Bhavana Bohra Kawad Yatra : 151 किमी पैदल तपस्या...विधायक भावना बोहरा ने भक्ति…नारीशक्ति और जनसेवा का संकल्प निभाया…

Bhavana Bohra Kawad Yatra : 151 किमी पैदल तपस्या…विधायक भावना बोहरा ने भक्ति…नारीशक्ति और जनसेवा का संकल्प निभाया…

Bhavana Bohra Kawad Yatra

Bhavana Bohra Kawad Yatra

Bhavana Bohra Kawad Yatra : सावन के पवित्र महीने में छत्तीसगढ़ की धरती पर एक ऐसी कांवड़ यात्रा पूरी हुई, जो केवल आस्था नहीं, आत्मबल और नेतृत्व का प्रतीक बन गई। पंडरिया विधानसभा क्षेत्र की विधायक भावना बोहरा ने मां नर्मदा मंदिर, अमरकंटक से लेकर भोरमदेव मंदिर तक 151 किमी की पदयात्रा पूरी की और यह कोई साधारण यात्रा नहीं थी, बल्कि सनातन संस्कृति, नारीशक्ति और सामाजिक एकता का एक चलता-फिरता उदाहरण थी।

300 श्रद्धालुओं की टोली, 7 दिन की तपस्या

21 जुलाई को प्रारंभ हुई इस यात्रा में भावना बोहरा के साथ 300 से अधिक कांवड़िए भी चले। भक्ति और सेवा के इस संगम में, हर कदम पर धर्म और जनसेवा का भाव झलकता रहा। 28 जुलाई को दोपहर 12 बजे, भोरमदेव महादेव मंदिर पहुंचकर भोलेनाथ का जलाभिषेक(Bhavana Bohra Kawad Yatra) कर उन्होंने अपने संकल्प को पूर्णता दी।

यह आत्मिक यात्रा थी, नारी शक्ति की अनुभूति भी”

भावना बोहरा ने कहा – “यह यात्रा सिर्फ पैरों से नहीं, आत्मा से चली गई थी। हर कदम पर शिव का नाम था, और हर दर्द में सेवा का भाव।”

उन्होंने इसे नारीशक्ति के आत्मविश्वास, और सनातन संस्कृति के प्रति समर्पण की यात्रा बताया, जो उन्हें भविष्य में जनसेवा के हर मोड़ पर प्रेरणा देती रहेगी।

मुख्यमंत्री की शुभकामनाएं, समाज की सराहना

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने उन्हें और उनके साथ चल रहे श्रद्धालुओं को फोन पर शुभकामनाएं(Bhavana Bohra Kawad Yatra) दीं। उन्होंने इस यात्रा को “भक्ति और जनभावना का अभूतपूर्व संगम” कहा।

न कोई दिखावा, न कोई मंच – बस आस्था की मौन गूंज

इस पदयात्रा में न किसी बैनर की होड़ थी, न कोई मंचीय प्रचार। सिर्फ नंगे पांव, नर्मदा जल और भोलेनाथ(Bhavana Bohra Kawad Yatra) की भक्ति थी। और उस भक्ति के केंद्र में थीं भावना बोहरा – एक जनप्रतिनिधि के रूप में नहीं, बल्कि एक सनातनी बेटी के रूप में।

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