Ambikapur Jail Ward Escape : मेडिकल कॉलेज अस्पताल के जेल वार्ड से दो बंदी फरार, दीपावली की रात सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल

Ambikapur Jail Ward Escape
Ambikapur Jail Ward Escape : दीपावली की रात जब पूरा शहर उत्सव की रोशनी में डूबा था, उसी वक्त अंबिकापुर केंद्रीय जेल (Ambikapur Jail Ward Escape) के दो बंदी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के जेल वार्ड से फरार हो गए।
दोनों बंदियों को तबीयत खराब होने के चलते उपचार हेतु वार्ड में भर्ती कराया गया था, लेकिन तड़के करीब तीन बजे वे चुपचाप वहां से निकल भागे।
सुबह ड्यूटी बदलने के दौरान जब पुलिसकर्मियों ने गिनती की, तब फरारी का खुलासा हुआ — जिसके बाद जेल प्रशासन और पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया।
फरार बंदियों की पहचान
पुलिस ने जिन दो बंदियों के फरार होने की पुष्टि की है, वे हैं
रितेश सारथी, निवासी ग्राम अंधला, थाना लखनपुर, जिला सरगुजा (POSCO Act आरोपी)
पवन पाटिल, निवासी ग्राम जमड़ी, थाना भैयाथान, जिला सूरजपुर (NDPS Act आरोपी)
दोनों को कुछ दिन पहले केंद्रीय जेल अंबिकापुर से मेडिकल कॉलेज अस्पताल के जेल वार्ड में शिफ्ट किया गया था। वार्ड के बाहर सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मी तैनात थे, लेकिन किसी को भनक तक नहीं लगी कि दोनों कैदी धीरे-धीरे निकल चुके हैं।
दीपावली की रात बनी फरारी का मौका
सूत्रों के अनुसार, दीपावली की रात आसपास के इलाकों में आतिशबाजी और आवाज़ों के कारण माहौल शोरगुल वाला था।
संभावना जताई जा रही है कि बंदियों ने इसी शोर का फायदा उठाया और वार्ड से निकलकर पिछले हिस्से की दीवार फांद कर फरार हो गए। घटना के तुरंत बाद केंद्रीय जेल प्रशासन ने मणिपुर थाना पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद दोनों आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई है।
एक महीने में दूसरी बड़ी चूक
यह घटना सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है, क्योंकि यह एक महीने के भीतर दूसरी बार हुआ है जब जेल वार्ड से बंदी भागे हैं। चार अक्टूबर की रात बिलासपुर जिले के मल्हार निवासी मुकेश कांत, जो हत्या के मामले में सजायाफ्ता था, उसी वार्ड से फरार हुआ था।
दो दिन बाद उसने पुलिस के सामने सरेंडर किया था, लेकिन बाद में पुनः फरार हो गया। उस मामले में जांच के बाद चार जेल कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया था और अब उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने की तैयारी चल रही है।
प्रशासनिक लापरवाही पर उठे सवाल
लगातार हो रही इन घटनाओं ने न केवल जेल प्रशासन की कार्यशैली बल्कि अस्पताल वार्ड की सुरक्षा व्यवस्था को भी कटघरे में खड़ा कर दिया है। सवाल यह है कि जब वार्ड के बाहर पुलिसकर्मी तैनात थे, तो बंदी आखिर कैसे बिना पकड़े भाग निकले? इस मामले में जांच टीम गठित कर दी गई है और पुलिस ने फरार बंदियों के संभावित ठिकानों पर सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है।
पुलिस की संयुक्त टीम तलाश में जुटी
अंबिकापुर पुलिस और जेल प्रशासन की संयुक्त टीमें अब लगातार इलाके में दबिश दे रही हैं। पास के जिलों की सीमाओं पर नाका बंदी की गई है और दोनों आरोपियों के परिचितों से पूछताछ की जा रही है। अधिकारियों ने कहा है कि बंदियों को जल्द पकड़ लिया जाएगा, साथ ही वार्ड सुरक्षा में हुई किसी भी लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।