Bhuiyan Portal : मेंटेनेंस के लिए किया था बंद, अब कई विसंगतियां…पटवारियों ने किया यहां घेराव
रायपुर/नवप्रदेश। Bhuiyan Portal : राज्य के राजस्व भुइयां ऑनलाइन पोर्टल से राजस्व संबंधी कई अभिलेख नष्ट हो रहे हैं। इसको लेकर राजस्व पटवारी संघ ने विरोध दर्ज कराया। संघ के संचालक ने भू अभिलेख और एनआईसी का घेराव किया, साथ ही 17 सिंतबर को ऑनलाइन कार्य का बहिष्कार करने की चेतावनी दी है।
भुइयां ऑनलाइन पोर्टल को मेंटेनेंस के लिए 8 से 13 सितंबर तक बंद किया गया था, लेकिन पोर्टल शुरू होने के बाद से आ रही समस्याओं ने पटवारियों का काम कई गुना बढ़ा दिया है। लगातार बन रही समस्या की वजह से राजस्व पटवारी संघ के बैनर तले प्रदेश के तमाम जिलों से आये पटवारियों ने इंद्रावती भवन में संचालक भू अभिलेख व एनआईसी कार्यालय में घेराव किया।
राजस्व पटवारी संघ से उपस्थित पदाधिकारी में प्रांताध्यक्ष अश्वनी कुमार वर्मा, कार्यकारी अध्यक्ष पवन चौहान, प्रदेश सचिव राजेश वंजारी, संरक्षक सन्तोष त्रिपाठी, नीरज कुमार सिंग, जीवराखन कश्यप, महामंत्री जिलाध्यक्षों में राजीव तिवारी, बिरेन्द्र सिंह बेस, प्रमोद श्रीवास्तव, योगेंद्र कलमकार, पालसिंग धुर्व, भूपेंद्र धुर्व, राजेसह चन्द्राकर, रजनी आनेश्वरी, ताराचंद मेश्राम, लाला राम सिन्हा सहित अन्य उपस्थित थे।
रिकॉर्ड और दस्तावेजों में बदलाव के लिए NIC जिम्मेदार
संघ के पदाधिकारियों ने संचालक भू अभिलेख शाखा से कहा है कि राजस्व अभिलेखों व दस्तावेजों में जो भी परिवर्तन आ रहा है, इसके लिए पटवारी नहीं बल्कि एनआईसी ही जिम्मेदार है। अभिलेखों में जो भी परेशानी आ रही है, उसके लिए पोर्टल को 6 दिनों तक बंद किया जाना ही मुख्य कारण है।
संघ ने अपने ज्ञापन में भुइयां ऑनलाइन पोर्टल (Bhuyan Portal) में सभी गड़बडिय़ां को शीघ्र ही ठीक करने की मांग की। 8 सितंबर के पूर्व के दस्तावेज दुरुस्त नहीं होने की स्थिति में 17 सितंबर विश्वकर्मा पूजा के दिन प्रदेश के तमाम पटवारी भुइया ऑनलाइन पोर्टल का बहिष्कार करेंगे। पटवारी संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि वर्तमान समय में कोई भी नामान्तरण का अभिलेख दुरुस्त नहीं हो रहा है।
किसी गाँव का अधिक खसरा नंबर तो कहीं का है गायब
भुइयां पोर्टल (Bhuiyan Portal) में फसल गिरदावरी के अंतर्गत फसल पुनरावृत्ति नहीं हो रहा है। किसी-किसी गांव का प्रत्येक खसरा का दो से तीन प्रविष्टि दिखा रहा है। किसी किसी गांव का बहुत से खसरा नम्बर विलोपित हो गया है। अभिलेख शुद्धता के अंतर्गत खसरा संकलन विलोपन पूर्ण किया जा चुका था उसमें भी बहुत सारे नम्बर अनावश्यक जुड़ गया है.। एक ही खसरा नम्बर और रकबा दो कृषक के नाम नाम पर किस प्रकार दर्ज हुए हैं।
अपने आप ही हो रहा है लॉगआउट
इसके अलावा कम्प्यूटर से निकाले गए बी-1 में अधिक नम्बर रहता है, लेकिन खसरा खण्ड-1 या 2 में कुछ नम्बर क्यों नहीं रहता। खातों से सभी डिजिटल हस्ताक्षर स्वामेव विलोपित हो गए हैं। किसानों को नकल नहीं मिल रहा है और अभी डिजिटल हस्ताक्षर (डीएससी) भी नहीं हो रहा है। लॉगिन होने बाद भुइयाँ सर्वर अपने आप लॉगआउट हो रहा है।
साथ ही बताया कि लुप्त खसरा संकलन में जो भी चिन्हांकित कर रखे गए, जिसमें भूमि स्वामी प्रविष्टि शेष थी, के विकल्प को निष्क्रिय कर दिया गया है। ग्रामवार तेरिज निकलने पर सैकड़ों खातेदारों के नाम विलोपित हो गए है, जो कि सर्वर मेंटेनेस से पहले ठीक थे। भू-नक्शा वेबसाइट सर्वर हर दूसरे-तीसरे दिन बन्द रहता है।
पंचायत करे नामांकन की व्यवस्था
प्रतिनिधिमंडल ने अधिकारियों को बताया कि पंचायत करे नामांकन की व्यवस्था। संकलन और विलोपन को बार-बार तहसीलदार को भेजने का प्रावधान बंधक खसरा का पूर्व में हो चुका, लेकिन वर्तमान ऑनलाइन खसरा में न हो पाने वाले बटांकन का सरलीकरण किया जाए। क, ख, ग, घ वाले खसरों का कोई युक्तिसंगत उपाय या तो भुइयां संकलन की सुविधा दे, या बटा नंबर आगे बढ़े, तो क से आगे ख जाए या और भी कुछ, जिससे काम आसान हो।