बैंक कर्मचारी संगठन अड़े, 22 अक्टूबर को होकर रहेगी हड़ताल
हैदराबाद/नवप्रदेश। विभिन्न बैंक कर्मचारी संगठनों (bank employees association) ने यह स्पष्ट कर दिया कि 22 अक्टूबर को होने वाली बैंक हड़ताल (strike) होकर रहेगी। इस पर पुनर्विचार (reconsideration) करना संभव नहीं है।
अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (aibea) और भारतीय बैंक कर्मचारी महासंघ (befia) ने शनिवार को भारतीय बैंक संघ (iba) को इस संबंध में सूचित किया। कहा कि 22 अक्टूबर को राष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तावित बैंक कर्मचारियों की हड़ताल (strike) पर पुनर्विचार (reconsideration) करना संभव नहीं है।
एआईबीईए के महासचिव सीएच वेंकटचलम और बीईएफआई के महासचिव देबाशिष बासु ने आईबीए (iba) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी वी जी कन्नन को इस संबंध में संयुक्त रूप से एक पत्र लिखा है।
इसमें कहा गया है कि उपभोक्ता सेवाओं को लेकर आईबीए की चिंताओं और हड़ताल पर नहीं जाने की अपील की वे सराहना करते हैं लेकिन जब केन्द्र सरकार उनके द्वारा उठाये गये मुद्दों के समाधान के लिए कोई प्रयास नहीं कर रही है ऐसे में हड़ताल (strike) पर नहीं जाने की अपील पर पुनर्विचार करना संभव नहीं है।
Definitely Government of India want Bankers to work round the clock for their social uplifement programme n r entrusted with Apy , other various activities so they could boast that how work is get completed irrespective of their basic duties of quality finance. But never bothered about their salares parity with central govt employees . MEANING WORK ROUND THE CLOCK N DEMAND NOTHING advances getting due to government wrong financial policies, loan waiver declaration for their political mileage
Therefore its needs long term strike to get genuine demands fulfilled