Bhent-Mulakat : बच्चे को आत्मानंद स्कूल में पढ़ाने का जुनून, स्कूल लाने-ले जाने रोज 22 किमी सायकिल चलाते हैं सोनसाय
पत्थलगांव, नवप्रदेश। कहते हैं मां-बाप अपने बच्चे को पढ़ाने के लिए क्या कुछ नहीं (Bhent-Mulakat) करते। सोनसाय की कहानी एक ग्रामीण पिता के त्याग, तपस्या और जुनून (Bhent-Mulakat) की कहानी है।
जो अपने बच्चे को स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल में पढ़ाने के लिए अपने गांव से रोज 22 किमी का सफर सायकिल से तय (Bhent-Mulakat) करता है।
दरअसल आज मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जब पत्थलगांव के स्वामी आत्मानन्द स्कूल पहुंचे तो वहां उनकी मुलाकात सोनसाय से हुई। सोनसाय ने मुख्यमंत्री को बताया कि वह भालुपखना गांव में रहता है और महुआ आदि वनोपज संग्रहण कर अपने परिवार का गुजारा करता है। उसके बच्चे अमन की तमन्ना अंग्रेजी माध्यम स्कूल में पढ़ाई करने की थी मगर परिस्थितियां विपरीत थीं।
फिर पत्थलगांव में स्वामी आत्मानन्द स्कूल खुला तो आस की किरण जगी। स्वामी आत्मानन्द स्कूल में अमन का दाखिला तो हुआ, मगर समस्या दूरी की थी, क्योंकि भालुपखना से पत्थलगांव 22 किलोमीटर दूर था।
फिर भी हार नहीं मानी और रोजाना 22 किलोमीटर का सफर तय कर अमन को स्कूल लाने और फिर वापिस ले जाने का संकल्प लिया। अमन अभी कक्षा दूसरी में पढ़ रहा है ।
मुख्यमंत्री ने सोनसाय के जज़्बे की सराहना की और उसे खूब बधाई दी। विद्यालय के स्टाफ ने मुख्यमंत्री को बताया कि सोनसाय के बच्चे की पढ़ाई के प्रति समर्पण को देख अब स्कूल प्रबंधन ने उसे रसोइए के कार्य में भी संलग्न किया