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दवा डिपो आवापल्ली में शिफ्ट करने पर ग्रामीणों ने जमकर किया विरोध

राजेश झाड़ी संवाददाता बीजापुर

◾ग्रामीणों का अधिकारियों को दो टूक जवाब वापस दवा डिपो उसूर शिफ्ट नही किया तो गाड़िया जला देंगे।

◾स्वास्थ्य अमले कि टीम दो बार बेरंग लौटी उसूर से।

बीजापुर – नवप्रदेश। जिले के उसूर विकास खण्ड के लोगों ने उनके गांव से दवा और उपकरण का भण्डार आवापल्ली ले जाने का जमकर विरोध करते स्वास्थ्य विभाग की गाड़ी को आग के हवाले कर देने की धमकी दो बार दी और इससे दवा डिपो की शिफ्टिंग नहीं हो पा रही है। सूत्रों के मुताबिक 20 साल से उसूर में दवा और उपकरण का डिपो बनाया गया है। यहां से समूचे उसूर ब्लाॅक में दवा और उपकरणों की सप्लाई होती है। इसे आवापल्ली में स्थापित करने की कोशिश भौगोलिक दृष्टि से की जा रही है। बताया गया है कि ब्लाॅक के दूरदराज से मितानिनों और एएनएम को दवा लेने के लिए आवापल्ली से 12 किमी दूर उसूर जाना पड़ता है। अभी पक्की सड़क नहीं बन पाई है। इससे बारिश के दिनों में काफी दिक्कत होती है। इन मुसीबतों के मद्देजनर जिला पंचायत के सीईओ जी राहूल वेंकट एवं सीएमएचओ डाॅ बीआर पुजारी ने दवा डिपो को आवापल्ली में शिफ्ट करने का आदेश दिया। बीएमओ ने इसकी जानकारी जिला पंचायत के सीईओ और सीएमएचओ को दी। 25 अप्रैल को कर्मचारी फिर से सामान लेने उसूर गए। तब गांव के लोगों ने कर्मचारियों को घेर लिया और वाहन को आग के हवाले करने की चेतावनी दी।

इस पर बीएमओ मनीष उपाध्याय ने कर्मचारियों को गाड़ी के साथ दवा और उपकरण उसूर से लाने जुलाई और अगस्त में भेजा लेकिन जब भवन से दवा और उपकरण निकाले जा रहे थे, तब वहां गांव के लोग आ धमके और विरोध किया। लोगों ने दवा और उपकरण को फिर से भवन में रख दिया।

भ्रम को लेकर मुखालफत: दरअसल, 1883 की आबादी वाले उसूर गांव में सालों से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र संचालित है। यहां के लोगों में भ्रम है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को बंद किया जाएगा और इसके पहले उपकरण एवं दवाएं ले जाने की तैयारी हो रही है। इधर, जिला पंचायत के सीईओ ने सरपंच और उप सरपंच को समझाने की समझाईश देते विरोध करने वालों पर कार्रवाई की चेतावनी दी है।

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