Bijapur Road Scam : 91 लाख कीचड़ में बह गए…सड़क आज भी गायब…! बीजापुर के तीन गांवों में जनजीवन कीचड़ में धंसा…

Bijapur Road Scam
बीजापुर, संजय लिखित्कर, 15 जुलाई। Bijapur Road Scam : कभी पक्की सड़क का सपना देखा था, अब कीचड़ में जिंदगी घसीटने की आदत बना ली है। हम बात कर रहे हैं बीजापुर जिले के ग्राम पंचायत रूद्रारम की, जहां गेर्रागुड़ा, यालमपारा और सोढ़ीपारा के ग्रामीण बीते 20–25 सालों से उसी दलदली रास्ते से रोज़मर्रा की लड़ाई लड़ रहे हैं।
गांववालों ने दर्जनों बार पंचायत, सचिव और शिविरों में गुहार लगाई, मगर हर बार मिला सिर्फ एक जवाब—”फंड नहीं आया”। लेकिन हकीकत इससे कोसों दूर (Bijapur Road Scam)है। 15वें वित्त आयोग के तहत पंचायत को बीते 4 वर्षों में 91 लाख रुपए मिले, जो फाइलों में कहीं और खर्च दिखा दिए गए।
बच्चों की शिक्षा और मरीजों की जान—कीचड़ के भरोसे
बरसात आते ही रास्तों में एक फीट तक कीचड़ भर जाता है। न स्कूल बस आती है, न एंबुलेंस। मरीजों को कंधों या डोली में लादकर सड़क तक लाया जाता (Bijapur Road Scam)है। बच्चों के पैरों में चप्पल नहीं बचती, और स्कूल पहुंचना भी जंग जीतने जैसा हो जाता है।
कलेक्टर से जांच की मांग करेंगे – गांव के लोग बोले, अब और बर्दाश्त नहीं(Bijapur Road Scam)
ग्रामीणों का कहना है कि अब इस मामले की शिकायत जिला कलेक्टर से की जाएगी। सचिव और पूर्व सरपंच की भूमिका की निष्पक्ष जांच की मांग होगी, और तीनों वार्डों में जल्द से जल्द पक्की सड़क बनाने की भी।
“20-25 वर्षों से इसी कीचड़ पर चलने को मजबूर है, ग्राम पंचायत, शिविरों में कई बार आवेदन दे सकते हैं मगर अब तक कुछ नहीं हुआ है। सचिव से पूछने पर उन्होंने कहा कि कोई भी फंड नहीं आ रहा है लेकिन पिछले 4 सालों से 91 लाख रुपया खर्च किया गया है।”
— विनोद काका, ग्रामीण

“बच्चे इस कीचड़ में होते हुए स्कूल जा रहे हैं, एंबुलेंस यहां तक नहीं आती है पक्के सड़क की मांग वर्षों से की जा रही है। बीजापुर कलेक्टर के यहां जांच और सड़क निर्माण के लिए आवेदन देने की तैयारी है।”
— सूर्य प्रकाश देवर, ग्रामीण