Bastar Japanese Encephalitis Outbreak : बस्तर में जापानी बुखार का खतरा गहराया…6 महीने में 19 केस, 2 मासूमों की मौत…ग्रामीण इलाकों में बढ़ी चिंता…

Bastar Japanese Encephalitis Outbreak
बस्तर में इस साल अब तक जापानी बुखार के 19 मामले सामने आए हैं, जिनमें 2 बच्चों की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग ने ग्रामीण क्षेत्रों में सतर्कता बढ़ा दी है।
जगदलपुर, 17 जुलाई| Bastar Japanese Encephalitis Outbreak : बस्तर संभाग में मानसून के साथ एक बार फिर बीमारियों का साया गहराने लगा है। खासकर जापानी इंसेफेलाइटिस (JE) यानी जापानी बुखार के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल जनवरी से लेकर जुलाई के बीच अब तक बस्तर संभाग में कुल 19 मरीज सामने आ चुके हैं। इनमें बस्तर जिले से 13, बीजापुर से 3 और अन्य जिलों से 3 मामले दर्ज हुए हैं।
चिंता की बात यह है कि लोहांडीगुड़ा और केसलूर इलाके में 2 मरीजों की मौत भी हो चुकी है। हालांकि अंतिम पुष्टि के लिए स्वास्थ्य विभाग जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है।
विशेषज्ञों के मुताबिक जापानी इंसेफेलाइटिस मुख्य रूप से बच्चों में ज्यादा असर डालता है। डिमरापाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल में JE की जांच और इलाज की सुविधा मौजूद है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने फिर भी ग्रामीण इलाकों में सतर्कता बढ़ा दी है।
क्या है जापानी बुखार?(Bastar Japanese Encephalitis Outbreak)
यह बीमारी कुलेक्स प्रजाति के मच्छरों के काटने से फैलती है। ये मच्छर ज्यादातर खेतों, झीलों और झाड़ियों वाले क्षेत्रों में पाए जाते हैं। इससे मस्तिष्क में सूजन आ जाती है और समय पर इलाज न होने पर जान भी जा सकती है।
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अनुरूप साहू के अनुसार, छोटे बच्चों में बीमारी का असर गंभीर हो सकता है। उन्होंने बताया कि मच्छरदानी का प्रयोग, घर-आंगन की साफ-सफाई और मच्छरनाशक दवाओं का छिड़काव ही इससे बचाव के सबसे अच्छे उपाय हैं।
बीते वर्षों के आंकड़े बताते हैं बढ़ता खतरा(Bastar Japanese Encephalitis Outbreak)
• वर्ष 2016-17: बस्तर में 0 केस, सुकमा में 7 केस और 3 मौतें
• वर्ष 2018-19: कुल 18 JE पॉजिटिव मरीज, जिनमें 94% बच्चे थे
• वर्ष 2022: 15 दिन में 11 केस और 1 मौत
• वर्ष 2023-24: 30 केस और 3 मौतें
इससे साफ है कि यह बीमारी समय-समय पर बस्तर क्षेत्र में सिर उठाती रही है और इस बार भी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
स्वास्थ्य विभाग ने कसे पुख्ता इंतजाम
बस्तर के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में JE जांच और इलाज की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। संभावित इलाकों में मच्छरनाशक दवाओं का छिड़काव भी शुरू हो चुका है। साथ ही ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए शिविर लगाए जा रहे हैं।
सावधानी ही सबसे बड़ा बचाव(Bastar Japanese Encephalitis Outbreak)
डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने साफ कहा है कि बच्चों में सिरदर्द, तेज बुखार, उल्टी या कमजोरी जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत अस्पताल ले जाएं। इलाज में देरी जानलेवा साबित हो सकती है।