Axis Bank Employee Fraud : बैंक की वर्दी में बैठा ठग…खाताधारकों के नाम पर 1 करोड़ से ज्यादा की चालाकी…फर्जी दस्तावेज और ओटीपी ट्रैप का खुलासा…

Axis Bank Employee Fraud : बैंक की वर्दी में बैठा ठग…खाताधारकों के नाम पर 1 करोड़ से ज्यादा की चालाकी…फर्जी दस्तावेज और ओटीपी ट्रैप का खुलासा…

Axis Bank Employee Fraud

Axis Bank Employee Fraud

बैंक की वर्दी में छुपा था साइबर ठग! खाताधारकों के नाम पर करोड़ों उड़ाए, ओटीपी तक खुद के फोन में ट्रैप कर लिया। राजनांदगांव में उजागर हुआ हाईटेक फ्रॉड, फर्जी दस्तावेजों से करोड़ों की ठगी कर उड़ा भरोसे का बैंक बैलेंस।

Axis Bank Employee Fraud : एक बैंककर्मी की साजिश ने भरोसे को शर्मसार कर दिया। डोंगरगढ़ की एक बैंक शाखा में कार्यरत पूर्व कर्मचारी ने तकनीक और सिस्टम की खामियों का फायदा उठाकर करीब 1.06 करोड़ रुपए की ठगी को अंजाम दिया। यह ठगी ना सिर्फ खाताधारकों की जेब पर वार थी, बल्कि बैंकिंग सुरक्षा तंत्र की असली परीक्षा भी।

पूर्व कर्मचारी का नाम सामने आया

आरोपित बैंककर्मी उमेश गोरले ने 2022 से 2025 के बीच बैंक के 6 ग्राहकों की केवाईसी, दस्तावेज, और मोबाइल नंबर तक बदल दिए। इससे वह खातों की सीधी पहुंच पर काबिज हो गया।

https://en.wikipedia.org/wiki/Punjab_National_Bank_Scam

कैसे खुला फर्जीवाड़ा का पिटारा

जब कुछ ग्राहकों ने खातों में संदिग्ध ट्रांजेक्शन्स की शिकायत की, तब बैंक ने अंदरूनी जांच शुरू की। जांच में सामने आया कि ग्राहकों के नाम पर फर्जी ऋण, ओवरड्राफ्ट, फिक्स डिपाजिट तैयार किए गए और फर्जी हस्ताक्षर व डॉक्युमेंट से रकम(Axis Bank Employee Fraud) उड़ा ली गई।

इन खातों से की गई बड़ी हेराफेरी

चंदमल अग्रवाल: 31 लाख

मूलचंद कोसरिया: 3 लाख

तीरथ लाल पटेल: 1.5 लाख

बालक दास: 15.6 लाख

प्रमोद टेंभूर्णीकर: 23.1 लाख

राशि लोहिया: 32.6 लाख

एक मामले में तो ग्राहक के नाम से कार लोन लेकर वाहन खरीद लिया गया, और अन्य में चेक व ओटीपी के ज़रिए रकम को ट्रांसफर किया गया।

ओटीपी तक अपने फोन में डायवर्ट कर रखा था!

सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि आरोपित ने ग्राहकों के रजिस्टर्ड मोबाइल(Axis Bank Employee Fraud) नंबर तक बदल दिए, जिससे बैंक की ओर से आने वाला हर ओटीपी, नोटिफिकेशन और अलर्ट सिर्फ उसी तक पहुंचे।

अब मामला पुलिस के पास, तलाश जारी

जैसे ही यह मामला उजागर हुआ, बैंक प्रबंधन ने आंतरिक जांच शुरू की और कर्मचारी को निलंबित कर दिया। थाने में लिखित शिकायत दर्ज कर पुलिस ने धोखाधड़ी की धाराओं में केस दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी है।

सवालों के घेरे में बैंकिंग सुरक्षा तंत्र

इस पूरे प्रकरण ने यह साफ कर दिया है कि तकनीकी सुविधा और डिजिटल सिस्टम के बीच, अगर निगरानी ढीली हो तो अंदर बैठे लोग ही सबसे बड़ा खतरा बन सकते हैं।

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