Bihar Election 2025 : बिहार में वोटों की बहार, पहले चरण में ही रिकार्ड मतदान, 64.46 प्रतिशत ने किया मताधिकार का प्रयोग
Bihar Election 2025
बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) के पहले चरण में मतदान के सारे रिकार्ड टूट गए। 1952 से लेकर अब तक पहला मौका है, जब विधानसभा चुनाव में 64.46 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। यदि इसी तरह दूसरे चरण में भी बंपर मतदान हुआ तो यह इतिहास रच देगा। भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) के आंकड़ों के अनुसार इससे पहले वर्ष 2000 के विधानसभा चुनाव में 62.57 प्रतिशत वोट पड़े थे।
बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (Chief Electoral Officer Bihar) विनोद सिंह गुंजियाल ने बताया कि यह अंतरिम आंकड़ा है। इनमें बदलाव संभव है। यदि बात लोकसभा चुनाव की करें तो 27 वर्ष बाद इतनी अधिक संख्या में मतदाताओं की सहभागिता देखने को मिली। 1998 के लोकसभा चुनाव में 64.66 प्रतिशत मतदान हुआ था। 2020 विधानसभा चुनाव की तुलना में सात प्रतिशत अधिक एवं लोकसभा चुनाव 2024 की तुलना में लगभग आठ प्रतिशत अधिक मतदाताओं ने अबकी बार अपने मताधिकार का प्रयोग किया है। 2020 के विधानसभा चुनाव में 57.29 एवं 2024 के लोकसभा चुनाव में 56.28 प्रतिशत मतदान हुआ था।
पहले चरण में मतदान का प्रतिशत बढ़ने के पीछे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Voter List Revision 2025) के दौरान वोटरों की कम हुई संख्या का असर माना जा सकता है, क्योंकि 2020 के चुनाव में वोटरों की कुल संख्या 7.89 करोड़ थी। 57.29 प्रतिशत वोट पड़े थे। एसआइआर के दौरान मृत, अनुपस्थित एवं दो जगहों से नाम वाले मतदाताओं की छंटनी के बाद 7.42 करोड़ मतदाता बच गए। इसी सूची के अनुसार मतदान हो रहा है।
पहले चरण के मतदान में करीब 65 प्रतिशत वोटरों ने हिस्सा लिया। सही आंकड़ा दूसरे चरण के मतदान के बाद सामने आएगा कि वोटरों की संख्या कम होने के कारण 2020 के विधानसभा चुनाव की तुलना में कितने कम या अधिक वोट पड़े। आम धारणा यह है कि अधिक वोट पड़ना सत्ता विरोधी रूझान (Anti-Incumbency Trend Bihar) का प्रकटीकरण है, लेकिन हर बार ऐसा नहीं होता है।
मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भाजपा की दो सरकारों के कार्यकाल में हर चुनाव में अधिक वोट पड़े, लेकिन सत्ता में बदलाव नहीं हुआ। अन्य मुख्य कारणों में दीवाली एवं छठ में विभिन्न राज्यों में प्रवास करने वाले मतदाताओं के लिए दीवाली एवं छठ पर 13 हजार से अधिक ट्रेनें चलाने एवं आए हुए लोगों का मतदान के लिए रुकना है। इसके अतिरिक्त राजनीतिक दलों की ओर मतदाताओं को दिए गए लाभ एवं घोषणा वगैरह भी हैं।
1314 प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम (EVM Voting Bihar Election) में बंद
प्रथम चरण में 18 जिलों के 121 विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं ने 1314 प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में बंद कर दिया। कुल 1314 प्रत्याशियों में 1192 पुरुष और 122 महिला प्रत्याशी हैं। प्रथम चरण में उप मुख्यमंत्रीद्वय सम्राट चौधरी एवं विजय सिन्हा सहित सरकार के कई मंत्रियों व नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के साथ ही गणितज्ञ केसी सिन्हा, लोकगायिका मैथिली ठाकुर, पूर्व पुलिस महानिदेशक आरके मिश्रा का भाग्य ईवीएम में बंद हो गया।
पहले चरण वाले 121 विधानसभा क्षेत्रों में 102 सामान्य सीटें हैं, जबकि 19 अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीटें हैं। लखीसराय समेत कई जिलों में पक्ष-विपक्ष के बीच मामूली नोकझोंक की सूचना है। उपमुख्यमंत्री एवं लखीसराय से भाजपा प्रत्याशी विजय सिन्हा ने आरोप लगाया कि हलसी प्रखंड के खुरिहारी बूथ पर उनके पोलिंग एजेंट को बैठने नहीं दिया गया। वहीं, सिन्हा की एक जगह राजद के एमएलसी अजय सिंह से मामूली नोकझोंक भी हुई। बेगूसराय, समस्तीपुर, एवं मधेपुरा में सर्वाधिक तो शेखपुरा में सबसे कम लोग घरों से मतदान के लिए निकले।
143 शिकायतें प्राप्त, प्रत्येक बूथ पर चुनाव एजेंट को फार्म-सी
मतदान की समाप्ति तक मुख्यालय में स्थापित कंट्रोल रूम में कुल 143 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिसका समय पर निष्पादन कर दिया गया। मतदान के उपरांत हर बूथ पर उपस्थित चुनाव एजेंट को फार्म-सी दिया गया, जिसमें मतदान से संबंधित सभी सूचनाएं दर्ज हैं। चुनाव आयोग की ओर से सभी 45,341 बूथों पर लाइव वेबकास्टिंग (Live Webcasting Bihar Polls) की व्यवस्था सुनिश्चित की गई। मतदान कार्य में 90 हजार से अधिक जीविका दीदी व महिला कार्यकर्ताओं को पर्दानशीं महिलाओं की पहचान के लिए लगाया गया था।
