स्थगन आदेश के बावजूद सरकारी जमीन पर कब्जे का दुस्साहस

स्थगन आदेश के बावजूद सरकारी जमीन पर कब्जे का दुस्साहस

नवप्रदेश संवाददाता
भटगांव । अनु विभाग मुख्यालय बिलाईगढ़ के नगर पंचायत कार्यालय के सामने सरकारी जमीन पर कोर्ट के स्थगन आदेश के बाद भी भू माफियाओं के द्वारा 15 से 20 ट्रिप पत्थर गिरा कर दोबारा कब्जा करने का दुस्साहस का मामला प्रकाश में आया है ।
प्राप्त समाचार के अनुसार नगर पंचायत कार्यालय के सामने ही सरकारी जमीन पर बने डबरी को कुछ भूमाफिया एवं असामाजिक तत्वों के द्वारा मार्च 2019 में जेसीबी एवं हाईवा चलाकर कब्जा करने का प्रयास किया गया था ।लोगों की शिकायत पर स्थानीय प्रशासन सक्रिय हुआ लेकिन इसमें सिर्फ स्थगन आदेश दिया गया। कोई ठोस कार्रवाई नहीं किया गया ठोस कार्यवाही के अभाव में ढाई माह में ही भू माफियाओं के हौसले बुलंद हो गए और दोबारा कब्जा करने का दुस्साहस किया गया । और कल दिनांक 10 जून को उक्त सरकारी जमीन में 15 से 20 ट्रिप पत्थर गिरा दिया गया । लोगों की शिकायत पर एसडीएम बिलाईगढ़ ने पत्थर जप्त करने का आदेश दिया ।एसडीएम के निर्देश पर हल्का पटवारी योगेश खुटे ने लोगों से बयान लेकर पंचनामा तैयार किया जिनमें पार्षद गोविंद शर्मा पिता बिहारी लाल शर्मा बिलाईगढ़ एवं धनी राम देवांगन पिता गुहा राम देवांगन बिलाईगढ़ के द्वारा पत्थर गिराकर स्थगन आदेश का अवहेलना किया जाना पाया गया वही 15 से 20 तक जप्त पत्थर को नगर पंचायत बिलाईगढ़ के हवाले किया गया। नगर पंचायत प्रशासन के नाक के नीचे हो रहे अवैध कब्जे पर कड़ा एतराज जताते हुए एसडीएम बिलाईगढ़ ने सीएमओ बिलाईगढ़ आर एन पांडेय को फटकार भी लगाया।
यहां यह बताना लाजिमी है कि इस प्रकरण में और भी भूमाफिया शामिल हैं जो पर्दे के पीछे से दूसरे के कंधों का इस्तेमाल कर रहे हैं ये सरकारी जमीन पर कब्जा कर मकान बनाते हैं और बाद में दूसरे को बेच भी देते हैं ।
ज्ञात हो कि एसडीएम केएल शोरी ने ढाई माह पूर्व हल्का पटवारी योगेश खुटे को सरकारी जमीन पर जेसीबी एवं हाईवा चलाने वाले के खिलाफ तत्काल गाडिय़ां जब्त कर उन पर एफ आई आर कराने का निर्देश दिया था किंतु पटवारी ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया जिनसे इनकी भूमिका में भी संदेह व्याप्त है । संबंधित पटवारी को मालूम है कि किन किन लोगों के द्वारा और किन-किन गाडिय़ों का उपयोग कर सरकारी जमीन पर कब्जा किया जा रहा था ।अब देखना यह है कि भू माफियाओं के खिलाफ में क्या ठोस कार्रवाई किया जा रहा है। सरकारी जमीन को बचाने में प्रशासन कामयाब हो रहा है कि नहीं ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *