आर्टिकल 370: जब शाह बोले- कश्मीर के लिए जान दे देंगे
नई दिल्ली। कुछ दिनों से जम्मू-कश्मीर jammu and kashmir को लेकर सब के मन कुछ बड़ा होने वाला है कल राज्यसभा में गृहमंत्री अमित शाह home minister amit shah ने आर्टिकल 370 को हटाकर, जम्मू-कश्मीर को दो टुकड़ों में बांट दिया। जम्मू-कश्मीर को केन्द्र शासित प्रदेश और लद्दाख को केन्द्र शासित प्रदेश बनाया।
संसद के इस निचले सदन में जम्मू-कश्मीर jammu and kashmir पुनर्गठन विधेयक पर चर्चा की मांग करते हुए गृह मंत्री अमित शाह home minister amit shah को विपक्ष के कड़े तेवर का सामना करना पड़ रहा है। बाद में अन्य कांग्रेसी सांसद मनीष तिवारी ने भी सरकार की मंशा पर कई सवाल उठाए जिसका गृह मंत्री ने भी जोरदार जवाब दिया।
शाह ने टोका तो बैकफुट पर आए अधीर
लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा सरकार पर आरोप लगाया कि रातों-रात नियम-कानून का उल्लंघन करके जम्मू-कश्मीर को तोड़ा गया है। उन्होंने कहा, ’22 फरवरी, 1994 में इस सदन में जम्मू-कश्मीर को लेकर एक संकल्प लिया गया था।
लेकिन, आप पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के बारे में सोच रहे हैं, ऐसा नहीं लगता है। आपने रातों-रात नियम-कानूनों का उल्लंघन करके एक स्टेट को दो टुकड़े करके संघशासित प्रदेश बना दिए।
दोबारा घिरे कांग्रेस सांसद
इस पर शाह ने स्पष्ट करने को कहा कि कौन सा नियम-कानून तोड़ा गया। उन्होंने कहा, ‘देश की सबसे बड़ी पंचायत में इस तरह जनरल बातें नहीं होनी चाहिए। कौन सा नियम तोड़ा, यह बताया जाए, मैं उसका उत्तर दूंगा। फिर कांग्रेस सासंद ने कहा कि ‘आपने कहा कि कश्मीर आंतरिक मामला है, लेकिन 1948 से संयुक्त राष्ट्र की नजर यहां पर बनी हुई है।
अधीर के इस बयान को बीच में काटते हुए गृह मंत्री home minister ने कहा पूछा कि क्या कांग्रेस का यह स्टैंड है कि यूनाइटेड नेशन कश्मीर को मॉनिटर कर सकता है? इस पर कांग्रेस सांसद फिर से बैकफुट पर आ गए और कहा कि वह सिर्फ स्पष्टीकरण चाहते हैं। वह सिर्फ जानना चाहते हैं कि स्थिति क्या है?
कानून बनाने से कोई नहीं रोक सकता: शाह
बाद में गृह मंत्री ने आगे कहा कि यह राजनीतिक नहीं, कानूनी विषय है। जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, इस बारे में कोई कानूनी विवाद नहीं है। शाह ने कहा, ‘भारत और जम्मू कश्मीर के संविधान में बहुत साफ है कि वह भारत का अभिन्न अंग है।
जम्मू कश्मीर में संविधान के आर्टिकल 1 के सारे अनुच्छेद लागू हैं।
इस अनुच्छेद के मुताबिक भारत एक सभी राज्यों का संघ है। सीमाओं की व्याख्या करते हुए राज्यों की लिस्ट भी दी है। इसमें 15वें नंबर पर जम्मू कश्मीर है। इससे साफ है कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है।
इस पर कानून बनाने के लिए देश की सबसे बड़ी पंचायत संसद को अधिकार है। हमें कोई कानून बनाने और संकल्प के लिए कोई रोक नहीं सकता है। इसी अधिकार के तहत कैबिनेट की अनुशंसा पर राष्ट्रपतिजी की मंजूरी से मैंने ये दोनों चीजें यहां पर लाई है।