संपादकीय : झारखंड में झामुमो को बड़ा झटका
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Big blow to JMM in Jharkhand
Big blow to JMM in Jharkhand: झारखंड में विधानसभा चुनाव के पूर्व वहां सत्तारूढ़ झारखंड मुक्तिमोर्चा को बड़ा झटका लगा है। सियासी उठापठक के बीच झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने झामुमो से किनारा कर भाजपा का दामन थाम लिया है।
गौरतलब है कि जब झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जमीन घोटाले के मामले में जेल गए थे तो उनकी जगह वरिष्ठ आदिवासी नेता चंपई सोरेन को झारखंड का मुख्यमंत्री बनाया गया था।
कुछ माह बाद जब हेमंत सोरेन जमानत पर छूटे तो उन्होंने चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री पद से हटाकर फिर से प्रदेश की कमान संभाल ली। उसी समय से चंपई सोरेन असंतुष्ट चल रहे थे। उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा से अलग होने का मन बना लिया था। पहले यह कयास लगाए जा रहे थे कि चंपई सोरेन अपनी अलग पार्टी बनाएंगे।
लेकिन उन्होंने आखिरकार भाजपा का दामन थाम लिया। चंपई सोरेन के भाजपा में शामिल होने से भाजपा को इसका कितना चुनावी लाभ मिलेगा या महाराष्ट्र की तरह ही झारखंड में भी उस पर पार्टी तोडऩे का आरोप लगने की वजह से नुकसान उठाना पड़ेगा।
यह तो झारखंड विधानसभा चुनाव के बाद ही पता चलेगा। फिलहाल तो चंपई सोरेन का भाजपा शरणम गच्छामी होने को भाजपा का शीर्ष नेतृत्व अपना मास्टर स्ट्रोक मानकर चल रहा है।
उल्लेखनीय है कि झारखंड में अनुसूचित जन जातियों की आबादी 26 प्रतिशत से ज्यादा है और चंपई सोरेन का आदिवासी समुदाय पर अच्छा खासा प्रभाव है।
ऐसा नहीं है कि भाजपा में आदिवासी नेता नहीं हैं लेकिन अब उनका प्रभाव कम होने लगा है। इसी वजह से पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में झारखंड की आदिवासी बाहुल्य सीटों पर भाजपा का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा है।
इस बार भाजपा झारखंड में फिर से अपनी सरकार बनाने की कवायद कर रही है और ऐसे में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को भाजपा में शामिल कराकर वह किला फतह करने का सपना देख रही है।
किन्तु हेमंत सोरेन भी डैमेज कंट्रोल में लग गए हैं। ऐसे में झारखंड विधानसभा चुनाव के दौरान रोचक मुकाबला देखने को मिल सकता है