Bastar Dussehra : अमित शाह को मिला बस्तर दशहरा का स्नेहपूर्ण आमंत्रण, मुरिया दरबार में पहली बार होंगे शामिल

Bastar Dussehra : अमित शाह को मिला बस्तर दशहरा का स्नेहपूर्ण आमंत्रण, मुरिया दरबार में पहली बार होंगे शामिल

Bastar Dussehra

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Bastar Dussehra : बस्तर की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को नई ऊँचाइयों पर ले जाने की तैयारी शुरू हो गई है। इस बार का दशहरा और भी खास होगा क्योंकि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को विश्वप्रसिद्ध (Bastar Dussehra) में शामिल होने के लिए स्नेहपूर्ण आमंत्रण दिया गया है। यह आमंत्रण बस्तर सांसद एवं दशहरा समिति अध्यक्ष महेश कश्यप के नेतृत्व में मांझी-चालकी प्रतिनिधिमंडल ने गृह मंत्री को दिया।

आमंत्रण के दौरान अमित शाह को पारंपरिक पगड़ी पहनाकर सम्मानित किया गया और आराध्य देवी मां दंतेश्वरी का छायाचित्र भेंट किया गया। गृहमंत्री ने आमंत्रण स्वीकार करते हुए बस्तरवासियों को दशहरे की शुभकामनाएं दीं और दशहरा समिति का आभार व्यक्त किया। समिति का कहना है कि यह पहल न केवल परंपरा को सहेजने का माध्यम है बल्कि जनता और जनप्रतिनिधियों के बीच सीधे संवाद की लोकतांत्रिक परंपरा को भी आगे बढ़ाती है।

4 अक्टूबर को सिरहासार भवन में मुरिया दरबार का आयोजन किया जाएगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, प्रदेश मंत्रिमंडल के सदस्य, बस्तर संभाग के जनप्रतिनिधि और प्रदेश-देश के अन्य गणमान्य नेता मौजूद रहेंगे। खास बात यह होगी कि राज्य गठन के बाद पहली बार कोई केंद्रीय गृहमंत्री (Bastar Dussehra) के मुरिया दरबार में शामिल होकर जनता की बात सीधे सुनेंगे।

बस्तर दौरे के दौरान अमित शाह 4 नवंबर को भी मौजूद रहेंगे और मिशन 2026 के तहत नक्सल उन्मूलन अभियान पर विस्तृत चर्चा करेंगे। ऐसे में इस बार का दशहरा आयोजन राजनीतिक और सामाजिक दृष्टि से और भी महत्वपूर्ण हो गया है। स्थानीय लोग मानते हैं कि गृहमंत्री की मौजूदगी से दशहरा आयोजन को राष्ट्रीय पहचान मिलेगी और नक्सल समस्या के समाधान की दिशा में भी ठोस पहल हो सकती है।

मुरिया दरबार की परंपरा का इतिहास भी बेहद रोचक है। मुरिया विद्रोह के बाद 8 मार्च 1876 से इसकी शुरुआत हुई थी। यह दरबार जनता और तत्कालीन राजा के बीच सीधा संवाद का प्रमुख माध्यम रहा। मांझी-चालकी अपने गाँवों की समस्याएं और सुझाव यहां रखकर तत्कालीन शासन से समाधान पाते थे। आज भी यह परंपरा जीवित है और लोकतांत्रिक भारत में जनप्रतिनिधियों तक जनता की समस्याएं पहुँचाने का सशक्त माध्यम बनी हुई है। इस बार पहली बार केंद्रीय गृहमंत्री (Bastar Dussehra) का हिस्सा बनेंगे, जिससे इसकी महत्ता और बढ़ गई है।

दशहरा समिति अध्यक्ष महेश कश्यप, उपाध्यक्ष बलराम कश्यप और मांझी-चालकी गण मंगलू ठाकुर, बिरोसिंग, डमरू राम और कुहरामी चालकी ने आयोजन की तैयारियां शुरू कर दी हैं। समिति का कहना है कि इस बार का आयोजन पूरे देश का ध्यान आकर्षित करेगा।

ग्रामीणों की उम्मीद है कि गृहमंत्री की मौजूदगी से दशहरा न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से खास बनेगा बल्कि क्षेत्र की सुरक्षा और विकास से जुड़े मुद्दों पर भी निर्णायक फैसले लिए जाएंगे। (Bastar Dussehra) के इस ऐतिहासिक आयोजन को लेकर बस्तर ही नहीं, पूरे छत्तीसगढ़ में उत्साह का माहौल है।

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