Annapurna Dalbhat Center : योजना को कांग्रेस ने नहीं दी मदद, अब संचालकों को डबल इंजिन की सरकार से उम्मीदें
बिना सरकारी सहयोग के छत्तीसगढ़ अन्नपूर्णा दालभात सेंटर तोड़ रहा दम, मजबूरन जनसहयोग से महगें में खरीद रहे दाल-चांवल
रायपुर/नवप्रदेश। CG Annapurna Dalbhat Center : छत्तीसगढ़ अन्नपूर्णा दालभात सेंटर वालों ने डबल इंजिन सरकार से संघ ने मदद की गुहार लगाई है। संचालक संघ का कहना है कि योजना को कांग्रेस शासनकाल में मदद नहीं मिली और अब संचालकों को बीजेपी शासन से उम्मीद है। वर्तमान में रायपुर रेलवे स्टेशन और जेल परिसर में जनसहयोग से सरकारी योजना को चलाना पड़ रहा है।
देशभर में Annapurna Dalbhat योजना खासी सराही गई थी। इसके तहत सस्ते में ताजा और गरमा गरम भोजन जरूरतमंदों को परोसा जाता था। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के कार्यकाल में इस योजना के तहत दालभात सेंटरों को सस्ते में राशन भी उपलब्ध करवाया जाता था। रायपुर समेत छत्तीसगढ़ के कई अन्य जिलों में अब बिना सरकारी मदद के दालभात संचालक जनसहयोग से इसे चला रहे हैं।
दालभात सेंटर संचालक संघ के अध्यक्ष मोहन चोपड़ा और सचिव अशोक यदु ने नवप्रदेश को बताया कि कांग्रेस शासनकाल में दालभात संचालक संघ को महज दलगत राजनीति के चलते आभाव ग्रस्त बना दिया गया है। अब सत्ता परिवर्तन के बाद बीजेपी शासन आने से Annapurna Dalbhat Sangh की उम्मीदें जगी हैं। ताकि भूखों, गरीबों और निराश्रितों समेत कई जरूरतमंदों के लिए भोजन प्राप्ति की यह संवेदनशील योजना चलती रहेंगी।
5 रूपए की थाली की कीमत हुई ज्यादा
छत्तीसगढ़ Annapurna Pulses Operators Association के सचिव अशोक यदु ने अपनी व्यथा जाहिर करते हुए बोले, योजना की शुरुआत में दाल, चांवल और कई तरह की मदद मिलती थी। इसलिए थाली की कीमत भी महज 5 रूपये थी, लेकिन सरकारी राशन और अन्य जरूरतों की पूर्ति रुकने से हम लोगों के सहयोग से जैसे-तैसे इसे संचालित कर रहे हैं। बाजार भाव से राशन खरीदने और ईंधन आदि का व्यय बढ़ने से मजबूरन ज्यादा पैसा लेना पद रहा है।
डबल इंजिन सरकार से संघ ने लगाई गुहार
केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना दाल भात केंद्र अप्रैल से राज्यभर में बंद होने जा रहा है। बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार अब राज्य सरकार को दाल भात केंद्र के लिए सस्ता चावल देना बंद कर दी। ऐसे में केंद्र और राज्य में डबल इंजिन की सरकार है। इसलिए दालभात संचालक संघ ने PM नरेंद्र मोदी व CM विष्णुदेव साय से पुनः इस लोकहितकारी योजना को शुरू करने की अपील किया है।
केंद्र ने कोटा रोका तो राज्य ने भी मुंह मोड़ा
रायपुर में 11 और प्रदेश भर में 128 दाल भात केंद्र संचालित थे। जो 2004 में अन्नपूर्णा दाल भात योजना के तहत शुरू की गई थी। अभाव और मदद नहीं मिलने से ज्यादातर बंद हैं। जिसके अंतर्गत गरीबों को 5 रुपए में दाल-भात मिलता था। 1 अप्रैल 2022 से यह केंद्र और राज्य सरकार के इंकार के बाद पूरी तरीके से मदद विहीन हो गया। ज्ञात हो कि केंद्र की इस योजना से राज्य भर में हर दिन15 हजार से ज्यादा लोग इसका लाभ लेते थे। जिसमें खाने का रेट 10 रुपए कर दिया गया था।