बीजेपी के पूर्व नेता का बड़ा कदम, अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर बनेगी नई पार्टी, BJP की बढ़ा दी टेंशन..
-पूर्व भाजपा नेता ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के नाम पर नई पार्टी बनाने का संकेत देकर भाजपा की टेंशन बढ़ा दी
नई दिल्ली। new party name of Atal Bihari: इस साल हुए लोकसभा चुनाव में बहुमत खोने के बाद बीजेपी की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। इसके अलावा कुछ महीने पहले आए झारखंड विधानसभा चुनाव के चलते भी इस राज्य में राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। एक तरफ जहां झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता चंपई सोरेन के बीजेपी में शामिल होने से राज्य में समीकरण बदल गए हैं। वहीं दूसरी ओर बीजेपी के एक बड़े पूर्व नेता ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर नई पार्टी बनाने का संकेत देकर बीजेपी की टेंशन बढ़ा दी है।
एक समय बीजेपी के वरिष्ठ नेता रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा झारखंड विधानसभा चुनाव के जरिए मुख्यधारा की राजनीति में वापसी की तैयारी में हैं। साथ ही राजनीतिक गलियारों में यह भी चर्चा है कि यशवंत सिन्हा अपनी पार्टी बनाएंगे। यशवंत सिन्हा (new party name of Atal Bihari) के नेतृत्व में पार्टी बनाने का फैसला हजारीबार में आयोजित अटल विचार मंच की बैठक में लिया गया। हाल ही में अटल व्यवहार मंच की बैठक हजारीबाग में हुई थी। प्रोफेसर सुरेंद्र सिन्हा की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में वाजपेयी सरकार में विदेश और वित्त मंत्रालय संभाल चुके यशवंत सिन्हा भी मौजूद थे।
अटल विचार मंच की बैठक में झारखंड की मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर चर्चा हुई। इसके बाद नई राजनीतिक पार्टी बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। यशवंत सिन्हा (new party name of Atal Bihari) के नेतृत्व में बनने वाली पार्टी का नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी के नाम पर रखा जाएगा। यशवन्त सिन्हा ने कहा कि आज की राजनीति चापलूसी की राजनीति बन गयी है। भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेयी के विचारों पर चलकर स्वच्छ चरित्र की राजनीति से समाज के हर वर्ग का उत्थान किया जा सकता है। उनके विचारों पर अमल करने की जरूरत है। यशवंत सिन्हा के नेतृत्व में पार्टी का गठन कब होगा, इसके बारे में कोई जानकारी सामने नहीं आई है।
यशवंत सिन्हा ने अपनी राजनीति की शुरुआत जनता दल पार्टी से की थी। इसके बाद वह बीजेपी में शामिल हो गये। बाद में वह ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस में थे। 2022 में उन्होंने विपक्षी दलों की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा।