Attack : डॉ. रमन पर कांग्रेस का हमला- अक्षम CM… इसलिए बार-बार बदलना पड़ता
त्रिवेदी ने कहा- रमन सिंह जिस पार्टी के मार्गदर्शक मंडल में है, उसे ही दें अपना बहुमूल्य मार्गदर्शन
रायपुर/नवप्रदेश। Attack : केंद्र शासित प्रदेशों में मुख्यमंत्रियों के बदलाव को लेकर एक बार फिर सियासत तेज होती दिख रही है। विपक्ष का आरोप है कि नायालक मुख्यमंत्री होने पर बदलाव स्वाभाविक है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने इस प्रकरण को और हवा दी है।
मुख्यमंत्री के साथ पूरा मंत्रिमंडल को कहा नालायक
उन्होंने पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह पर तंज (Attack) कसते हुए कहा, रमन सिंह जिस पार्टी के मार्गदर्शक मंडल में है, उसे ही अपना बहुमूल्य मार्गदर्शन दें। उनके 15 साल मुख्यमंत्री रहने का खामियाजा आखिरकार भाजपा को भुगतना पड़ा। डॉ. सिंह 6 महीने में जिन 5 मुख्यमंत्रियों के बदले जाने पर गर्व कर रहे हैं, उन मुख्यमंत्रियों को नालायक पाए जाने पर भाजपा ने बदला है। उत्तराखंड में तो 3 माह में दो बार मुख्यमंत्री बदले गए। गुजरात में तो मुख्यमंत्री के साथ-साथ पूरा मंत्रिमंडल नालायक पाया गया।
त्रिवेदी ने कहा, 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 15 सीटें भी नहीं मिल पाई। 2018 में भाजपा के छत्तीसगढ़ में 56 लाख सदस्य थे लेकिन मात्र 47 लाख एक हजार वोट ही मिल पाए। भाजपा के 8 लाख 99 हजार से भी अधिक सदस्यों ने रमन सिंह के 15 साल के शासन के बाद भाजपा को वोट देना मुनासिब नहीं समझा। रमन सिंह के 15 साल के शासन के बाद भाजपा के सदस्यों के परिवारजनों की बात छोडिय़े, भाजपा के 15 लाख सदस्यों ने हीं भाजपा को वोट नहीं दिया था।
मुख्यमंत्रियों के परिवर्तन पर बोले
बार-बार मुख्यमंत्री बदलना (Attack) और अस्थिरता यदि रमन सिंह जी की निगाहों में अच्छा है तो रमन सिंह जी 15 साल मुख्यमंत्री क्यों बने रहे? जब-जब उनकी कुर्सी हिलती थी तो कभी राजनाथ सिंह की मद्द और कभी-कभी सौंदान सिंह जी की कृपा प्राप्त करने की कोशिशें क्यों करते रहे? 15 साल रमन सिंह जी की सरकार चली लेकिन उसी का परिणाम तो यह हुआ कि 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा नहीं चल पायी और 15 सीटों पर सिमट कर रह गयी।
ऐसे गिनें डॉ. सिंह के कार्यकाल की घटनाएं
- नसबंदी कांड हुआ।
- नकली दवाओं के कारण 13 माताओं की मौत हुयी।
- झलियामारी, आमागुड़ा में बच्चियों के साथ अनाचार हुआ।
- अंखफोड़वा कांड हुआ जो डॉ. सिंह के क्षेत्र राजनांदगांव से लेकर बागबाहरा।
- सारकेगुडा में टापर बच्चों को माओवादी बताकर फर्जी मुठभेड़ में गोली मारी गयी।
- नान घोटाला।
- चावल घोटाला।
- धान घोटाला हुआ।
- चंद पैसो के लिये सैकड़ों माताओं के गर्भाशय निकाले गये।
- जंगल में मवेशी चराने गयी आदिवासी लड़की मीना खल्खों को बलात्कार, बाद नक्सली बताकर गोली मार दी गयी।
- एड़समेटा, पेद्दागेलूर, सोनकब-बिजलू हत्याकांड जैसी घटनायें।
- फर्जी आत्मसमर्पण, फर्जी मुठभेड़ों में आदिवासियों की हत्यायें।
कांग्रेस सरकार ने निभाए सारे वादे
त्रिवेदी ने सीएम भूपेश बघेल के वादों के बारे में कहा कि, छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार किसानों से किए वादे को पूरा कर रही है। छत्तीसगढ़ कला, संस्कृति परंपरा को सहेजने के लिए काम कर रही है। सर्वहारा वर्ग के विकास की सोच के साथ काम कर रही हैं। छत्तीसगढ़ की जनता को विकास दिख रहा है और रमन सिंह जी को विकास नहीं दिख रहा, सरकार नही दिख रही है तो स्पष्ट है कि रमन सिंह ने फिर से उल्टा चश्मा पहन लिया है। इस बार चश्में में जो विकास होता है, किसानों, मजदूरों, गरीबों के हित में अच्छा काम होता है वह रमन सिंह जी को नहीं दिखता।
उन्होंने कहा है कि आज कांग्रेस की सरकार में किसानों के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना, मजदूरों के लिए न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, वनोपज संग्रहण, चौतरफा विकास का काम हो रहा है। छत्तीसगढ़ समृद्ध हो रहा है। पुरखों के सपनों का छत्तीसगढ़ का निर्माण हो रहा है। यह रमन सिंह जी को बर्दाश्त नहीं हो रहा है। रमन सिंह जी को लग रहा है कि कोई मुख्यमंत्री नहीं है, कोई सरकार नहीं है। रमन सिंह जी बताये जब झीरम में कांग्रेस की विकास यात्रा पर माओवादी हमला हुआ, ठीक उसी जगह हमला हुआ था जहां पुलिस सुरक्षा हटा ली गयी थी। तब छत्तीसगढ़ में सरकार थी या नहीं?