Beggar Country Pakistan : भारत से मदद की अपील

Beggar Country Pakistan : भारत से मदद की अपील

Beggar Country Pakistan: Appeal to India for help

Beggar Country Pakistan

Beggar Country Pakistan : पड़ौसी देश पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर उनसे आर्थिक क्षेत्र में सहयोग देने की अपील की है। दरअसल शहबाज शरीफ को यह बात समझ में आ गई है कि आज की तारीख में भारत की ताकत लगातार बढ़ती जा रही है और भारत से पंगा लेना पाकिस्तान जैसे भिखारी देश के हित में नहीे है।

जिस शाहबाज शरीफ ने प्रधानमंत्री पद (Beggar Country Pakistan) की शपथ लेने के पहले ही बेसूरा कश्मीर राग अलापा था और इसके लिए भारत से बातचीत की पेशकश की थी और यह कहा था कि जब तक कथित कश्मीर समस्या का समाधान नहीं हो जाता तब तक शांति कायम नहीं हो पाएगी। उनकी इस बात में गीगड़ भभकी भी छिपी हुई थी।

उनका मतलब था कि यदि भारत कश्मीर समस्या के समाधान के लिए बातचीत नही करेगा तो पाकिस्तान पहले की तरह ही आगे भी कश्मीर में आतंकवादी की आग हो हवा देने के लिए आतंक मचाता रहेगा। उनकी इस बात का भारत ने कोई जवाब ही नहीं दिया, इससे शाहबाज शरीफ को यह समझते देर नहीं लगी कि भारत के साथ मित्रता करने में ही उसकी भलाई है।

पाकिस्तान पहले ही आर्थिक रूप से बदहाल हो चुका है। महंगाई की मार ने वहां के लोगों का जीना मुहाल कर रखा है। भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार बंद हो जाने से भी पाकिस्तान में भुखमरी की स्थिति पैदा होने लगी है। यही वजह है कि शाहबाज शरीफ ने भारत से आर्थिक क्षेत्र में सहयोग करने की गुजारिश की है। भारत ने उनके इस अनुरोध पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। इसकी वजह साफ है कि पाक अभी भी अपने नापाक इरादों से बाज आने का नाम नहीं ले रहा है।

पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर बदस्तूर चल रहे है और कश्मीर में गड़बड़ी फैलाने की उसकी कोशिशें भी लगातार जारी है। ऐसी स्थिति में भारत पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय संबंध फिर से बहाल करने की बात सोच भी नहीं सकता। गौरतलब है कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान जो लगातार तीन साल तक भारत के खिलाफ जहर उगलते रहे उन्होने अपने पद से हटने के पहले भारत की तारीफ के पुल बांधने शुरू कर दिए थे।

एक बार नहीं बल्कि कई बार उन्होने भारत की विदेश नीति की जमकर तारीफ (Beggar Country Pakistan) की थी और कहा था कि भारत की विदेश नीति स्चतंत्र है। इसी तरह पाकिस्तान में भी उसकी विदेश नीति स्वतंत्र होनी चाहिए। पाकिस्तानी हुक्मरानों के ये बदले हुए सुर साबित करते है कि पाकिस्तान को अब देर से ही सही लेकिन अक्ल आ रही है। इसके पीछे भले ही उसका अपना नीजी स्वार्थ हो, लेकिन भारत को उसकी चिकनी चुपड़ी बातों में नहीं आना चाहिए और पाकिस्तान के प्रति अपना कठोर रूख कायम रखना चाहिए।

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