Baiga society: बैगा समाज को विकास के मुख्यधारा में जोड़ने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार प्रतिबद्ध : अकबर

Baiga society: बैगा समाज को विकास के मुख्यधारा में जोड़ने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार प्रतिबद्ध : अकबर

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Baiga society: मंत्री अकबर ने जिला मुख्यालय कवर्धा मे बैगा समाज के सामुदायिक भवन के लिए 20 लाख रूपए देने की घोषणा

-Baiga society: भोरमदेव मेला स्थल पर अयोजित बैगा समाज के सम्मेलन में शामिल हुए

कवर्धा। Baiga society: प्रदेश के वन, परिवहन, आवास एवं पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर और पंडरिया विधायक ममता चन्द्राकर शुक्रवार को कबीरधाम जिले में निवासरत विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा समाज द्वारा भोरमदेव महोत्सव स्थल पर आयोजित बैगा समाज के सम्मेलन में शामिल हुए।

मंत्री श्री अकबर ने कहा कि जिले में निवासरत् विशेष पिछड़ी बैगा जनजाति समाज (Baiga society) को विकास के मुख्य धारा में जोड़ने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार प्रतिबद्ध है। इसी प्रतिबद्धता को पूरा करते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने बैगा समाज को मुख्यधारा में जोड़ने के लिए अपनी पहल भी शुरू कर दी है।

समाज के सैकड़ों शिक्षत युवक-युवतियों को शाला संगवारी के रूप में चयनित कर स्थानीय स्तर पर रोजगार दिया जा रहा है। मंत्री श्री अकबर ने अपने विधायक निधि से बैगा समाज के विशेष मांग को पूरा करते हुए बैगा समाज के लिए जिला मुख्यालय कवर्धा में सामुदायिक भवन निर्माण के लिए 20 लाख रूपए देने की घोषणा की।

बैगा सम्मेलन की अध्यक्षता बैगा समाज के प्रांतीय  सलाहकार लमलू राम बैगा ने की। यह आयोजन बैगा समाज के जिला अध्यक्ष श्री कामू बैगा के विशेष प्रयासों से सफल हुआ।
कैबिनेट मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने बैगा सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश का पहला कबीरधाम जिला है जहां सरकार की नई नीति के तहत जिले में निवासरत् बैगा समाज के शिक्षित सैकड़ों बैगा युवक-युवतियों को स्थानीय स्तर पर रोजगार देते हुए शाला संगवारी के रूप में चयनित किया गया है।

बैगा समाज (Baiga society) के यह पढ़ी लिखी पीढ़ी अब शिक्षा की अलख जगा रही है। मंत्री श्री अकबर ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश के वनांचल और जंगलों के बीच रहने वाले वनवासियो, आदिवासी और विशेष पिछड़ी जनजातियों के सामाजिक तथा आर्थिक उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है। वनांचल और जंगलों के बीच सदियों से निवास करने वाले लोगों के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए अनेक आयोजनाएं संचालित कर रही है।

इसके अलावा उन्हे आर्थिक रूप में मजबूत और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर देने के लिए वनोपज सग्रहण के लिए नीतियां बनाई गई है। वनोपज, महुआ का समर्थन मूल्य 17 रूपए से बढ़ाकर 30 रूपए प्रति किलो की दर निर्धारित किया गया है। तेन्दूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक दर 25 सौ रूपए से बढ़ाकर सीधे 4 हजार रूपए कर दिया गया है।

प्रदेश भर में 856 हाट-बाजारों में लघु वनोपज की खरीदी की नई व्यवस्था देने से प्रदेश के किसानों से लेकर वनो में निवारत लाखों वनवासियों को इसका सीधा लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा तेंदूपत्ता संग्राहकों को समाजिक सुरक्षा का लाभ देने के लिए सहित शहीद महेन्द्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक समाजिक सुरक्षा योजना बनाई गई है।

पूरे प्रदेश में इस योजना के तहत तेंदूपत्ता संग्राहक में लगे हुए लगभग 12 लाख 50 हजार संग्राहक परिवारो को समाजिक सुरक्षा का लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि संग्राहक परिवार के मुखिया की मृत्यु होने पर उनके उत्तराधिकारी को 4 लाख रूपए  देने का प्रावधान है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में प्रदेश के नई सरकार द्वारा लोक व जनकल्याण, किसानों, वन वासियों और प्रदेश के नागरिकों के आर्थिक उत्थान व उनके सर्वाग्रीण विकास के लिए अनेक योजनाएं संचालित की जा रही है।

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