Arpa Bhainsazaar Project Scam : अपर कलेक्टर राठौर पर कसेगा EOW का शिकंजा…शासन ने दी जांच की अनुमतिती…न करोड़ से अधिक की अनियमितता उजागर…

Arpa Bhainsazaar Project Scam
Arpa Bhainsazaar Project Scam : अरपा भैंसाझार परियोजना में हुए मुआवज़ा घोटाले में अब बड़ी कार्रवाई तय है। शासन ने रायपुर कलेक्टोरेट में पदस्थ अपर कलेक्टर कीर्तिमान सिंह राठौर के खिलाफ आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) को जांच की अनुमति दे दी है। राठौर तब कोटा (बिलासपुर) में एसडीएम और भू-अर्जन अधिकारी के रूप में पदस्थ थे।
क्या है मामला?
परियोजना के तहत एक ही भूमि सर्वेक्षण नंबर पर अलग-अलग रकबे दिखाकर 3 करोड़ 42 लाख 17 हजार 920 रुपये की अनियमितता की गई। जांच में पाया गया कि तत्कालीन एसडीएम आनंद रूप तिवारी, भू-अर्जन अधिकारी राठौर समेत कई राजस्व और जल संसाधन विभाग(Arpa Bhainsazaar Project Scam) के अधिकारी इसमें दोषी थे।
इस मामले की दोबारा जांच के बाद राजस्व निरीक्षक मुकेश साहू को बर्खास्त कर दिया गया। अब शासन ने राठौर सहित अन्य अधिकारियों पर भी शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है।
किन-किन पर आरोप?
घोटाले में जिन अधिकारियों-कर्मचारियों की भूमिका सामने आई-
आनंद रूप तिवारी (तत्कालीन कोटा एसडीएम)
कीर्तिमान सिंह राठौर (तत्कालीन भू-अर्जन अधिकारी, अब रायपुर अपर कलेक्टर)
मोहर साय सिदार (तत्कालीन नायब तहसीलदार)
राहुल सिंह (तत्कालीन राजस्व निरीक्षक)
दिलशाद अहमद (तत्कालीन पटवारी)
आरएस नायडू, अशोक तिवारी (तत्कालीन कार्यपालन अभियंता, जल संसाधन विभाग)
राजेंद्र प्रसाद मिश्रा (तत्कालीन एसडीओ, तखतपुर)
आरपी द्विवेदी, आरके राजपूत (सब इंजीनियर, जल संसाधन विभाग)
शासन का सख्त संदेश
सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश जारी कर साफ किया कि यह कार्रवाई भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17(क) के तहत होगी। सरकार ने संकेत दिया है कि भ्रष्टाचार में कोई भी अधिकारी-कर्मचारी बख्शा(Arpa Bhainsazaar Project Scam) नहीं जाएगा। अब EOW की विस्तृत जांच के बाद आगे की कानूनी कार्यवाही तय होगी।