संपादकीय: कश्मीर में फिर बड़ा आतंकी हमला

Another major terrorist attack in Kashmir
Another major terrorist attack in Kashmir: जम्मू कश्मीर में पहले लोकसभा चुनाव और फिर विधानसभा चुनाव शांतिपूर्वक संपन्न होने के बाद जम्मू कश्मीर में हालात तेजी से सामान्य हो रहे थे। हालांकि जम्मू कश्मीर में बचे खूचे मुट्ठीभर आतंकवादी जब तब हिंसक वारदात कर अपनी मौजूदगी का एहसास दिलाते रहते थे। किन्तु भारतीय सेना और सुरक्षाबलों ने आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन ऑल आउट चलाकर उनकी कमर तोडऩी शुरू कर दी थी।
इन बचे खूचे मुट्ठीभर आतंकवादियों ने लगभग दो दशक बाद एक बड़ी आतंकी घटना को अंजाम देकर न सिर्फ जम्मू कश्मीर बल्कि पूरे देश में दहशत फैला दी है। पहलगाम में आतंकवादियों ने पर्यटकों को निशाना बनाया जिसमें दो विदेशी पर्यटकों सहित 26 लोग मारे गये। इन आतंवादियों ने पर्यटकों का नाम पूछकर उन्हें गाली मारी थी। निश्चित रूप से यह घटना निंदनीय है और न सिर्फ भारत के लोग बल्कि दुनिया के कई देशों के राष्ट्र प्रमुख आतंवादियों के इस कायराना हमले की कड़े शब्दों में निंदा कर रहे हैं।

यह घटना उस समय हुई है, जब अमेरिका के उपराष्ट्रपति भारत के दौरे पर आये हुए हैं और भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी साउदी अरब के प्रवास थे। हालांकि इस घटना के बाद पीएम मोदी अपने सउदी अरब दौरे को छोड़कर वापस भारत आ गए हैं और उन्होंने नई दिल्ली के एयरपोर्ट पर ही उच्च स्तरीय बैठक लेकर इस घटना के बारे में पूरी जानकारी हासिल की है। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह तत्काल जम्मू कश्मीर रवाना हो गये थे। जाहिर है केन्द्र सरकार ने इस आतंकी हमले को बेहद गंभीरता से लिया है। पीएम मोदी ने स्पष्ट कहा है कि इस घटना के लिए जिम्मेदार आतंवादियों को छोड़ा नहीं जाएगा। भारतीय सेना और सुरक्षाबल के जवानों ने जम्मू कश्मीर में अपना सर्चिंग तेज कर दी है।
देर सबेर वे आतंकवादी जहन्नुम रसीद कर दिए जाएंगे। किन्तु उन आतंकवादियों के मारे जाने से ही करोड़ों भारतीयों के दिल में जो आग लगी हुई है वह नहीं बुझेगी। निर्दोष पर्यटकों को उनका नाम और धर्म पूछकर जिस निर्यदयता के साथ गोलियों से छलनी किया गया है। उससे पूरे देश के लोगों का खून खौल उठा है। सभी एक स्वर में इस बर्बर घटना का तत्काल बदला लेने की मांग कर रहे हैं। आतंकवादी तो किराये के टट्टू हैं। इस घटना के पीछे पड़ोसी देश पाकिस्तान का हाथ है। जब से जम्मू कश्मीर में 370 का खात्मा हुआ है और वहां लोकतांत्रिक प्रक्रिया की बहाली हुई है। तभी से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है और जम्मू कश्मीर में दहशत फैलाने की साजिशें रच रहा है।
भारतीय सेना और सुरक्षाबलों की मुसतैदी के कारण पाकिस्तान के नापाक इरादे कामयाब नहीं हो पा रहे थे। लेकिन आखिरकार उसे एक मौका मिल ही गया। बहरहाल केन्द्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि आतंकवादियों का एजेंडा सफल नहीं होने दिया जाएगा लेकिन यह तभी संभव है जब आतंक का पर्याय बन चुके पाकिस्तान को सबक सिखाया जाएगा। पाकिस्तान के रक्षामंत्री ने बिन मांगे पहले से ही सफाई दे दी है। उन्होंने कहा है कि पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले से पाकिस्तान का कोई लेना देना नहीं है। पाकिस्तान से ऐसी ही प्रतिक्रिया की उम्मीद थी।
यह बात सारी दुनिया जानती है कि पाकिस्तान आतंकवादियों का सबसे बड़ा पनाहगाह बना हुआ है और भारत में पाकिस्तान ही आतंवकवाद की आग को हवा दे रहा है। जिसकी वजह से भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ एक बार सर्जिकल स्ट्राइक की थी और एक बार एयर स्ट्राइक भी की थी। किन्तु इससे भी पाकिस्तान ने कोई सबक नहीं सिखा है। इसलिए यह जरूरी है कि पाकिस्तान के खिलाफ भारत और बड़ी तथा कड़ी कार्यवाही करे। रही बात जम्मू कश्मीर में जो मु_ीभर आतंकवादी बचे रह गए हैं। उनके खिलाफ भी युद्ध स्तर पर अभियान चलाया जाए और चुन-चुन कर उन्हें जहन्नुम रसीद किया जाए। इन आतंवादियों के हिमायतियों को भी न बख्शा जाए।
पहलगाम की घटना से स्पष्ट है कि इन आतंकवादियों को स्थानीय लोगों ने भी मदद की थी ऐसे देश के गद्दारों की भी पहचान की जाये और उनके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया जाये। उम्मीद की जानी चाहिए कि पहलगाम की इस घटना से सबक लेकर केन्द्र सरकार जम्मू और कश्मीर में सुरक्षा के और चाकचौबंद इंतजाम करेगी। ताकि वहां के लोगों के मन से आसुरक्षा की भावना दूर हो सके। गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर की अर्थव्यवस्था पर्यटन पर ही निर्भर यदि वहां पर्यटक ही निशाने पर रहेंगे तो भला वहां जाने की हिम्मत कौन जुटा पाएगा और ऐसी स्थिति में जम्मू कश्मीर का पर्यटन उद्योग ठप पड़ जाएगा।
देखना होगा कि केन्द्र सरकार पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर आगे क्या कदम उठाती है और पाकिस्तान को भी कैसा सबक सिखाती है। पाकिस्तान के खिलाफ अब भारत को कठोर रूख अख्तियार करना ही पड़ेगा और पाकिस्तान को एक आतंवादी देश घोषित कराने के लिए अपने कूटनीतिक प्रयास तेज करने होंगे तभी पाकिस्तान को सबक मिलेगा अन्यथा पहलगाम की तरह ही आगे भी इस तरह के आतंकी हमले होते ही रहेंगे और निहत्थे निर्दोष लोगों के लहू से कश्मीर घाटी लाल होती रहेगी।
पहलगाम की घटना को लेकर पूरे देश में जो गुस्सा देखा जा रहा है, उसे देखते हुए यह उम्मीद की जानी चाहिए कि ऐसे आतंकी हमलों की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए केन्द्र सरकार निश्चित रूप से कोई कड़ा फैसला जल्द से जल्द जरूर लेगी। भारतीय सेना और सुरक्षाबल के जवान भी इस घटना के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों को नेस्तनाबूत करने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ेंगे।