Assembly elections 2023 : रणभेरी बजते ही नेताओं की सियासी ललकार
रायपुर/नवप्रदेश। Assembly elections 2023 : छत्तीसगढ़ समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव मतदाता, मतदान, मतगणना और आदर्श आचार संहिता का एलान भी हो गया है। चुनावी रणभेरी बजते ही बीजेपी और कांग्रेस लीडर्स सियासी दावों व ललकार चर्चा में हैं।
जीत और हार का पता तो 3 दिसंबर को होगा, लेकिन नेताओं के ट्वीट और सोशल मिडिया में बयान से लग रहा है उनकी जीत तय है…देखिये सियासी दावों की एक बानगी।
मल्लिकार्जुन खरगे, अध्यक्ष एआईसीसी
5 राज्यों के चुनावों की घोषणा के साथ भाजपा और उसके साथियों की विदाई का भी उद्घोष हो गया है। छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में कांग्रेस पार्टी मज़बूती के साथ जनता के पास जाएगी। जन-कल्याण, सामाजिक न्याय और प्रगतिशील विकास ही कांग्रेस पार्टी की गारन्टी है।
टीएस सिंहदेव, उप-मुख्यमंत्री छग. शासन
बिगुल बज चुका है – एक नए समर का…प्रगति का यह रथ निरंतर चलता रहे, परस्पर विश्वास का 5 सालों का सिलसिला जारी रहे, प्रदेश के बढ़ते गौरव का यह अश्वमेध रुकने न पाए – यही संकल्प है।छत्तीसगढ़ है तैयार, एक बार फिर, कांग्रेस की, भरोसे की सरकार !
भूपेश बघेल, मुख्यमंत्री छग. शासन
हैं तैयार हम… शुरू हो चुका है युद्ध माटी के अभिमान का नहीं रूकेगा अब ये रथ छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान का नवा छत्तीसगढ़ गढ़ने के संकल्प के साथ हर एक छत्तीसगढ़िया तैयार है, एक बार फिर भरोसे के हाथ जुड़ेंगे। भरोसा बरकरार, फिर से कांग्रेस सरकार।
डॉ रमन सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री छग.
दाऊ @bhupeshbaghel ने जिस प्रकार आदिवासी साथियों का शोषण किया है उसे देखते हुए आदिवासी अंचलों में कांग्रेस की स्थिति बहुत खराब है।
आदिवासी साथी भाजपा के साथ हैं क्योंकि पिछले 15 साल भाजपा की सरकार ने आदिवासी भाइयों-बहनों के हित में कार्य किया है और निश्चित ही इस बार आदिवासी साथी कांग्रेस के कुशासन को समाप्त करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे।