Bhent-Mulakat : पिता के चेहरे पर है अब मुस्कुराहट – जिज्ञांशु की पढ़ाई नहीं रूकेगी, दूसरी ही कक्षा में बना जाति प्रमाण पत्र
रायपुर, नवप्रदेश। कांकेर जिले के कलेश पलार ने जाति प्रमाण पत्र न मिलने पर होने वाली परेशानियों को साझा (Bhent-Mulakat) किया, उन्होने कहा कि जाति प्रमाण पत्र समय पर नहीं बनने के कारण 10वीं के बाद पढ़ाई जारी नहीं रख पाए।
लेकिन आज उनके चेहरे पर मुस्कुराहट है, क्योंकि जाति प्रमाण पत्र की वजह से उनके बेटे की पढ़ाई नहीं रूकेगी। दूसरी ही कक्षा में उनके बेटे को जाति प्रमाण पत्र (Bhent-Mulakat) मिल गया।
तीन साल पहले तक जाति प्रमाण पत्र (Bhent-Mulakat) बनवाने के लिए आवेदक को कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते थे। ये प्रक्रिया इतनी जटिल थी कि कई लोगों ने जाति प्रमाण पत्र के बारे में सोचना ही बंद कर दिया।
लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस परेशानी को समझा और जाति प्रमाण पत्र का सरलीकरण किया।
अब स्कूल में ही जाति प्रमाण पत्र के लिए फार्म भर दिया जाता है और बिना किसी दौड़भाग के जाति प्रमाण पत्र बनकर स्कूल में ही बच्चे को मिल जाता है।
ऐसा ही कुछ हुआ है दूसरी कक्षा में पढ़ने वाले जिज्ञांशू और उसके जैसे हजारों नौनिहालों के साथ जिन्हें जाति प्रमाण पत्र की वजह से कोई तकलीफ नहीं होगी और वो समय समय पर शासन की योजनाओं का लाभ भी ले सकेंगे।