आखिर किसके संरक्षण में चल रहा कटाई का खेल, सैकड़ों हेक्टेयर में लगे जंगल हो रहे साफ
मुकेश सोलंकी
जगदलपुर/नवप्रदेश। भानपुरी वन परिक्षेत्र (Bhanpuri Forest Range) के कई ग्राम पंचायतों (Gram panchayats) में अवैध रूप से वनों की कटाई (Illegally Deforestation) धड़ल्ले से की जा रही है । खासकर कोण्डागांव जिले से सटे ऐसे ग्राम पंचायत जो उड़ीसा राज्य सीमा से लगे हुए है ।
वहां के ग्रामीण चंद रूपयो की लालच में वनों की कटाई कर उसकी लकडिय़ों को सीमा से उस पार उड़ीसा अथवा कोण्डागांव जिला पार कराकर काफी मुनाफा कमा रहे है। पिछले दिनों साल्हेमेटा क्षेत्र के ग्राम पंचायत क्षेत्र खंडसरा के जंगल में कटाई की बात सामने आने पर कुछ विभागीय जांच हुई थी किंतु सब ठीक होने की बात कह खानापूर्ति कर मामले को रफा दफा करने का प्रयास कर दिया।
लेकिन ठीक उसके बाद उसी ग्राम पंचायत से कुछ किमी दूर लगे पंचायत से वन कटाई का मामला सामने आया है । इसी क्षेत्र के कुछ ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत खड़का एवं जामगांव क्षेत्र के करीब 30 से 70 एकड़ जमीन पर लगे वनों की कटाई कर उसे खेत की शक्ल दी जा रही है ।
इन्हीं ग्रामवासियों के अनुसार इस वनक्षेत्र में अब मक्का बोआई की जावेगी । इसके पूर्व भी साल्हेमेटा क्षेत्र के कई गांवों से लगे वनों की कटाई कर उसमें मक्का , धान फसल लगाकर कब्जा कर लिया गया है । भानपुरी वन परिक्षेत्र के सुदूर वन क्षेत्र जो अन्य जिला अथवा राज्य से सटे है ।
यहां वन अधिकारियों की मदद से कुछ असामाजिक तत्वों के माध्यम से वनों की अवैध कटाई कराकर करोड़ों रूपए की कमाई की जा रही है ।
इस क्षेत्र के ग्रामीणों के अनुसार उड़ीसा क्षेत्र के वन तस्कर बस्तर क्षेत्र में आकर यहां के ग्रामीणों को पैसों का लालच देकर उनसे इस प्रकार का कार्य करवा रहे है इस मामले में आश्चर्यजनक बात यह है कि बस्तर जिले के वन अधिकारी एवं कर्मचारी भी ऐसे कृत्य में बाहर राज्य के वन माफियाओं का पूरा सहयोग कर रहे है ।