Anantnag Rape Case : 70 की उम्र में दर्द…इंसाफ की पहली किरण – कोर्ट ने दिखाया समाज को आईना…

अनंतनाग, 1 जुलाई। Anantnag Rape Case : कश्मीर की वादियों में जहां लोग खूबसूरती और सुकून की तलाश में आते हैं, वहां एक 70 वर्षीय महिला पर्यटक के साथ हुई अमानवीय घटना ने समाज की आत्मा को झकझोर कर रख दिया। लेकिन अनंतनाग की अदालत ने इस मामले में जो सख्त टिप्पणी की, वह सिर्फ एक आरोपी को जवाब नहीं था — बल्कि पूरे समाज की उस विकृत मानसिकता और नैतिक पतन पर करारा तमाचा था, जिसकी वजह से ऐसी घटनाएं आज भी घट रही हैं।
कोर्ट का दो टूक जवाब: इंसाफ सिर्फ दया नहीं, ज़रूरत है कठोरता की
अदालत ने आरोपी जुबैर अहमद की जमानत याचिका को खारिज करते हुए साफ कहा –
“यह घटना सिर्फ एक महिला के साथ दुष्कर्म नहीं, बल्कि समाज की नैतिकता के गहरे गिरने का प्रमाण है।”
जज ताहिर खुर्शीद रैना ने कहा कि प्रथम दृष्टया मेडिकल रिपोर्ट, फोरेंसिक साक्ष्य और पीड़िता का बयान, सभी इस जघन्य अपराध को प्रमाणित करते (Anantnag Rape Case)हैं।
“वो अकेली थी, उम्र के उस मोड़ पर जहां सहारा मिलना चाहिए था…”
पुलिस की जांच में सामने आया है कि अप्रैल महीने में एक होटल में ठहरी महिला जब अकेली थी, तभी आरोपी ने उसका कमरा निशाना बनाया। उसने महिला का मुंह कंबल से बंद कर, उसके साथ जबरदस्ती की और खिड़की से फरार हो गया। इस घाव का दर्द सिर्फ शरीर तक सीमित नहीं रहा — महिला कई दिनों तक बैठने और चलने में असमर्थ रही।
बचाव की दलीलें भी बेअसर रहीं
आरोपी ने पुलिस पर पक्षपात और खुद को झूठा फंसाने का आरोप लगाया, लेकिन कोर्ट ने कहा कि इन दलीलों का कोई ठोस आधार (Anantnag Rape Case)नहीं।
जज ने तीखे लहजे में कहा —
“यह पीड़िता कश्मीर की खूबसूरती देखने आई थी… लेकिन वह यहां से क्या लेकर गई? एक ऐसा जख्म, जो जीवन भर के लिए उसकी रूह पर रहेगा।”