार्च तक मलेरिया के कुल 116 सकारात्मक एवं डेंगू के 1 प्रकरण पाये गये।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने बताया कि इस वर्ष में जिले में फाईलेरिया के कुल 1053 प्रकरण दर्ज किये गये हैं। फाईलेरिया से बचाव हेतु एमडीए कार्यक्रम अंतर्गत जिले में टेबलेट डीईसी एवं एल्बेंडाजोल का सेवन कराया गया है, जिसके तहत 90 प्रतिशत जनसंख्या को संरक्षित किया गया है।
मलेरिया मादा एनाफिलिज मच्छर के काटने से होता है, यह मच्छर साफ पानी में पनपते हैं। बिलासपुर जिले में दो प्रकार के मलेरिया होते है। जिसमें प्लाज्मोडियम वाईवेक्स एवं प्लाजमोडियम फाल्सीफेरम शामिल है। प्लाज्मोडियम वाईवेक्स के उपचार हेतु क्लोरोक्वीन एवं प्राईमाक्वीन 2.5 एमजी का उपयोग किया जाता है एवं प्लाज्मोडियम फाल्सीफेरम के उपचार हेतु एसीटी एवं प्राईमाक्वीन 7.5 का उपयोग किया जाता है। जटिल मलेरिया के उपचार हेतु जिले में 05 सेन्टीनल साईट निर्धारित किये गये हैं, जिसमें जिला अस्पताल, सिम्स अपोलो, जन स्वास्थ्य सहयोग गनियारी, तखतपुर, एफआरयू सेनेटोरियम गौरेला, बिलासपुर शामिल है। डेंगू मादा एडिस मच्छर के काटने से होता है, यह मच्छर रूके हुए साफ पानी में पनपते हैं। डेंगू के जांच हेतु एनएस-1 किट का उपयोग किया जाता है एवं कन्फर्म, टेस्ट के द्वारा किया जाता है जो कि जिला अस्पताल में उपलब्ध है। डेंगू के उपचार हेतु राज्य शासन द्वारा जिला अस्पताल को सेन्टीनल साईट बनाया गया है। जिले के सभी प्राईवेट अस्पताल एवं नर्सिंग होम को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा निर्देशित किया गया है कि किसी भी प्रकार का डेंगू शंकास्पद प्रकरण पाए जाने पर सीरम सैम्पल जिला अस्पताल टेस्ट हेतु अनिवार्य रूप से भेजा जाय।

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