Bangladesh Awami League Ban : बांग्लादेश में शेख हसीना की अवामी लीग पर चुनाव लड़ने से रोक

Bangladesh Awami League Ban

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बांग्लादेश में तेजी से बदलते राजनीतिक हालात के बीच अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग (Bangladesh Awami League Ban) को फरवरी 2026 में प्रस्तावित राष्ट्रीय चुनावों में हिस्सा लेने से प्रतिबंधित कर दिया गया है।

अंतरिम सरकार के इस फैसले को देश की राजनीति में बड़ा घटनाक्रम माना जा रहा है। अवामी लीग की गतिविधियों पर अगस्त 2025 से ही रोक लागू है और अब चुनाव आयोग द्वारा पंजीकरण निलंबित किए जाने के बाद पार्टी चुनावी प्रक्रिया से भी बाहर हो गई है ।

अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार मोहम्मद यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने सलाहकार परिषद की बैठक के बाद मीडिया को इसकी पुष्टि की। उन्होंने स्पष्ट किया कि चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार गैर-पंजीकृत दल को चुनाव लड़ने (Bangladesh Awami League Ban) की अनुमति नहीं दी जा सकती। इसी आधार पर अवामी लीग को आगामी चुनाव से बाहर रखा गया है ।

इस बीच, छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ पर बांग्लादेश में भारत विरोधी नैरेटिव फैलाने के आरोप भी तेज हुए हैं। अधिकारियों का मानना है कि फरवरी में होने वाले चुनावों को प्रभावित करने के उद्देश्य से इस तरह के दावे गढ़े जा रहे हैं। पाकिस्तान के कुछ मीडिया मंचों द्वारा भारत की खुफिया एजेंसी ‘रा’ पर आरोप लगाए जाने को इसी रणनीति का हिस्सा बताया जा रहा है।

पाकिस्तान की सत्ताधारी पार्टी पीएमएल-एन के नेता कामरान सईद उस्मानी के भड़काऊ बयानों ने हालात को और संवेदनशील बना दिया है। बांग्लादेशी अधिकारियों के अनुसार इन बयानों का मकसद देश में अस्थिरता बनाए रखना और घरेलू संकट का अंतरराष्ट्रीयकरण करना है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अवामी लीग के चुनाव से बाहर होने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की पार्टी बीएनपी को भावनात्मक बढ़त मिल सकती है। खालिदा जिया के इलाज के लिए लंदन में रहने और उनके बेटे तारिक रहमान की लंबे निर्वासन के बाद वापसी से पार्टी कैडर में उत्साह है। ऐसे में आने वाले दिनों में बांग्लादेश की राजनीति और अधिक उथल-पुथल भरी हो सकती है ।