आपातकाल में 19 माह जेल में भी बिताए जेटली ने
नई दिल्ली/रायपुर/नवप्रदेश। पूर्व वित्तमंत्री अरुण जेटली (arun jately) जय प्रकाश नारायण के अनुयायी भी थे। वे 19 माह (19 month) तक दिल्ली की तिहाड़ जेल (jail) में रहे। वे जय प्रकाश नारायण को अपना मार्गदर्शक मानते थे। 1975 में जब तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने आपातकाल की घोषणा की, तब गिरफ्तार किए गए नेताओं में एक नाम जेटली (arun jately) का भी था। वे 19 माह तक दिल्ली की तिहाड़ जेल में रहे। जेल में बिताए इस समय को जेटली अपने जीवन का टर्निंग प्वाइंट मानते हैं क्योंकि इस दौरान उन्हें जेल में विभिन्न पृष्ठभूमि के लोगों से मिलने व उन्हें समझने का मौका मिला। 1977 में आम चुनाव में जब कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा, तब जेटली लोकतांत्रिक युवा मोर्चा के संयोजक थे।
वकालत का ऐसा अनुभव कि माधवराव सिंधिया भी थे क्लाइंट :
वकील के तौर पर जेटली (arun jately) इतने ख्यातिप्राप्त हो गए थे कि उनके क्लाइंट की सूची में माधवराव सिंधिया जैसा बड़ा नाम भी हुआ है। सिंधिया के अलावा लालकृष्ण आडवाणी शरद यादव जैसे दिग्गज नेता भी जेटली के क्लाइंट रहे। उन्होंने कोर्ट रूम पेप्सिको, कोका कोला जैसी मल्टीनेशनल कंपनी व बिड़ला जैसे बड़े औद्योगिक घरानों का भी प्रतिनिधित्व किया।
संविधान का ये बड़ा संशोधन भी जेटली की देन :
अरुण जेटली (arun jately) ने वर्ष 2002 में कानून मंत्री रहते संविधान का 84वां संशोधन सफलता पूर्वक पेश किया, जिसमें ये प्रावधान था कि वर्ष 2026 तक लोकसभा व विधानसभा की सीटों में कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा। इस कानून द्वारा संविधान के अनुच्छेद 82 और 170(3) की शर्तों में संशोधन किया गया, ताकि वर्ष 1991 की जनगणना के दौरान सुनिश्चित की गई आबादी के आधार पर प्रत्येक राज्य के लिए आवंटित लोकसभा और राज्यों की विधानसभा सीटों की संख्या में कोई परिवर्तन किए बगैर राज्यों में निर्वाचन क्षेत्रों को परिवर्तित तथा पुनर्गठित किया जा सके।