गंदा पानी पीने मजबूर हैं पण्डो जनजाति के लोग
नवप्रदेश संवाददाता
बैकुंठपुर। कोरिया जिले के बैकुण्ठपुर विकासखंड में आने वाले ग्राम पंचायत तेंदुआ के शिवानीपारा में रहने वाले राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र इन दिनों मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। आलम यह है कि इन पण्डो जनजाति के लोगों को पीने तक का साफ पानी नहीं मिल रहा। जिसके चलते इन्हें नाले का निकट कुआं से निकल रहे गंदा पानी पीने को मजबूर होना पड रहा है वही जीवनचर्या के लिए गंदे पानी का इस्तेमाल करना पड़ रहा। इस बेबसी को लेकर ग्रामीणों में काफी आक्रोश है लेकिन बार-बार शिकायत के बाद इनकी आवाज जिले के उच्च अधिकारियों तक नहीं पहुंच पा रही है। जब कि जिले के अधिकारी मिल रहे शिकायतों का ग्राम स्तर पर जा कर ग्रामीणों की समस्या को सुनने व निराकरण करने की बात कह रहे किंतु समय बीत जाने के बाद अब ग्रामीणों को शिकायत के बाद भी समस्या का समाधान न होना महज खानापूर्ति ही लग रहा है।
जिला मुख्यालय बैकुण्ठपुर से लगभग बीस किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत तेदुआं के शिवानीपारा के पंडो बस्ती में राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले पण्डो जनजाति के लोग निवास करते हैं। शिवानीपारा में एक मात्र हैंडपंप है जो लंबे समय से बंद पडा हुआ है जिसके चलते इस पारा में पानी की समस्या और गंभीर हो गई है। पीने के पानी के लिए अब ग्रामीणों को लगभग आधा किलोमीटर दूर जाकर नाले का पानी लाना पडता है तब कही जाकर उनकी प्यास बुझ पाती है। राष्ट्रपति के दत्तक पुत्रों के लिए कई सुविधाएं देने के लिए प्रावधान बनाया गया है लेकिन दुर्भाग्य का विषय है कि इन पण्डो जनजाति के लोगों को पीने का पानी तक नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में इन लोगों को और क्या सुविधाएं मिलती होगीं इसका सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है। इस मामले में जब हमनें जिला मुख्यालय स्तिथ लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों से चर्चा की तो उनका कहना था कि वे इसके लिए तत्काल पहल करेंगे जिससे ग्रामीणों को पीने का साफ पानी मिल सके।
कई बार दिया आवेदन
सुखराम पंडो ग्रामीण सिवानी पारा, तेंदुआ, कई बार पानी की समस्या को लेकर शिकायत दिया गया व पूर्व में लोक सुराज व विधायक को भी आवेदन दिया गया है किन्तु अब तक किसी ने हमारी समस्या को नही सुना न ही कोई जनप्रतिनिधि व अधिकारी ग्राम तक आज तक पहुचा अब कलेक्टर कोरिया से मिलकर इस समस्या से निपटने के लिए मुलाकात करेंगे।
सरपंच-सचिव भी कभी नहीं पहुंचे
इस संबंध में ग्रामीणों ने बताया कि पंचायत चुनाव हुए अब पांच वर्ष बीतने को हैं किंतु सरपंच को इस बस्ती में कभी ग्रामीणों ने नही देखा वही न ही सचिव को देखे जिससे अंदाजा लगाया जा सकता हैं कि ग्राम के जिम्मेदार प्रतिनिधि विकास के प्रति कितने जागरूक है।
पूर्वजों का खोदा कुआं ही सहारा
ग्रामीणों का कहना है कि पानी की समस्या को देखते हुए हमारे पूर्वजो ने एक छोटा कुआँ पूर्व में खोदवाया था जो की जर्जर हालात में है उसी से हर आधे घंटे में लगभग 30 लीटर पानी निकलता हैं जिससे ग्रामीण बारी बारी से हर आधे घंटे में आकर पीने का पानी अपने घरों में लेकर जाते हैं जिससे भी गंदा पानी निकल रहा किन्तु कोई अन्य सुविधा न होने के कारण इसी पानी को पीने विवश हैं। 35 परिवार बस्ती में निवासरत -ग्रामीणों ने बताया कि इस बस्ती में 35 परिवार निवासरत है जहा हर घर पे 5 से 7 व्यक्ति रहते हैं जिससे लगभग 150 व्यक्ति इस नाले पर ही अपनी जीवनचर्या के लिए निर्भर है वहीं मवेशी भी इसी पानी को पीते हैं। यहां आज तक एक भी हमारी जानकारी में कोई शासन की सुविधा उपलब्ध नही कराई गई जब कि बस्ती में पंडो व कुछ आदिवासी परिवार निवासरत हैं।
हैण्डपम्प सूखे
ग्रामीणों का कहना है कि कई बार जनप्रतिनिधियों को हैंड पंप सुधरवाने के लिए निवेदन किया किन्तु समस्या का कोई हल नही निकला जब कि इस बस्ती मे लगभग 4 हैंड पंप है सभी खराब हैं या फिर सुख गए हैं।
ग्रामीणों की समस्या दूर किया जायेगा
पानी की समस्या को लेकर ग्राम पंचायत सरपंच व ग्रामीणों से कोई भी शिकायत नही मिला है आप के माध्यम से जानकारी मिली है इस संबंध में तत्काल पहल कर ग्रामीणों की समस्या दूर किया जायेगा।
विजय मिंज, कार्यपालन अभियंता लोक स्वास्थ यांत्रिकी विभाग बैकुंठपुर