Benefits Of Documents : मरने के बाद व्यक्ति के परिजन पैन, आधार, वोटर आईडी कार्ड और पासपोर्ट का क्या करें? 4 प्वाइंट में समझें
नई दिल्ली, नवप्रदेश। मृत व्यक्ति के कानूनी उत्तराधिकारियों को अक्सर यह नहीं पता होता है कि उन्हें मृतक के विभिन्न आधिकारिक दस्तावेजों और सरकारी आईडी जैसे पैन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, पासपोर्ट आदि के साथ क्या करना चाहिए।
इन्हें कब तक रखना चाहिए? इसके अलावा, क्या वे इन दस्तावेजों को उन्हें संचालित करने वाले और जारी करने वाले संस्थानों को सौंप सकते (Benefits Of Documents) हैं? आज की स्टोरी में हम इसी बात पर चर्चा करेंगे। 4 प्वाइंट में समझें कि इन दस्तावेजों को लेकर सरकार के तरफ से क्या नियम बनाए गए हैं।
4 प्वाइंट में समझें
आधार नंबर पहचान के प्रमाण और पते के प्रमाण के रूप में कार्य करता है। विभिन्न स्थानों जैसे एलपीजी सब्सिडी का लाभ उठाते समय, सरकार से छात्रवृत्ति लाभ, ईपीएफ खातों आदि के मामले में आधार कार्ड की जरूरत पड़ती है। इसे सरेंडर करने की कोई व्यवस्था नहीं है, लेकिन मृतक का परिवार उसे UDAI की वेबसाइट पर जाकर लॉक करा सकता (Benefits Of Documents) है।
व्यक्ति के मरने के बाद उसके परिजन मृतक के पैन कार्ड को सरेंडर कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें इनकम टैक्स विभाग में संपर्क करना होता है। सरेंडर करने से पहले मरने वाले व्यक्ति के सभी खाते परिवार के किसी दूसरे व्यक्ति के नाम पर ट्रांसफर करा देना चाहिए या फिर बंद कर देना चाहिए ताकि बाद में किसी तरह की समस्या न (Benefits Of Documents) हो।
वोटर आईडी को व्यक्ति के मृत्यु हो जाने के बाद परिजन रद्द करवा सकते हैं। इसके लिए घर के किसी सदस्य को चुनाव कार्यालय में जाकर फॉर्म-7 भरना होता है, जिसके बाद ये कार्ड रद्द हो जाएगा। वोटर आईडी को रद्द करवाने के लिए मृतक के डेथ सर्टिफिकेट की जरूरत पड़ सकती है। इसलिए जब जाएं तब उसे साथ लेते जाएं।
आधार कार्ड की तरह ही पासपोर्ट को भी रद्द करवाने की कोई व्यवस्था नहीं होती है। बता दें, पासपोर्ट के लिए एक तय समय सीमा दी जाती है। जिसकी समाप्ति के साथ उसकी वैलिडिटी भी खत्म हो जाती है।